बहराइच में दंगाइयों ने महिलाओं और बच्चों को भी नहीं बख्शा
- 4PM की ग्राउंड रिपोर्ट होश उड़ा देगी!
- क्या प्रशासन रोक नहीं सकता था इस दंगे को!
- किसकी थी साजिश बहराइच को जलाने की!
- कौन लगाना चाहता है यूपी में आग
- घरों व दुकानों को फूंक डाला
- डर के साये में रहने को मजबूर हुए लोग
- पुलिस की मौन से लोगों में दहशत
क्षितिज कांत/4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
बहराइच। आखों में दंगाईयों का डर! थोड़ी सी आहट पर सहमें हुए लोग ! पल-पल यह सोचते हुए दरवाजों की ओट में छिपने की कोशिश करते हुए मासूम बच्चे व असहाय महिलाएं कि कहीं से कोई दंगाई आए और उनको नुकसान पहुंचा दे। हम बात कर रहे हैं यूपी के जिला बहराइच का जहां एक युवक की हत्या के बाद भगवा बिग्रेड से जुड़े उपद्रवियों ने कई दुकानों व घरों को आग लगा दिया। इन सबके बीच पुलिस मूक बनी रही। हालांकि लोगों की सूझबूझ से दंगा ज्यादा बड़ा न हो सका।
हांलांकि थोड़े ही समय में इन दंगाइयों ने कई घरों व लोगों के कारोबार को बर्बाद कर दिया। दहशत का माहौल ऐसा है कि मुस्लिम घर छोड़कर भाग गए हैं, गेट पर ताला लगा है। कुछ घर खुले हैं, लेकिन अंदर कोई नहीं हैं। पुलिस ने आसपास के 20 गांवों की पहचान की है। शक है कि उपद्रवी इन्हीं गांवों से आए थे। ‘हमारा सब कुछ बर्बाद हो गया। घर में 50 हजार रुपए रखे थे, दंगाई लूट ले गए। बच्चों के कपड़े, खाने-पीने का सामान जला दिया। हम उनके सामने गिड़गिड़ा रहे थे, लेकिन वे लोग कमरों में घुस-घुसकर आग लगाते रहे। बच्चों के साथ घर की दीवार से सटकर बैठीं आसमां ये बात कहते हुए रोने लगती हैं। 14 अक्टूबर को बहराइच में भड़की हिंसा आसमां के गांव कबिरहन पुरवा तक भी पहुंची थी। 500 से ज्यादा उपद्रवी गांव में घुसे और घरों में आग लगा दी। हिंसा की शुरुआत बहराइच से करीब 40 किमी दूर महाराजगंज कस्बे से हुई थी। कबिरहन पुरवा गांव महराजगंज से सटा है।
हिंसा की आड़ में माहौल बिगाडऩे की साजिश : पुलिस
बहराइच में रविवार को सांप्रदायिक हिंसा भड़कने के बाद प्रदेश का माहौल बिगाडऩे की साजिश के अहम सुराग हाथ लगे हैं। सोशल मीडिया पर कई अकाउंट्स के जरिये वीडियो और भड़काऊ बातें प्रचारित की जाने लगीं। इनमें जुलूस में शामिल लोगों को समुदाय विशेष के घरों में हमले का दोषी ठहराया गया। यह मामला देखते-ही-देखते देश भर में सुर्खियों में आ गया। इसकी वजह से कई अन्य शहरों में भी माहौल बिगडऩे से रोकने के लिए प्रशासन को इंटरनेट सेवाएं बंद करने का एहतियाती कदम उठाना पड़ा। पुलिस सांप्रदायिक हिंसा के अलावा वारदात से जुड़े हर पहलू की गहनता से जांच कर रही है, जिसमें सोशल मीडिया पर माहौल बिगाडऩे की साजिश भी शामिल है। मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर एडीजी कानून-व्यवस्था अमिताभ यश ने बहराइच जाकर हालात पर नियंत्रण किया। इसकी वजह से सोमवार दोपहर के बाद किसी भी इलाके में कोई अप्रिय घटना सामने नहीं आई। हालात सामान्य होने पर एडीजी मंगलवार देर शाम राजधानी वापस आ गए। वह बुधवार को अपनी रिपोर्ट डीजीपी को सौंपेंगे, जिसके तथ्यों के बारे में मुख्यमंत्री को अवगत कराया जाएगा।
4पीएम की टीम को ग्रामीणों ने रोका मांगा आधार कार्ड
रास्ते में 4पीएम मीडिया टीम की गाड़ी को कुछ ग्रामीणों ने रुकवाया और गाड़ी पर मौजूद ड्राइवर कैमरा मैन और रिपोर्टर का आधार कार्ड मांगा, फिर ग्रामीणों ने प्रश्न किया आप किस समुदाय से हैं तो 4पीएम टीम की तरफ से जवाब दिया गया मीडिया से है, तो उधर से बोला गया कि मीडिया नहीं पूछा, हिन्दू हो या मुसलमान? तब टीम ने जवाब दिया गाड़ी पर सब हिन्दू हैं। फिर उधर से बोला गया जय श्री राम बोलो फिर जाने दिया जायेगा। टीम के तरफ से जय श्री राम हुआ फिर वहां पर मौजूद ग्रामीणों ने गाड़ी को आगे जाने दिया। कुछ ग्रामीणों का कहना था अगर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आरोपियों पर एनकाउंटर के साथ बुल्डोजर की कार्यवाही नहीं की तो हालात बद से बदतर होंगे दंगा और भड़केगा।
महाराजगंज में 80 प्रतिशत घर मुसलमानों के
करीब 6 हजार आबादी वाले महाराजगंज में 80 प्रतिशत घर मुसलमानों के हैं। यहां दो दिन से सन्नाटा पसरा है। 13 अक्टूबर, 2024 को कस्बे में प्रतिमा विसर्जन का जुलूस निकला था। इसी दौरान सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई। जुलूस में शामिल एक युवक की मौत से माहौल और बिगड़ गया। इसके बाद से हर गली में 10-10 पुलिसवाले तैनात हैं। बाजार में जली दुकानें, शोरूम, घर और गाडिय़ां दिख रही हैं।
दो दिन बाद बहराइच शांत तनाव बरकरार
हिंसा की आग में दो दिन धधकने के बाद बहराइच में तीसरे दिन पूरी तरह शांति रही। हालांकि लोगों में दहशत और तनाव कायम है। पूरे नगर में पुलिस और पीएसी मुस्तैद रही। अधिकारी गश्त करते रहे। दोपहर बाद दुकानें भी खुलीं। इस बीच एहतियातन इंटरनेट सेवा बाधित रखी गई है।
डीजे पर चल रहे गानों की वजह से माहौल गरमाया
घर की छत पर लगा धार्मिक झंडा हटाने से शुरू हुआ बवाल महाराजगंज के बीचोबीच एक मस्जिद है। इसके सामने लोकल मार्केट है। हिंसा की शुरुआत इसी जगह से हुई थी। रविवार शाम करीब 5: 30 बजे वाली नमाज अदा करने के लिए लोग मस्जिद में आना शुरू हुए थे। उसी वक्त डीजे का शोर होने लगा। 100 से ज्यादा लोग ट्रैक्टर पर देवी प्रतिमा लेकर विसर्जन के लिए जा रहे थे। हाथों में भगवा झंडे लिए भीड़ मस्जिद के सामने पहुंची। डीजे पर चल रहे गानों की वजह से माहौल गरमा गया। बहसबाजी शुरू हो गई।