समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क को कोर्ट से झटका, नक्शा न सुधारने पर लगा जुर्माना
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद जियाउर्रहमान बर्क को उनके घर के निर्माण से जुड़े मामले में कोर्ट से बड़ा झटका लगा है।

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद जियाउर्रहमान बर्क को उनके घर के निर्माण से जुड़े मामले में कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। एसडीएम कोर्ट ने सांसद पर ₹1,000 का जुर्माना नक्शे में सुधार कर समय पर पेश न करने के कारण लगाया गया। एसडीएम ने स्पष्ट किया है कि नक्शे में सुधार किए जाने के बाद ही मंजूरी दी जाएगी। इसके साथ ही मामले की अगली सुनवाई की तारीख भी तय कर दी गई है।
यह पहली बार नहीं है जब जियाउर्रहमान बर्क को नक्शे से जुड़े मामले में जुर्माना भुगतना पड़ा हो। इससे पहले भी उन्हें इसी प्रकार का दंड भुगतना पड़ा था। इस बार मामला संभल जिले के दीपा सराय इलाके में स्थित उनके आवासीय निर्माण का है, जहां पर निर्माण कार्य के नक्शे में सुधार कर उसे अनुमोदन के लिए पेश किया जाना था। हालांकि, सांसद बर्क समय रहते ऐसा नहीं कर सके, जिससे जुर्माने की नौबत आई।
15 जुलाई को होगी अगली सुनवाई
एसडीएम कोर्ट ने एमपी जियाउर्रहमान बर्क के मकान के मामले में नक्शा नहीं पेश किए जाने पर एक हजार का जुर्माना लगा दिया. इस पर बर्क के वकीलों ने नक्शा पेश किए जाने को लेकर थोड़ा और समय की मांग की, इस पर कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख 15 जुलाई तय कर दी. यूपी में बिना अनुमति के निर्माण कराना उत्तर प्रदेश रेगुलेशन ऑफ बिल्डिंग ऑपरेशन एक्ट 1958 का उल्लंघन है.
सांसद बर्क पर आरोप है कि उन्होंने नक्शा पास कराए बिना ही घर का निर्माण करा दिया. इसी मामले पर एसडीएम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. सांसद के वकील कोर्ट से लगातार मकान के शमन (वैधता) के लिए समय की मांग करते रहे हैं. खास बात यह है कि हर सुनवाई में या तो साक्ष्य नहीं दिए गए या नक्शा पेश नहीं किया गया, जिस कारण सुनवाई की तारीख बार-बार बढ़ती जा रही है.
2 महीने पहले भी किया गया था जुर्माना
एक बार फिर बर्क के वकीलों ने समय की मांग की है. कोर्ट ने अगली तारीख 15 जुलाई रखी है. बर्क को इस बार एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है, जबकि इससे पहले 2 महीने पहले 500 रुपये का जुर्माना ठोका गया था. सांसद की ओर से मकान को लेकर नक्शा नहीं होने के लिए कोई वैध औचित्य या ठोस कारण कोर्ट या प्रशासन के समक्ष पेश नहीं किया है, बल्कि वे इस केस में विलंब शुल्क सहित नक्शा पास कराने की प्रक्रिया शुरू करने की बात कर रहे हैं.
एसडीएम विकास चंदर का कहना है कि जो नक्शा भेजा गया था, उसमें कुछ सुधार के लिए निर्देश दिए गए थे, और इसमें सुधार के साथ 8 जुलाई को नक्शा पेश करना था, लेकिन ऐसा नहीं किया जा सका. कोर्ट ने इसे आपत्तिजनक माना और इस वजह से एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया.



