राहुल की यात्रा ला रही रंग, अब नौ चुनावी राज्यों में घर-घर पहुंचने की तैयारी
यात्रा से यूपी कांग्रेस संगठन का जोश पहुंचा ऊंचाई पर
गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा पूरी हो गई। ये यात्रा 3 जनवरी से 5 जनवरी तक चली। राहुल गांधी गाजियाबाद के लोनी बॉर्डर से शामली जनपद के कैराना-पानीपत बॉर्डर तक 130 किलोमीटर चले। अब यात्रा हरियाणा राज्य में प्रवेश कर गई है, जहां ये साढ़े 4 दिन रहेगी। इसके बाद एक दिन पंजाब, एक दिन हिमाचल प्रदेश और सात दिन यात्रा कश्मीर में रहेगी। राहुल गांधी 30 जनवरी को कश्मीर में तिरंगा फहराएंगे और 31 जनवरी को तुरंत ही दिल्ली पहुंचकर संसद के बजट सत्र में हिस्सा लेंगे।
विधानसभा चुनाव में दो सीट और लोकसभा चुनाव में शून्य रहने के बावजूद यात्रा के दौरान जबरदस्त माहौल दिखा। इससे सुस्त पड़े कांग्रेस संगठन में नई ऊर्जा आई है। अब संगठन चाहता है कि 2024 तक ऐसा ही माहौल बनाकर रखा जाए। यात्रा के जरिए बनी राहुल की ब्रांड इमेज को कंटीन्यू करने के लिए कांग्रेस लोकसभा चुनाव तक कुछ ऐसे ही कार्यक्रम और करना चाहती है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश कहते हैं, ‘2023 में पश्चिम से पूरब तक ऐसी ही एक और भारत जोड़ो यात्रा निकालने पर विचार हो रहा है। वर्तमान में जारी यात्रा में जो राज्य-जिले छूट गए हैं, उन्हें इसमें शामिल किया जाएगा। इसकी तैयारी हो रही है। चर्चा चल रही है कि इस यात्रा को हम कब निकाल सकते हैं। क्योंकि बीच में संसद सत्र है और फिर बारिश का मौसम भी आ जाता है। लेकिन, मन में विचार जरूर है कि ऐसी एक और यात्रा निकालना अब जरूरी हो गया है।’
इधर, राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ से मिल रहे रिस्पांस को देखते हुए कांग्रेस ने राज्यवार और जनपदवार यात्राएं शुरू की हैं। राहुल के यूपी आने से पहले 75 जिलों में प्रत्येक में 25-25 किलोमीटर की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ निकाली गई थी। असम में 800 द्मद्व यात्रा हो चुकी है। त्रिपुरा में भी ऐसी यात्रा संपन्न हो चुकी है। बिहार में गुरुवार को ही मल्लिकार्जुन खडक़े ने 1200 द्मद्व लंबी यात्रा का शुभारंभ किया है। पश्चिम बंगाल में भी 28 दिसंबर को 880 द्मद्व की यात्रा प्रारंभ हुई है।
भारत जोड़ो यात्रा का समापन 30 जनवरी को कश्मीर में राहुल गांधी ध्वजारोहण के साथ करेंगे। इससे पहले ही कांग्रेस का एक नया कार्यक्रम शुरू हो जाएगा। इसका नाम रखा है ‘हाथ से हाथ जोड़ो’ अभियान। ये अभियान 26 जनवरी से 26 मार्च तक चलेगा। इन दो महीनों में कार्यकर्ता घर-घर जाएंगे। भारत जोड़ो यात्रा की सफलता और संदेश को घर-घर पहुंचाएंगे। इस बहाने कार्यकर्ताओं को घर-घर जाने का मौका मिलेगा।
आपको बता दें कि साल-2023 में देश के 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसमें राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना के अलावा पूर्वोत्तर के त्रिपुरा, मेघालय, नगालैंड और मिजोरम हैं। जम्मू कश्मीर में भी संभावना है कि सरकार अगले साल यहां विधानसभा चुनाव करा सकती है। 9 में से 2 राज्यों राजस्थान और छत्तीसगढ़ में फिलहाल कांग्रेस की सरकार है। इन्हें बचाए रखना कांग्रेस के लिए चुनौती होगा। इन राज्यों के चुनाव परिणाम बताएंगे कि 2024 के लोकसभा चुनाव में हवा किस तरफ बह रही है। कांग्रेस भी इसी को ध्यान में रखकर अपने संगठनात्मक कार्यक्रम चला रही है। संभवत: कांग्रेस ने 9 राज्यों के चुनाव और लोकसभा चुनाव को देखते हुए पश्चिम से पूरब तक ऐसी ही एक यात्रा निकालने का फैसला लिया है।
भारत जोड़ो यात्रा को उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव और मायावती ने पत्र लिखकर समर्थन दिया। वहीं राष्ट्रीय लोकदल, पीस पार्टी, भीम आर्मी समेत तमाम मुस्लिम और अन्य संगठनों ने इस यात्रा से कदमताल की। मुंबई से लेकर यूपी तक कई सेलिब्रेटी इस यात्रा में शामिल हुईं। जम्मू कश्मीर से फारुख अब्दुल्ला समर्थन देने के लिए गाजियाबाद पहुंचे। पूर्व रॉ चीफ एएस दुल्लत से लेकर तमाम एक्स ब्यूरोक्रेट्स ने यात्रा को समर्थन दिया है। किसान आंदोलन के बाद देशभर में उभरे भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत 9 जनवरी को हरियाणा में राहुल गांधी से मिलेंगे। चौतरफा मिल रहे समर्थन से भी कांग्रेस जबरदस्त उत्साहित है।