संजय राउत के बयान से महायुति में मची खलबली, शाह हो गए बेनकाब!

महाराष्ट्र में महायुति सरकार में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। एक तरफ जहां BMC चुनाव चल रहा है तो वहीं दूसरी तरफ महायुति गठबंधन में आपसी कलह देखने को मिल रही है। वहीं इन सबके बीच विपक्ष भी लगातार सत्ताधारी दल पर हमलावर है।

4पीएम न्यूज नेटवर्क: महाराष्ट्र में महायुति सरकार में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। एक तरफ जहां BMC चुनाव चल रहा है तो वहीं दूसरी तरफ महायुति गठबंधन में आपसी कलह देखने को मिल रही है। वहीं इन सबके बीच विपक्ष भी लगातार सत्ताधारी दल पर हमलावर है। दोस्तों आपको बता दें कि महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनावों के पहले चरण की वोटिंग के बीच उद्धव ठाकरे की शिवसेना यूबीटी नेता संजय राउत ने फिर एक बार बड़ा हमला किया है। हेल्थ ब्रेक के बाद लौटे राउत ने महीने भर बाद प्रेस कांफ्रेस की।

जिसमें उन्होंने यह दावा किया कि उन्होंने हमारी जेब निकालने की कोशिश की थी। लिख लो कि अमित शाह उनकी जेब निकाल देंगे। शिंदे के 35 विधायक टूट जाएंगे। हालांकि राउत यहीं नहीं रुके उन्होंने दावा किया कि रवींद्र चव्हाण स्टेट प्रेसिडेंट हैं। उन्हें इसी मकसद से अपॉइंट किया गया है। राउत के इस दावे पर एकनाथ शिंदे की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। उन्होंने हाथ जोड़कर कहा कि मैं उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूं। गौरतलब हो कि राउत का बयान ऐसे वक्त पर सामने आया है जब महाराष्ट्र में नगरपालिका और नगर पंचायत चुनाव के बीच महायुति के दलों में तकरार बढ़ती जा रही है। हाल ही में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण ने कहा था कि उन्हें दो दिसंबर तक महायुति को बचाए रखना है।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि क्या मैंने और मुख्यमंत्री ने आरोप-प्रत्यारोप लगाए? यह लोकल लेवल का चुनाव है। लोकल मुद्दे अलग होते हैं। गौरतलब हो कि मालवण में शिवसेना विधायक नीलेश राणे ने एक स्टिंग ऑपरेशन किया था। इसमें उन्होंने एक बीजेपी पदाधिकारी के घर नोटों से भरा बैग दिखाते हुए कहा था कि बीजेपी नोट से वोट खरीद रही है। उन्होंने कहा था कि रवींद्र चव्हाण ऐसा करवा रहे हैं। इसके बाद नीलेश राणे पर दूसरे के घर में घुसने का मामला दर्ज हुआ था। चव्हाण ने कहा था कि वह दो दिसंबर तक गठबंधन बनाए रखना चाहते हैं। इस घटनाक्रम के बाद शिवसेना के पूर्व एमएलए शहाजी बापू पाटिल के ऑफिस इलेक्शन कमीशन की टीम रेड की है। बीजेपी का मित्र दल होने के बाद भी शिंदे की शिवसेना कई स्थानों पर बीजेपी के सामने है।

राउत ने कहा कि नगर निगम और नगर पंचायत के चुनावों में पैसे का ऐसा खेल पहले कभी नहीं हुआ. हालांकि सरकार ये चुनाव नहीं लड़ रही थी, बल्कि लोकल लेवल पर कार्यकर्ता लड़ रहे थे. अब इन चुनावों के लिए 5 से 6 हेलीकॉप्टर और प्राइवेट प्लेन इस्तेमाल किए जा रहे हैं. यह नगर निगम चुनावों के लिए सत्ता में बैठी 3 पार्टियों के बीच मुकाबला है. संजय राउत ने यह सवाल उठाया कि इतने करोड़ रुपये खर्च करने के बाद आप किसके लिए लड़ रहे हैं?” साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि इस राज्य की चुनावी संस्कृति पूरी तरह से खत्म हो गई है. देवेंद्र फडणवीस की सरकार ने पिछले चार-पांच सालों में इस राज्य की चुनावी संस्कृति को खत्म कर दिया है.

उन्होंने कहा कि हमें हटाने की कोशिश की थी. लेकिन, हम इससे बाहर निकल गए. राउत ने शिंदे को लेकर कहा कि उन्हें लगता है कि दिल्ली के दो नेता उनके पीछे हैं. लेकिन, वे किसी के नहीं हैं. शिंदे की पार्टी में फूट है. यह अमित शाह का बनाया हुआ ग्रुप है. उन्होंने कहा कि पैसे के दम पर चुनाव लड़ना डेमोक्रेसी नहीं है. हम राज्य का नेतृत्व यशवंतराव चव्हाण से देखेंगे. उन्होंने कहा कि शिवसेना और एमएनएस दोनों के बीच अच्छी बातचीत चल रही है.राउत ने कहा, राज ठाकरे ने चुनावों के बारे में एक प्रेजेंटेशन तैयार किया है. कांग्रेस के साथ हमारी बातचीत चल रही है. अगर बिहार चुनाव के बाद उनका कॉन्फिडेंस बढ़ा है तो उन्हें अकेले लड़ने दें. संजय राउत ने कहा, “वह वहां अपने नेताओं से चर्चा करेंगे. हमें लगता है कि कांग्रेस को हमारे साथ होना चाहिए.”

आपको बता दें कि BMC चुनाव को लेकर चल रही तैयारियों को बीच कई मौके पर ऐसा देखा गया है जब एकनाथ शिंदे और सीएम देवेंद्र फडणवीस आमने सामने आये हों और आपसी तकरार हुई हो महाराष्ट्र निकाय चुनाव के बीच डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने बड़ा बयान दिया है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर दिए अपने बयानों के संदर्भ में जुड़े सवाल पर शिवसेना प्रमुख ने कहा कि हां, यह सच है कि मैंने CM पर आरोप लगाए, और उन्होंने भी मुझ पर आरोप लगाए. लेकिन आपको यह समझने की ज़रूरत है कि ये चुनाव लोकल चुनाव हैं, जो बहुत लोकल मुद्दों पर लड़े जाते हैं और लोकल पार्टी वर्कर लड़ते हैं. इन लोकल बॉडी चुनावों में बड़े पॉलिटिकल मुद्दों को उठाने की ज़रूरत नहीं है. लेकिन पार्टी वर्कर चाहते हैं कि उनकी सीनियर लीडरशिप इन चुनाव कैंपेन में उनके साथ आए.’

उन्होंने कहा कि ये चुनाव सिर्फ़ लोकल मुद्दों पर लड़े जाते हैं. ये मज़दूरों के चुनाव हैं, इसलिए बड़े-बड़े पॉलिटिकल भाषणों की ज़रूरत नहीं है. मज़दूर अपने नेताओं की मौजूदगी की तारीफ़ करते हैं, लेकिन हमारी प्राथमिकता विकास से जुड़े मुद्दे हैं.इलेक्शन कमीशन ने कुछ इलाकों में लोकल बॉडी चुनाव टाल दिए हैं. ऐसा बहुत कम होता है. हालांकि दोस्तों इन घटनाओं के बाद शिंदे आग में घी डालने से परहेज कर रहे हैं वहीं जानकारों का कहना है कि दोनों दलों के बीच तल्खी का निर्माण हुआ है। इसकी झलक शिंदे के बयान से मिली। उन्होंने कहा कि देवेंद्र फडणवीस से नहीं मिलने के सवाल पर शिंदे ने कहा कि मैं पहले आया, चीफ मिनिस्टर बाद में आए। दोनों की पैठण में मीटिंग होती है। हम फ़ोन पर बात करते हैं। हमारी चर्चा हर दिन होती है।

महाराष्ट्र निकाय चुनाव राजनीतिक टकराव के साथ और भी रोचक हो गए हैं क्योंकि सहयोगी पार्टियों BJP और शिवसेना के बीच तनाव खुलकर सामने आया है. पिछले दो हफ्तों में यह खींचतान सबसे ज्यादा सिंधुदुर्ग के कंकावली चुनाव में देखने को मिली, जहाँ शिवसेना MLA नीलेश राणे अपने ही छोटे भाई और BJP MLA नितेश राणे के खिलाफ चुनाव मैदान में हैं. 27 नवंबर को किया गया विवाद तब गहरा गया जब नीलेश राणे एक BJP वर्कर के घर में घुसे और वहां मिले कैश को ज़ब्त करने के लिए पुलिस को बुलाया. उनका आरोप था कि यह पैसे वोटर्स में बांटने के लिए रखे गए थे, जिसके बाद दोनों भाइयों के बीच तीखी बहस हुई, और कैंपेन के अंतिम दिन तक विवाद जारी रहा.

वहीं इससे पहले एक और विवाद तब सामने आया जब सोलापुर के संगोला में इलेक्शन कमीशन की टीम ने शिवसेना लीडर और पूर्व MLA शाहजी पाटिल के घर पर, साथ ही कुछ अन्य स्थानीय शिवसेना नेताओं के ठिकानों पर रेड की. शिवसेना ने इस कार्रवाई की टाइमिंग पर गंभीर सवाल उठाए और आरोप लगाया कि यह रेड दरअसल पाटिल द्वारा सोलापुर के गार्डियन मिनिस्टर और BJP लीडर जयकुमार गोर पर कैंपेन रैली के दौरान लगाए गए आरोपों का ‘पोलिटिकल रिप्राइजल’ है. इस बीच, राज्य चुनाव आयोग ने नॉमिनेशन पेपर की अपील प्रक्रिया में बड़ी गड़बड़ी का हवाला देते हुए महाराष्ट्र के कई जिलों में कम से कम 20 म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के चुनाव टाल दिए हैं. SEC ने बताया कि नॉमिनेशन रिजेक्शन की जांच में भारी अनियमितताएं पाई गईं, जिसके चलते इन क्षेत्रों में 2 दिसंबर को होने वाला चुनाव अब 20 दिसंबर को कराया जाएगा.

वहीं आपको बता दें कि महाराष्ट्र में नगर निकाय चुनाव के रिजल्ट्स की तारीखों में भी बड़ा बदलाव कर दिया गया है। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने न सिर्फ मतगणना की तारीख आगे बढ़ाई है बल्कि आचार संहिता लागू होने की तिथि भी आगे बढ़ा दी है. उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने आदेश दिया है कि सभी नगरपरिषद और नगरपंचायत चुनावों के नतीजे अब 21 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे. कुछ नगरपरिषदों से जुड़े मामलों की सुनवाई न्यायालय में लंबित होने के कारण राज्य की लगभग 20 नगरपरिषदों का मतदान टाला गया था. यह चुनाव अब 20 दिसंबर को होगा. याचिका में मांग की गई थी कि सभी चुनावों के नतीजे एक ही दिन घोषित किए जाएँ, अन्यथा 20 नगरपरिषदों के नतीजों पर असर पड़ सकता है. सभी पक्षों के युक्तिवाद सुनकर हाईकोर्ट की खंडपीठ ने निर्देश दिया कि आज जहां मतदान हुआ हो, उन सभी के नतीजे 21 दिसंबर को ही घोषित किए जाएं.

वहीं एग्जिट पोल 20 दिसंबर को चुनाव खत्म होते ही आधे घंटे बाद घोषित किए जा सकते हैं. आचार संहिता भी 20 दिसंबर तक लागू रहेगी. कोर्ट ने कहा है कि जहां चुनाव रद्द हुए हैं, वहां के उम्मीदवारों को पहले मिले चुनाव चिन्ह कायम रहेंगे. गौरतलब है कि जिस तरह से BMC चुनाव को लेकर सियासी पारा हाई है और महायुति में घमासान मचा हुआ है इससे एक बात तो तय है कि इस बार का BMC चुनाव कुछ अगल ही रंग दिखाएगा। अब ये तो चुनावी नतीजों के सामने आने के बाद ही साफ़ हो पाएगा कि किसे कितना फायदा हुआ और किसे कितना नुकसान। खैर ये तो आने वाले नतीजों के बाद ही पता चलेगा।

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