राज्यसभा ने इतने सदस्यों को दी विदाई, डीएमके के पीविल्सन का पुनर्निर्वाचन
हरिवंश ने कहा, “इन (सेवानिवृत्त) सदस्यों में से प्रत्येक ने सदन की चर्चाओं में सार्थक योगदान दिया है,

4पीएम न्यूज नेटवर्क: राज्यसभा ने गुरूवार को छह सदस्यों को विदाई दी,जिनमें से डीएमके के सांसद पीविल्सन का राज्यसभा में पुनर्निर्वाचन हुआ है।
इस अवसर पर विभिन्न दलों के नेताओं ने सेवानिवृत्त सदस्यों के लोकतांत्रिक परंपराओं को मजबूत करने में योगदान का सराहना का। राज्यसभा उपाध्यक्ष हरिवंश और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इस अवसर पर विदाई ले रहे सदस्यों में डीएमके, एआईएडीएमके, पीएमके और एमडीएमके के सांसद शामिल थे। इन नेताओं का कार्यकाल समाप्त होने के बाद राज्यसभा में उनके योगदान को लेकर सम्मान समारोह आयोजित किया गया।
एम. मोहम्मद अब्दुल्ला (डीएमके), एन. चंद्रशेखरन (एआईएडीएमके), अंबुमणि रामदास (पीएमके), एम. षणमुगम
(डीएमके), वाइको (एमडीएमके) और पी. विल्सन (डीएमके) का कार्यकाल गुरुवार को समाप्त हो रहा है. उपसभापति हरिवंश, सदन के नेता जेपी नड्डा और विभिन्न राजनीतिक दलों के कई वरिष्ठ सांसदों ने सार्वजनिक संवाद और लोकतांत्रिक परंपराओं को मजबूत करने में सेवानिवृत्त सदस्यों के योगदान की सराहना की.
हरिवंश ने कहा, “इन (सेवानिवृत्त) सदस्यों में से प्रत्येक ने सदन की चर्चाओं में सार्थक योगदान दिया है, अपने साथ विविध अनुभव, दृष्टिकोण और जन सेवा एवं लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति गहरी प्रतिबद्धता की भावना लेकर आए हैं.” उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि जिस नेता ने अपना पूरा जीवन जनता की सेवा में समर्पित कर दिया, वह निष्क्रिय नहीं रहेगा, बल्कि अपनी नियुक्ति के लिए अथक प्रयास करता रहेगा.
सदन की ओर से, उपसभापति ने उनके अच्छे स्वास्थ्य, प्रसन्नता और भविष्य में उनके निरंतर प्रयासों में सफलता की कामना की. केंद्रीय मंत्री और भाजपा अध्यक्ष नड्डा ने कहा कि सेवानिवृत्त सदस्यों ने अपने कार्यकाल के दौरान नीतिगत, कानूनी और सामाजिक मुद्दों सहित विभिन्न पहलुओं पर बहुमूल्य अंतर्दृष्टि प्रदान की और इस प्रकार सदन को समृद्ध बनाया.
भारत के संसदीय व्यवस्था के तहत लोकसभा और राज्यसभा हैं. इसमें लोकसभा में पांच साल का कार्यकाल होता है, जबकि राज्यसभा में छह साल का कार्यकाल होता है. लोकसभा की तरह राज्यसभा कभी भी विघटित नहीं होता है. इसके एक तिहाई सदस्य प्रत्येक दो साल के बाद सेनानिवृत हो जाते हैं और उनकी जगह नए सदस्यों का निर्वाचन होता है. तमिलनाडु के इन सदस्यों की सदस्यता गुरुवार को समाप्त हो रही है. उन्हें राज्यसभा के सदस्यों की ओर से विदाई दी गई और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की गयी.



