धर्म संसद के बहाने बापू को खारिज करना सबसे बड़ा अधर्म : राकेश टिकैत
जहर उगलने वालों पर हो सख्त कार्रवाई
लखनऊ। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्टï्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने मुजफ्फरनगर में कहा कि धर्म संसद के बहाने राष्टï्रपिता महात्मा गांधी को खारिज करना ही सबसे बड़ा अधर्म है। ऐसे अधर्मियों ने मानवता को कलंकित किया है। रायपुर में आयोजित धर्म संसद के दौरान संत कालीचरण ने विवादित बयान दिया था। भाकियू प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने ट्वीट कर कहा कि रघुपति राघव राजा राम के सहारे राम को जन-जन के घट में रोपित करने वाले महात्मा गांधी जैसे युग पुरुष को तथाकथित धर्म संसद के बहाने खारिज करना ही सबसे बड़ा अधर्म है। भाकियू ऐसे किसी भी कृत्य को सिरे से खारिज करती है। उन्होंने कहा कि ऐसे जहरीले बोल कहने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
टिकैत ने कहा कि राष्टï्रपिता ने अपने अहिंसक आंदोलनों से देश के अंदर आजादी की ललक जगाई और अंग्रेजों को भगाने का कार्य किया। देश हमेशा उनका ऋ णी रहेगा। राकेश टिकैत ने किसान आंदोलन को लेकर कहा यह आंदोलन किसानों के हक के लिए किया गया था। सरकार ने जब हमारी मांगें मान ली तो हम लोग शांति से वापस चले गए। टिकैत बोले कि हमें सरकार से लड़ाई नहीं लड़नी, हमें तो किसानों की समस्याओं का प्राथमिकता से हल हो, इसके बारे में सरकार को जगाना है, बाकी सरकार से हमें कोई दिक्कत नहीं है।
अयोध्या में जमीन खरीद की जांच का दायरा बढ़ेगा
- -नए तथ्य उजागर; इसी हफ्ते सौंपी जाएगी रिपोर्ट
लखनऊ। अयोध्या में राम मंदिर के पांच किलोमीटर के दायरे में विधायक, महापौर और पुलिस-प्रशासन के कई अधिकारियों व कर्मचारियों के रिश्तेदारों के नाम पर जमीनें खरीदने के मामले की प्रदेश की योगी सरकार जांच करवा रही है। अब प्रकरण की जांच का दायरा बढ़ सकता है। मीडिया में यह मामला उजागर होने के बाद शासन राजस्व विभाग से इसकी जांच करा रहा है। सूत्रों के अनुसार पुलिस व प्रशासन के अफसरों के अलावा अयोध्या में बड़ी संख्या में बिजली विभाग के अभियंताओं के रिश्तेदारों के नाम भी जमीनें खरीदी गई हैं। राजस्व विभाग ने माझा बरहटा में जमीनों की खरीद-फरोख्त के दस्तावेज मंगा लिए हैं।
दस्तावेजों को खंगालने के दौरान यह तथ्य भी सामने आया कि माझा बरहटा में बिजली विभाग के अभियंताओं के सगे संबंधियों के नाम भी जमीनें खरीदी गई हैं। फिलहाल विभाग यह पड़ताल कर रहा है कि जमीनें नियमसंगत तरीके से खरीदी गई हैं या नियमों का उल्लंघन कर। राजस्व विभाग की ओर से मुख्यमंत्री कार्यालय को इसी हफ्ते जांच रिपोर्ट सौंपे जाने की संभावना है। सुप्रीम कोर्ट ने नौ नवंबर 2019 को अयोध्या में श्री राम मंदिर निर्माण का फैसला सुनाया था।
कोर्ट के इस आदेश के बाद अयोध्या में जमीन की कीमतें बढ़ने लगी थीं। फरवरी 2020 में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का गठन हुआ था। ट्रस्ट ने लगभग 70 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया था। इसके बाद यहां जमीन खरीदने के लिए होड़ मच गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले सप्ताह अपर मुख्य सचिव राजस्व मनोज कुमार सिंह को मामले की जांच कराने का आदेश दिया है।