CDS अनिल चौहान का बड़ा बयान, बोले-भारत की सुरक्षा पर चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश की नजदीकियों का असर पड़ सकता है
जनरल अनिल चौहान ने कहा कि चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच हितों में संभावित समानता है और इसका भारत की स्थिरता एवं सुरक्षा पर प्रभाव पड़ सकता है.

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क: ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ORF)द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS)जनरल अनिल चौहान ने मंगलवार को महत्वपूर्ण बयान देते हुए कहा कि चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच हितों में संभावित समानता है, जो भारत की स्थिरता और सुरक्षा पर गंभीर प्रभाव डाल सकती है।
सीडीएस जनरल चौहान ने इन तीन देशों के आपसी समीकरणों और उनके बढ़ते सहयोग को लेकर रणनीतिक सतर्कता बरतने की आवश्यकता जताई। उन्होंने कहा कि बदलते भू-राजनीतिक समीकरण भारत के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं, खासकर जब ये देश साझा रणनीतिक हितों के आधार पर एक-दूसरे के करीब आते जा रहे हैं।
इस बयान को क्षेत्रीय सुरक्षा परिदृश्य के संदर्भ में एक अहम चेतावनी माना जा रहा है, क्योंकि भारत पहले से ही सीमावर्ती क्षेत्रों में चीन और पाकिस्तान की गतिविधियों से जूझ रहा है। भारत को अपने कूटनीतिक और सैन्य रणनीतियों को और सशक्त करना होगा ताकि वह इस बदलती स्थिति का प्रभावी ढंग से सामना कर सके।
चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश के अपने-अपने हितों को लेकर एक-दूसरे के प्रति झुकाव का भारत की स्थिरता और सुरक्षा पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है. सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने मंगलवार को एक थिंक टैंक में अपने संबोधन में भारत पाकिस्तान के बीच 7-10 मई के सैन्य संघर्ष का जिक्र करते हुए कहा कि शायद यह पहली बार हुआ जब दो परमाणु हथियार संपन्न देश सीधे तौर पर संघर्ष में शामिल हुए. सीडीएस ने चीन और पाकिस्तान के भारत के प्रति समान हित का जिक्र करते हुए कहा कि पाकिस्तान ने पिछले पांच वर्षों में अपने लगभग 70 से 80 प्रतिशत हथियार और उपकरण चीन से हासिल किए हैं.
भारत के लिए कमजोरियां
उन्होंने कहा कि चीनी सैन्य कम्पनियों की पाकिस्तान में वाणिज्यिक देनदारियां हैं. शीर्ष सैन्य अधिकारी ने कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र के देशों में आर्थिक संकट ने बाहरी शक्तियों को अपना प्रभाव बढ़ाने का मौका दे दिया है, जिससे भारत के लिए कमजोरियां पैदा हो सकती हैं. ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में जनरल अनिल चौहान ने कहा कि चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच हितों में संभावित समानता है और इसका भारत की स्थिरता एवं सुरक्षा पर प्रभाव पड़ सकता है.
सामाजिक और आंतरिक सुरक्षा
जनरल चौहान ने कहा कि भारत जैसे विविधता भरे देश में सामाजिक और आंतरिक सुरक्षा को हल्के में नहीं लिया जा सकता. उन्होंने कहा कि हमारा देश बहुभाषी, बहुधार्मिक और बहुजातीय है, ऐसे में सामाजिक एकता को बनाए रखना बेहद जरूरी है. सामाजिक सुरक्षा व्यवस्था में आंतरिक सुरक्षा को भी अहम स्थान मिलना चाहिए. उन्होंने आगाह किया कि अगर भारत को आंतरिक रूप से कमजोर किया गया, तो बाहरी खतरे और ज्यादा असरदार हो जाएंगे.
भारत की सुरक्षा पर पड़ेगा असर
उन्होंने कहा कि चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच अगर किसी भी तरह का रणनीतिक सहयोग होता है, तो उसका सीधा असर भारत की सुरक्षा पर पड़ेगा. सीडीएस ने कहा कि इन तीनों देशों के साझा हित भारत के खिलाफ एक रणनीतिक चुनौती बन सकते हैं, खासकर तब जब बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिति अस्थिर है और वहां की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना भारत में शरण ले चुकी हैं.



