राजाराम मील का बड़ा बयान, कहा- धनखड़ बीमारी से डरने वाले नहीं थे

जगदीश धनखड़ के करीबी राजा राम मील का कहना है कि वह बेहद मजबूत इच्छा शक्ति वाले शख्स हैं उन्हें ऐसी कोई गंभीर बीमारी नहीं है कि उन्हें पद छोड़ना पड़ता.

4पीएम न्यूज नेटवर्क: जगदीश धनखड़ के करीबी राजा राम मील का कहना है कि वह बेहद मजबूत इच्छा शक्ति वाले शख्स हैं उन्हें ऐसी कोई गंभीर बीमारी नहीं है कि उन्हें पद छोड़ना पड़ता.

उपराष्ट्रपति रहे जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर उनके गृह राज्य राजस्थान में जाट महासभा ने भी हैरानी जताई है. जाट महासभा का साफ तौर पर कहना है कि जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के पीछे बीमारी नहीं, बल्कि कुछ और ही वजह है.

महासभा के अध्यक्ष और जगदीश धनखड़ के करीबी राजा राम मील का कहना है कि वह बेहद मजबूत इच्छा शक्ति वाले शख्स हैं उन्हें ऐसी कोई गंभीर बीमारी नहीं है कि आनन- फानन में उन्हें पद छोड़ना पड़ता. उनके इस्तीफा से जाट समाज के लोग हैरान और आहत दोनों हैं.

राजाराम मील ने आगे कहा कि इस्तीफे के पीछे का सच सामने आना चाहिए. इस बात का खुलासा होना चाहिए कि आखिरकार उन्होंने इस्तीफा क्यों दिया है. राजाराम मील का कहना है कि जगदीप धनखड़ के इस्तीफे को जाट समाज स्वीकार नहीं कर पा रहा है. उनके इस्तीफे का असर उनके गृह राज्य राजस्थान की राजनीति पर निश्चित तौर पर पड़ेगा.

इस्तीफे के पहले के घटनाक्रम तमाम सवाल और आशंका पैदा कर रहे हैं. राजाराम मील का कहना है कि वह जगदीप धनखड़ के साथ लंबे अरसे तक रहे हैं. यह दावे से कह सकते हैं कि वह बीमारी से डरने वाले नहीं थे और सिर्फ बीमारी के आधार पर उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया है. बता दें कि जगदीप धनखड़ राजस्थान के ही झुंझुनू जिले के रहने वाले हैं और जाट समाज से ही आते हैं. जाट समुदाय को आरक्षण समेत अन्य मांगों को लेकर उन्होंने कई आंदोलन भी चलाए थे.

जाटों के लिए लड़े मुकदमे
वकालत करते हुए जाटों के हक की लड़ाई के लिए उन्होंने अदालत में कई मुकदमे भी लड़े थे. जगदीप धनखड़ के इस्तीफा के बाद राजस्थान में जाट राजनीति प्रभावित होना लगभग तय है.

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