स्क्रैप माफिया रवि काना और उसकी साथी काजल थाईलैंड में गिरफ्तार, दोनों कई दिनों से चल रहे थे फरार

नई दिल्ली। स्क्रैप माफिया और गैंगस्टर रवि नागर उर्फ रवि काना और उसकी महिला सहयोगी काजल झा को थाईलैंड में वहां की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आधिकारिक सूत्रों मे इसकी पुष्टि की है।
गौतमबुद्धनगर कमिश्नरेट पुलिस ने जनवरी 2024 में लुक आउट और रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था। यह नोटिस और रवि पर चल रहे मुकदमों का विवरण पुलिस ने थाईलैंड के साथ साझा किया था। इसी के आधार पर यह गिरफ्तारी होने की बात कही जा रही है। पुलिस रवि काना गिरोह के 14 सदस्यों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। इसमें रवि काना की पत्नी मधु नागर भी शामिल है। इसके साथ ही 100 करोड़ से अधिक की संपत्ति को भी सीज कर चुकी है। चार बैंक खातों को भी फ्रीज किया जा चुका है। रवि काना के खिलाफ नोएडा के सेक्टर-39 में सामूहिक दुष्कर्म और बीटा-2 थाने में गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज किया गया था।
गैंगस्टर के मुकदमे में 16 सदस्य नामजद थे। रवि काना की पत्नी मधु को पुलिस फरवरी 2024 में दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया था। पिछले महीने पुलिस ने रवि काना गैंग के खिलाफ जिला अदालत में 500 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें रवि काना को काले कारोबार का सरगना बताया गया और उसकी सहयोगी काजल झा को इसमें बराबर का हिस्सेदार बताया गया था।
रवि काना दनकौर के गांव दादुपुर के हरेंद्र प्रधान का बड़ा भाई है। साल 2015 में हरेंद्र प्रधान की हत्या हो गई थी और आरोप कुख्यात बदमाश सुंदर भाटी पर था। यह घटना गौतमबुद्ध नगर के चर्चित हत्याकांड में से एक है। इस हत्याकांड के बाद स्क्रैप व सरिया की तस्करी के धंधे का काम रवि काना ने संभाला। साथ ही भाई की हत्या के बाद खुद की जान को खतरा बताते हुए पुलिस से सुरक्षा मांगी थी।
पुलिस से सुरक्षा मिलने के बाद रवि काना ने इसका दुरुपयोग किया। पुलिस सुरक्षा के साथ वह अपराधों को अंजाम देता रहा। उसके खिलाफ मुकदमे दर्ज होते रहे। रवि काना के साथ-साथ हरेंद्र नागर की पत्नी और रवि की भाभी बेवन नागर, भाई राजकुमार नागर को भी पुलिस ने सुरक्षा प्रदान की थी। इस कारण सभी की सुरक्षा छह महीने पहले हटा ली गई।
एक दशक पहले रवि नागर उर्फ रवि काना एक बेरोजगार युवक की तरह छोटे-मोटे काम करता था, लेकिन सरिया के चोरी के अवैध कारोबार में आने के बाद दिन दोगुनी और रात चौगुनी तरक्की की थी। सरिया के अवैध कारोबार में पुलिस समेत सभी अधिकारियों की जमकर शरण मिली और स्क्रैप का माफिया बन बैठा। इसी की बदौलत उसका दिल्ली से लेकर लखनऊ तक कनेक्शन था और इसी की एवज में वह सुरक्षा लेता रहा है।

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