आज तय होगी खुशी दुबे की जमानत की शर्तें
जेल से बाहर आने में खुशी दुबे में लग सकते हैं सात दिन
कानपुर। खुशी दुबे को भले ही सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है, लेकिन अभी उन्हें जेल से बाहर आने में एक सप्ताह का समय लग सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने जमानत देने के साथ ही आदेश दिया है कि सेशन कोर्ट जमानत की शर्तें तय करेगा। खुशी के वकील ने कानपुर देहात की पाक्सो कोर्ट में जमानत के पेपर दाखिल कर दिया है। अब आज खुशी की जमानत की शर्तों पर फैसला हो सकता है। इसके बाद पूरी प्रक्रिया में एक सप्ताह का समय लग सकता है। इसके बाद खुशी के जेल से बाहर आने की उम्मीद जताई जा रही है।
बिकरू कांड की आरोपी खुशी दुबे का केस कानपुर के वरिष्ठ अधिवक्ता शिवाकांत दीक्षित लड़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत के आदेश की कॉपी गुरुवार को विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट शैलेंद्र कुमार वर्मा की अदालत में दाखिल कर दिया गया है। अब शुक्रवार को कोर्ट खुशी दुबे को किन शर्तों पर जमानत देनी है, यह तय करेगा। कोर्ट से जमानत की शर्तें तय होते ही सभी दस्तावेजों को पूरा करने के बाद शनिवार या सोमवार को जमानत दाखिल कर दी जाएगी।
इसके बाद कोर्ट दाखिल जमानतों का सत्यापन कराएगी। फिर रिपोर्ट आने पर खुशी की रिहाई का परवाना जारी किया जाएगा। खुशी दुबे के अधिवक्ता ने बताया कि मंगल या बुधवार तक खुशी को जेल से बाहर आ जाना चाहिए। लेकिन इस पूरी प्रक्रिया में अधिकतम एक सप्ताह का समय लग सकता है। उधर परिवार के लोगों और खुशी को जमानत दिलाने के लिए संघर्ष करने वाले लोगों में जेल से बाहर आने का बेसब्री से इंतजार है।
खुशी के खिलाफ बिकरू कांड के साथ ही सिम कार्ड मामले में भी एफआईआर दर्ज है। सिम कार्ड मामले में भले ही खुशी को जमानत मिल चुकी है, लेकिन अभी जमानत दाखिल नहीं की गई है। इसके चलते खुशी के बिकरू कांड और सिम कार्ड दोनों ही मामले में अधिवक्ता को जमानतें दाखिल करनी है। इसके बाद खुशी जेल से बाहर आ सकेंगी। खुशी के अधिवक्ता शिवाकांत दीक्षित अपने वकीलों के पैनल के साथ खुशी को जेल से बाहर लाने में पूरी मशक्कत कर रहे हैं।