राहुल का नाइट आउट, जंगल में किया डिनर, सुबह महिलाओं के साथ महुआ बीना, फिर हुए दिल्ली रवाना

नई दिल्ली। हेलीकॉप्टर में फ्यूल खत्म होने की वजह से कांग्रेस नेता राहुल गांधी को शहडोल में रात गुजारनी पड़ी। रात को उन्होंने जंगल में ढाबे में जाकर रात्रिभोज किया। फिर सुबह पांच बजे उमरिया की हवाई पट्टी से दिल्ली के लिए उड़ान भरी। शहडोल से उमरिया तक वे सडक़ मार्ग से गए। रास्ते में महुआ बीन रही महिलाओं के साथ उन्होंने बातचीत की। इस दौरान महुआ भी बीना। महिलाओं से कांग्रेस को वोट देने की अपील भी की।
राहुल गांधी सोमवार को मध्य प्रदेश के सिवनी और शहडोल लोकसभा सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशियों के समर्थन में जनसभा को संबोधित करने मध्य प्रदेश आए थे। उन्होंने सिवनी में सभा को संबोधित किया और फिर शहडोल के बाणगंगा मेला मैदान में भी सभा ली। इसके बाद जब उन्हें लौटना था तब हेलीकॉप्टर का फ्यूल खत्म हो गया। मौसम भी खराब हो चुका था। इस वजह से राहुल को रात शहडोल में गुजारनी पड़ी।
शहडोल से राहुल को हेलीकॉप्टर से जाना था। इसके बजाय उन्होंने सडक़ मार्ग को चुना। सुबह पांच बजे शहडोल से रवाना होने के बाद उमरिया कलेक्टर कार्यालय के पास रास्ते में गाड़ी रुकवाई और महुआ बीन रही महिलाओं के बीच पहुंच गए। वहां उन्होंने उनसे चर्चा की। उन्होंने महुआ अपने हाथ से बीना और टोकरी में रखा। साथ ही साथ उनसे उनकी समस्या भी जानी। उन्होंने कांग्रेस को वोट डालने की अपील भी की। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस की सरकार बनती है तो हम आपके हितों की रक्षा के लिए जरूर ठोस कदम उठाएंगे। आदिवासी महिला एवं पुरुषों के लिए हम हरसंभव प्रयास करेंगे।
राहुल शहडोल के सूर्या इंटरनेशनल होटल में ठहरे थे। रात को उन्होंने होटल से निकलकर उमरिया जिले के पाली थाना क्षेत्र में मदारी ढाबा पर भोजन किया। यह इलाका बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से लगा हुआ है। यहां अक्सर बाघों की साइटिंग भी होती है। इस दौरान उनके साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार भी मौजूद थे।
राहुल गांधी ने उमरिया जिले में न केवल महुआ बीना, बल्कि उसे चखा भी। उमरिया हवाई पट्टी पहुंचने से पहले राहुल गांधी ने जंगल में महिलाओं से बातचीत के बाद महुआ बीना। उन्होंने महुआ को चखा भी। उमरिया में राहुल गांधी मीडिया के सवालों से बचते नजर आए। भाजपा ने कांग्रेस के घोषणा पत्र को मुस्लिम लीग का घोषणा पत्र करार दिया है। इस पर भी चुप ही रहे। राहुल गांधी को सुबह छह बजे उमरिया से उड़ान भरनी थी। फ्यूल समय पर नहीं पहुंचने से उन्हें करीब एक घंटे तक इंतजार करना पड़ा।

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