Potato production in UP:यूपी में इस बार इतने लाख मीट्रिक टन आलू का हुआ उत्पादन, किसान बेहद खुश
उत्तर प्रदेश में अबकी बार आलू की अच्छी पैदावार हुई हैं..जिससे किसान खुश दिखाई दे रहे हैं...और अबकी बार आलू बोने वाले किसानों के लिए लाभ का सौदा हैं...अगर हम आकड़ों की बात करें,तो आकड़े बताते है कि इस बार यूपी में 245 मीट्रिक टन आलू की पैदावार हुई हैं..

Potato production in UP: उत्तर प्रदेश में अबकी बार आलू की अच्छी पैदावार हुई हैं..जिससे किसान खुश दिखाई दे रहे हैं…और अबकी बार आलू बोने वाले किसानों के लिए लाभ का सौदा हैं…अगर हम आकड़ों की बात करें,तो आकड़े बताते है कि इस बार यूपी में 245 मीट्रिक टन आलू की पैदावार हुई हैं..जिसकी वजह से आलू के भाव सामान्य रहने वाले हैं..हर साल कम पैदावार के चलते आलू का दाम बढ़ जाता था…लेकिन अबकी बार ऐसा कुछ भी नहीं हैं..
मिली जानकारी के मुताबिक आपको बता दें,कि उद्यान विभाग आलू निर्यात को बढ़ावा देने का प्रयास शुरू कर दिया है। देशभर में पैदा होने वाले कुल आलू का करीब 35 प्रतिशत आलू का उत्पादन यूपी में होने का अनुमान है। प्रदेश में साल दर साल आलू का उत्पादन बढ़ रहा है। वर्ष 2020-21 में 160 लाख मीट्रिक टन आलू का उत्पादन हुआ था, जो वर्ष 2024-25 में बढ़कर करीब 245 लाख मीट्रिक टन पहुंच गया है।
आपको बता दें,कि उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार एवं कृषि निर्यात राज्यमंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने बताया- कि शीतगृहों की संख्या, भंडारण क्षमता में वृद्धि, किसानों को समय से उचित मूल्य दिलाने के लिए कदम उठाए गए हैं। निजी शीतगृहों में आलू भंडारण की पर्याप्त व्यवस्था है। समस्या होने पर किसान संबंधित जिला उद्यान अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं। कृषि विदेश व्यापार एवं कृषि निर्यात राज्यमंत्री ने बताया- कि प्रदेश में 2207 शीतगृह हैं, जिनकी भंडारण क्षमता 192.43 लाख मीट्रिक टन है। अब तक करीब 144.10 लाख मीट्रिक टन आलू का कोल्ड स्टोर में भंडारण हो चुका है। ऐसे में अब कोल्ड स्टोर में करीब 48.33 लाख मीट्रिक टन भंडारण की जगह बची है।
उन्होंने कहा- कि सरकार शीतगृहों की संख्या और भंडारण क्षमता लगातार बढ़ा रही है। प्रदेश में कहीं भी भंडारण की समस्या नहीं है।
किसानों को समय से उचित मूल्य दिलाने की व्यवस्था गई है। उन्होंने कहा- कि कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के भी प्रयास हैं।कहा, आगे से किसानों से उन किस्मों की ज्यादा बोआई कराई जाएगी, जिनका आसानी से निर्यात किया जा सके। इसके प्रयास शुरू कर दिए गए हैं।
आपको बता दें,कि प्रदेश में खाद्यान्न उत्पादन बढ़कर 669 लाख मीट्रिक टन हो गया है। वर्ष 2016-17 में जहां यह दर 5.1 फीसदी थी, वहीं 2023-24 में बढ़कर 13.7 प्रतिशत हो गई है। शासन के मुताबिक वर्ष 2016-17 में 557 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न उत्पादन था, जो 2023-24 में बढ़कर 669 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच गया है। यही नहीं खाद्यान्न उत्पादकता भी 27 क्विंटल प्रति हेक्टेयर से बढ़कर 31 क्विंटल प्रति हेक्टेयर हो गई है। तिलहन उत्पादन में भी 128 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 400 लाख टन फल और सब्जियों के उत्पादन के साथ प्रदेश ने देश में पहला स्थान हासिल किया है। सरकार ने पीएम कुसुम योजना के तहत 76,189 से अधिक सोलर पंप आवंटित किए हैं। वहीं, मंडी व्यवस्था में तकनीक को बढ़ावा देने से कई सकारात्मक बदलाव देखने को मिले हैं। साथ ही महिला स्वयं सहायता समूहों के जरिए सीडलिंग उत्पादन से 60 हजार महिलाओं को रोजगार मिला।