रामपुर सांसद की सदस्यता पर मंडरा रहा खतरा, इलाहाबाद हाईकोर्ट में आज सुनवाई
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की हाई प्रोफाइल लोकसभा सीट रामपुर से सपा के टिकट पर सांसद बने मोहिबुल्लाह नदवी की सदस्यता पर सियासी संकट गहराता जा रहा है. बीजेपी के पूर्व सांसद घनश्याम लोधी ने मोहिबुल्लाह की सदस्यता को समाप्त करने के लिए दायर की गई याचिका पर सोमवार को सुनवाई होगी. जस्टिस सीके राय की बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी. रामपुर के सांसद मोहिबुल्लाह पर नामांकन के दौरान हलफनामे में गलत जानकारी देने का आरोप लगाया गया है.
लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद ही बीजेपी के प्रत्याशी रहे घनश्याम सिंह लोधी ने मोहिबुल्लाह नदवी के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी. इस पर हाईकोर्ट ने 21 सितंबर को नोटिस जारी करके मोहिबुल्लाह से जवाब मांगा था. अब 21 अक्टूबर को अब मामले की सुनवाई शुरू हो रही है. मोहिबुल्लाह नदवी को अब अपना जवाब कोर्ट को देना है, जो उन पर आरोप लगाए गए हैं. इस तरह से रामपुर में एक बार फिर से आजम खान पार्ट टू शुरू हो गया है.
बीजेपी उम्मीदवार और पूर्व सांसद घनश्याम सिंह लोधी के द्वारा दायर की गई याचिका में कहा गया है कि मोहिबुल्लाह नदवी ने अपने नामांकन पत्र में कई जानकारियां छिपाई हुई थी. इसमें मोहिबुल्लाह पर अपनी शादी की बात छिपाने के साथ-साथ दिल्ली वक्फ बोर्ड में चल रहे मुकदमें और अपने पेशे की गलत जानकारी देने का आरोप लगाया गया है. घनश्याम लोधी ने कहा कि इस आधार पर मोहिबुल्लाह के निर्वाचन रद्द कर दिया जाना चाहिए. जस्टिस सीके राय की सिंगल बेंच में इस मामले की सुनवाई हो रही है.
घनश्याम सिंह लोधी ने अपने अधिवक्ता शरद शर्मा के जरिए हाईकोर्ट में चुनाव याचिका दायर की थी. अधिवक्ता शरद शर्मा ने बताया कि हाईकोर्ट ने सपा सांसद मोहिबुल्लाह नदवी को नोटिस जारी करके जवाब मांगा था, जिसे दाखिल करने की सोमवार को तारीख है. सपा सांसद को हाईकोर्ट में अपना जवाब दाखिल करना होगा, अगर वो आज यानी 21 अक्टूबर को अपना जवाब दायर नहीं करते हैं तो हाई कोर्ट उन्हें अगली तारीख दे सकता है. इस तरह से कोर्ट उन्हें तीन बार जवाब दायर करने के तीन मौके देगा, अगर वो निर्धारित तारीख पर अपना जवाब दाखिल नहीं करते हैं तो फिर कोर्ट सख्त फैसला लेगा.
रामपुर लोकसभा सीट से सपा के उम्मीदवार मोहिबुल्लाह नदवी को 4 लाख 81 हजार 503 वोट हासिल हुए थे जबकि बीजेपी प्रत्याशी घनश्याम सिंह लोधी को 3 लाख 94 हजार 69 वोट मिले हैं. इस तरह सपा ने 87 हजार 434 वोटों से जीत दर्ज की थी. इसके बाद घनश्याम लोधी ने कोर्ट में एक याचिका दायर की थी, जिसमें कहा गया था कि सपा सांसद मोहिबुल्लाह नदवी ने अपने नामांकन पत्र में कई जानकारियां छिपाई थीं. इस आधार पर उनका निर्वाचन निरस्त कर दिया जाना चाहिए.
सांसद मोहिबुल्लाह नदवी की पांच शदियां हुई हैं, जिसमें उनकी पहली पत्नी संभल की थी. इसके बाद दूसरी रायबरेली और तीसरी रामपुर जिले की थी. मोहिबुल्लाह ने चौथी शादी आगरा निवासी रोमाना परवीन से की थी और पांचवी शादी संभल की समरा नाज से हुई है. मोहिबुल्लाह की आगरा वाली पत्नी के साथ मुकदमा चल रहा है. रोमाना परवीन के साथ मारपीट और दहेज उत्पीडऩ का मामला आगरा कोर्ट में है.
हालांकि, मोहिबुल्लाह नदवी के तरफ से कहना है कि उन्होंने रोमाना परवीन को तलाक दे रखा है, लेकिन याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को तलाक नहीं माना है. रोमाना परवीन से मोहिबुल्लाह का एक बेटा है, उसका नाम अमिनुल्लाह है. बीजेपी नेता घनश्याम लोधी ने सासंद मोहिबुल्लाह नदवी पर आगरा की पत्नी रोमाना परवीन की जानकारी न देने की बात कही गई है.
दिल्ली वक्फ बोर्ड के साथ मोहिबुल्लाह नदवी के चल रहे मुकदमे की जानकारी नामांकन पत्र में छिपाने का आरोप लगाया गया है. मोहिबुल्लाह नदवी दिल्ली संसद मार्ग मस्जिद में इमाम हैं और वक्फ बोर्ड के द्वारा उन्हें तनख्वाह मिल रही है, लेकिन अपना नामांकन पत्र में उन्होंने खुद को किसान दर्शाया है. इस तरह घनश्याम लोधी के द्वारा मोहिबुल्लाह पर नामांकन पत्र में रोमाना परवीन के साथ शादी की बात छिपाने, वक्फ बोर्ड के मुकदमे और खुद को किसान बताने की बात याचिका में कही है. इसी मामले को लेकर हाईकोर्ट ने 21 सितंबर को मोहिबुल्लाह से 21 अक्टूबर को जवाब दाखिल करने के लिए कहा था.
रामपुर में मोहिबुल्लाह का मामला आजम खान पार्ट-2 बताया जा रहा है. रामपुर की सियासत के बेताज बादशाह कहलाने वाले आजम खान की सियासी तूती बोलती थी, लेकिन सूबे की सत्ता बदलते ही संकट खड़ा हो गया था. आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम के ऊपर उम्र छिपाने का आरोप लगा था, जिसे लेकर कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. अदालत ने आजम खान के बेटे की सदस्यता रद्द कर दी थी और सजा भी सुनाई थी. इस मामले में आजम खान और उनके बेटे और पत्नी को जेल जाना पड़ा था. अब वैसा ही मामला रामपुर सांसद के साथ हो गया है, जिसमें नामांकन में अपनी पत्नी के नाम छिपाने के साथ-साथ अपना पेशा और वक्फ बोर्ड में चल रहे मुकदमे को छिपाया गया है. अब हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई शुरू हो गई है, मोहिबुल्लाह नदवी को अपना जवाब दाखिल करना है.