पीएमओ के दखल से आधी रात रुका वाराणसी डीएम का तबादला
- वाराणसी के डीएम बने रहेंगे कौशल राज शर्मा
- 24 घंटे में आदेश रद्ïद, शासन की पसंद है कौशल राज
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कल 13 आईएएस अधिकारियों के तबादले किए गए थे। 2006 बैच के आईएएस अधिकारी और वाराणसी के जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा को प्रयागराज का कमिश्नर नियुक्त किया गया। उनकी जगह कुशीनगर के डीएम एस.राजलिंगम वाराणसी के नए जिलाधिकारी बनाए गए थे। लेकिन योगी सरकार ने देर रात फैसला लिया कि कौशल राज शर्मा वाराणसी के जिलाधिकारी बने रहेंगे। पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में जिलाधिकारी के रूप में कौशलराज शर्मा ने नवंबर 2019 में को कार्यभार ग्रहण किया था। तीन साल के कार्यकाल में उन्होंने ऐसे कई कार्य किए, जिन्हें वाराणसी में लंबे वक्त तक याद रखा जाएगा। चार्ज संभालने के बाद कोरोना काल में उन्होंने वाराणसी में कोरोना संक्रमण रोकथाम के अलावा कई पीएम के महत्वाकांक्षी परियोजनाओं को लेकर भी सक्रियता दिखाई और प्रदेश और राज्य सरकार से कई बार सराहना भी प्राप्त की। इसके अतिरिक्त पीएम स्वनिधि योजना में देशभर में वाराणसी के नंबर 1 होने पर पीएम द्वारा सम्मानित भी हो चुके हैं। शासन ने वाराणसी के डीएम कौशल राज शर्मा का तबादला रद्द कर दिया है, जिसकी वजह पीएमओ का दखल बताया जा रहा है, क्योंकि वहां कई ऐसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट अभी निर्माणाधीन है जिसके चलते कौशल राज शर्मा को वहां से न हटाने का निर्णय लिया गया। कौशल राज शर्मा का तबादला मंडल आयुक्त के पद पर प्रयागराज किया गया था जो कि 31 जुलाई से प्रभावी होना था। तबादला रद्ïद होने से कुशीनगर के डीएम एस राजलिंगम का भी तबादला रद्ïद करना पड़ा है। इसके अलावा उन्नाव के जिला अधिकारी रविंद्र कुमार को विशेष सचिव खाद्य लखनऊ बनाया गया है। आजमगढ़ के मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत प्रयागराज के अगले मंडलायुक्त होंगे। उद्योग निदेशक मनीष चौहान को आजमगढ़ के मंडलायुक्त की जिम्मेदारी दी गई है।
आईएएस जूथिका ने वीआरएस के लिए किया आवेदन
आईएएस जूथिका पाटणकर ने वीआरएस के लिए राज्य सरकार को आवेदन दिया है। वह 1988 बैच की अधिकारी हैं। वर्तमान में भारत सरकार में तैनात हैं। उनका कार्यकाल जनवरी 2024 तक बचा है। बताया जा रहा है कि उन्होंने व्यक्तिगत कारणों से वीआरएस के लिए आवेदन किया है। 30 साल की सेवा पूरी होने पर आईएएस अधिकारी नियमानुसार वीआरएस ले सकते हैं।
विकास पर ध्यान दे भाजपा : राकेश टिकैत
लखनऊ। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने अलीगढ़ में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी द्वारा राष्टï्रपति पर विवादित टिप्पणी के सवाल पर कहा कि उन्होंने जानबूझकर नहीं कहा। उन्होंने हिंदी में बोलने की कोशिश की। उनसे गलती हुई, जिसे उन्होंने स्वीकार किया है। टिकैत ने कहा कि भाजपा सदन नहीं चलने देगी। जिस तरह से एक विपक्षी नेता के साथ अभद्रता की गई है, वह ठीक नहीं है। जिस तरह से कांग्रेस अध्यक्ष के साथ हुआ वो भी ठीक नहीं है। कोई शब्द मुंह से निकल गया और कहने वाले ने गलती मान ली, अब भाजपा क्या चाहती है। किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि अधीर रंजन चौधरी यह भी कह रहे हैं कि मैं राष्टï्रपति से मिलकर भी मांफी मांगूंगा, अब भाजपा क्या चाहती है, इस बात को बढ़ाना गलत है। भाजपा को विकास कार्यों पर ध्यान देना चाहिए। टिकैत ने कहा कि भाजपा को विकास की बात करनी चाहिए। महंगाई जैसे मुद्ïदों पर अपनी बात रखनी चाहिए। क्षेत्रीय दलों को भी बिना वजह के मुद्ïदे पर बात नहीं करनी चाहिए।
मंकीपॉक्स अलर्ट : संक्रमितों के संपर्क में आने वालों की 21 दिन निगरानी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मंकीपॉक्स का अभी तक एक भी संक्रमित केस सामने नहीं आया है। गौतमबुद्ध नगर के एक संदिग्ध रोगी के सैंपल की रिपोर्ट भी निगेटिव आई है। ऐसे में अभी तक भेजे गए छह सैंपल में से चार सैंपल की रिपोर्ट निगेटिव आई है। मंकीपाक्स के संक्रमण से उत्तर प्रदेश को बचाने के लिए सभी जरूरी उपाय किए जा रहे हैं। इस संबंध में दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं। संक्रमितों के संपर्क में आने वाले व्यक्तियों को 21 दिन मेडिकल टीम की निगरानी में रखा जाएगा। इसमें मास्क पहनना, हाथ साफ रखना, घावों को पूरी तरह से ढककर रखना शामिल है। लक्षण उभरने पर उनकी जांच कराई जाएगी। यूपी के संचारी रोग विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. विकासेंदु अग्रवाल की ओर से सभी जिलों को बचाव के सभी जरूरी उपाय करने के निर्देश दिए गए हैं। 80 हजार निगरानी कमेटियों को अलर्ट कर दिया गया है। यह विदेश व दूसरे राज्यों से आ रहे लोगों पर नजर रखेंगी। गौरतलब है कि मंकीपाक्स का संबंध आर्थोपाक्स वायरस परिवार से है। इस वायरल जूनोटिक बीमारी में चेचक की तरह शरीर में दाने निकल आते हैं। साथ ही बुखार, सिरदर्द व मांसपेशियों में दर्द भी होता है। यह लक्षण मिलने पर मरीज की पहले पालीमरेज चेन रिएक्शन (पीसीआर) जांच कर आर्थोपाक्स का पता लगाया जाता है। यदि रिपोर्ट पाजिटिव आती है तो मंकीपाक्स वायरस का पता लगाने के लिए रियल टाइम पीसीआर जांच कराई जाती है।