पेट्रोल-डीजल पर फिर आफत आई, कच्चे तेल के दाम में उछाल
नई दिल्ली। भारत में पहले से महंगाई अपने उच्च स्तर पर चल रही है. इस बीच पेट्रोल-डीजल के भाव बढऩे को लेकर एक नई चिंता सामने आ रही है. क्रूड ऑयल यानी कच्चे तेल की कीमतों में लगातार तेजी देखी जा रही है. बीते एक हफ्ते में इंटरनेशनल मार्केट में इसके प्राइस में 5 डॉलर प्रति बैरल तक का फर्क आ चुका है.
शुक्रवार को ग्लोबल क्रूड ऑयल प्राइस में 2 प्रतिशत का इजाफा देखा गया. रूस से निर्यात होने वाले कच्चे तेल में कमी आने के चलते ये तेजी देखी गई. ब्रेंट क्रूड ऑयल 1.4 डॉलर की तेजी के साथ 82.38 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया. जबकि अमेरिका क्रूड ऑयल के दाम में 1.5 डॉलर तक की बढ़त देखी गई.
रूस के बाल्टिक ऑयल का एक्सपोर्ट दिसंबर महीने में नवंबर के मुकाबले 20 प्रतिशत गिर गया है. यूरोपीय यूनियन और जी7 देशों के ताजा प्रतिबंधों के बाद रूस से बाजार में आने वाले कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आई है. वहीं 5 दिसंबर को रूसी कच्चे तेल की कीमतों पर प्राइस कैप लगा दिया गया है, इसका असर भी उसके निर्यात पर पड़ा है.
प्राइस कैप के जवाब में जहां रूस 2023 की शुरुआत में कच्चा तेल उत्पादन 5 से 7 प्रतिशत घटा सकता है. हालांकि चीन में कोरोना का बढ़ता प्रकोप इसकी मांग को कम कर सकता है. पर इससे वैश्विक बाजार में कच्चे तेल के दाम और बढऩे की ही आशंका है.
अगर बीते एक सप्ताह में क्रूड ऑयल की कीमतों के बढऩे का रुख देखें, तो इसमें तेजी साफ दिखाई देगी. सप्ताह के पहले दिन 19 दिसंबर को डब्ल्यूटीआई क्रूड ऑयल का प्राइस जहां 75.89 डॉलर प्रति बैरल था. 23 दिसंबर को ये 80 डॉलर प्रति बैरल के स्तर को पार कर गया. यानी इसके भाव में 7. 23 प्रतिशत का बदलाव आया है. वहीं इसके दाम में करीब 5 डॉलर का अंतर देखने को मिला है.
भारत में अभी पेट्रोल-डीजल के दाम 21 मई से स्थिर बने हुए हैं. तब सरकार ने ईंधन पर एक्साइज ड्यूटी में कमी की थी. अभी दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 96.72 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 89.62 रुपये प्रति लीटर पर बनी हुई है. हालांकि कुछ वक्त पहले तीन सरकारी तेल कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बदलाव नहीं होने से 21,000 करोड़ रुपये से अधिक के नुकसान की बात की थी. उन्होंने इसके लिए सरकार से क्षतिपूर्ति करने के लिए कहा है.
ऐसे में ये देखना होगा कि क्रूड ऑयल की बढ़ती कीमतों और तेल कंपनियों के घाटे से अभी तक अप्रभावित रही पेट्रोल-डीजल की कीमतें कब तक स्थिर बनी रहती हैं ?