यूपी में तलाश, उत्तराखंड में ब्राह्मण चेहरे को कमान
- महेंद्र भट्ïट को सौंपी उत्तराखंड बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष की कुर्सी
- जातीय और क्षेत्रीय समीकरण साधने पर भाजपा का फोकस
- यूपी में स्वतंत्र देव के इस्तीफे की चर्चा के बाद भी भाजपा पूरी तरह चुप
दिव्यभान श्रीवास्तव
लखनऊ। यूपी में संगठन को मजबूत करने के लिए बीजेपी को प्रदेश अध्यक्ष की तलाश है। जबकि उत्तराखंड में संगठन ने नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति कर दी है। मदन कौशिक की जगह अब प्रदेश की कमान महेंद्र भट्ïट के हाथ में होगी। बीजेपी के राष्टï्रीय महासचिव अरुण सिंह ने महेंद्र भट्ïट को उत्तराखंड बीजेपी का अध्यक्ष बनाने का लेटर जारी कर दिया। उत्तराखंड में बद्रीनाथ से पूर्व विधायक भट्ïट को बीजेपी ने नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। इससे पहले मदन कौशिक और उनके बाद राजपुर विधायक खजान दास के साथ महेंद्र भट्ïट के दिल्ली दौरे के बाद उत्तराखंड में बीजेपी के नए अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर खबर तेज हो गई थी। बताया जा रहा है कि मदन कौशिक को राज्य सरकार में जगह मिल सकती है। केंद्र में शीर्ष नेतृत्व ने उत्तराखंड भाजपा में गढ़वाल से ब्राह्मïण चेहरे को अध्यक्ष बनाने के लिए कवायद तेज की, जिसके बाद ही महेंद्र भट्ïट को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। उत्तराखंड के राजनीतिक परिपेक्ष्य में अकसर देखा गया है कि ब्राह्मïण-ठाकुर समीकरण को देखते हुए पार्टी फैसला लेती है। भट्ïट बद्रीनाथ सीट से दो बार विधायक रह चुके हैं। बीजेपी हाईकमान ने गढ़वाल और कुमाऊं का समीकरण देखते हुए भी महेंद्र भट्ïट को उत्तराखंड भाजपा अध्यक्ष की कमान सौपी है। वहीं उत्तराखंड बीजेपी अध्यक्ष के तय हो जाने के बाद सियासी रूप से देश के सबसे अहम प्रदेश यूपी में बीजेपी के नए सेनापति को लेकर चर्चा फिर तेज हो गई है। फिलहाल स्वतंत्र देव सिंह का जो भी उत्तराधिकारी होगा, उसी के अगुवाई में 2024 के लोक सभा चुनाव होंगे। बता दें कि यूपी में नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति तक प्रदेश अध्यक्ष के कार्यभार स्वतंत्र सिंह के पास बना रहेगा।
यूपी अध्यक्ष के लिए पीएम मोदी खुद गड़ाए हुए नजर
उत्तर प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष के तौर पर तीन साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद स्वतंत्र देव सिंह ने संगठन की कमान छोड़ दी है। इसी वजह से शीर्ष नेतृत्व मिशन 24 को लेकर मंथन में जुटा है। यूपी अध्यक्ष के लिए पीएम मोदी खुद नजर गड़ाए हुए हैं। भाजपा जातीय और क्षेत्रीय समीकरण साधने पर पूरा फोकस कर रही है ताकि 24 के चुनाव में जीत दर्ज कर हैट्रिक लगा सके। फिलहाल दिल्ली में नए प्रदेश अध्यक्ष का चेहरा तय हो चुका है। सूत्रों के मुताबिक दो से तीन दिन में ऐलान भी कर दिया जाएगा। लखनऊ से दिल्ली तक कुछ नामों पर चर्चा चल रही है। इसमें सबसे टॉप पर केशव प्रसाद मौर्य हैं, वे ओबीसी चेहरा हैं। ब्राह्मïण वर्ग से आने वाले दिनेश शर्मा और बीएल वर्मा के नामों पर भी मंथन चल रहा है। प्रदेश अध्यक्ष 2024 के लोक सभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए होगा।
प्रयोग करती रही है बीजेपी
संगठन सूत्रों का कहना है कि बीजेपी अपने फैसले से सरप्राइज करती रही है। 2004 के लोक सभा चुनाव के दौरान केशरीनाथ त्रिपाठी उत्तर प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष थे जबकि 2009 लोक सभा चुनाव के दौरान रमापति राम त्रिपाठी के हाथ में उत्तर प्रदेश बीजेपी की कमान थी। 2014 के लोकसभा चुनाव में ब्राह्मïण नेता लक्ष्मीकांत वाजपेयी प्रदेश अध्यक्ष थे, जिनके अगुवाई में बीजेपी ने 71 सीटों के साथ ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी। 2019 के लोक सभा चुनाव के समय बीजेपी ने महेंद्र नाथ पांडेय को उत्तर प्रदेश में संगठन की कमान सौंपी हुई थी, जिनकी अगुवाई में बीजेपी 63 सीटें जीतने में सफल रही। यूपी में ब्राह्मïण और ठाकुर बीजेपी के कोर वोट बैंक माने जाते हैं। दरअसल, बीजेपी का अब पूरा फोकस 2024 के लोक सभा चुनाव पर है। इसके मद्देनजर सरकार गठन में बीजेपी ने जातीय और क्षेत्रीय समीकरण को साधने की कवायद की है तो अब संगठन की कमान एक मजबूत हाथों में सौंपकर अपनी जीत के सिलसिले को बरकरार रखना चाहती है। वहीं लोक सभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी यूपी संगठन में बड़े बदलाव की भी तैयारी कर रही है।
कौन हैं बीजेपी के नए अध्यक्ष महेंद्र भट्ïट
महेंद्र भट्ïट बदरीनाथ विधानसभा सीट से 2022 में चुनाव हार गए थे। 50 वर्षीय भट्ट ने 1991 से अपना राजनीतिक जीवन की शुरआत की थी। उन्होंने 1996 तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में प्रदेश सह मंत्री, जिला संयोजक, जिला संगठन मंत्री और विभाग संगठन मंत्री के पद पर काम किया। 2002 में उत्तराखंड (तत्कालीन उत्तरांचल) बनने के बाद उत्तरांचल प्रदेश युवामोर्चा का पहला प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था। उन्होंने 32 साल की उम्र में पहली बार नंदप्रयाग सीट से चुनाव लड़ा और 2002 से 2007 तक विधायक रहे। भट्ट 2007 से 2014 तक उत्तराखंड बीजेपी संगठन के कई पदों पर रहे। 2017 में बदरीनाथ विधानसभा सीट से जीतकर विधायक बने।