वक्फ कानून के विरोध में खड़ा होगा शाहबानो जैसा आंदोलन! दिल्ली में आज मुस्लिम संगठन दिखाएंगे अपनी ताकत

नई दिल्ली। वक्फ कानून को लेकर बीजेपी और मुस्लिम संगठनों के बीच शह-मात का खेल जारी है. नए वक्फ कानून को लेकर बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा जनजागरण अभियान चला रही है तो मुस्लिम संगठन देशभर में ‘वक्फ बचाव अभियान’ के जरिए विरोध प्रदर्शन कर रहे. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अगुवाई में देश के तमाम मुस्लिम संगठन के प्रतिनिधि आज मंगलवार को दिल्ली में वक्फ कानून के विरोध में एकजुट होकर अपनी ताकत दिखाएंगे.
देश के अलग-अलग हिस्सों में मुस्लिम संगठन के लोग वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं. कोलकाता, हैदराबाद और मुंबई सहित कई जगहों पर मुस्लिम समुदाय के लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने वक्फ संशोधन कानून के विरोध में दिल्ली में आज एकजुट होकर अपनी आवाज उठाएंगे. मोदी सरकार से वक्फ कानून वापस लेने की गुहार भी लगाएंगे. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड साफ कह चुका है कि वक्फ कानून जब तक वापस नहीं लिया जाता, तब तक आंदोलन करते रहेंगे.
वक्फ संशोधन कानून को लेकर मुस्लिम संगठन अब पूरी तरह से आर-पार के मूड में हैं. देश के अलग-अलग हिस्सों में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की अगुवाई में मुस्लिम संगठन एकजुट होकर वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे हैं. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में ‘तहफ्फुज-ए-औकाफ कारवां’ (वक्फ की हिफाजत) नाम से बड़ा आयोजन कर रहा है.
तालकटोरा स्टेडियम में होने वाले विरोध प्रदर्शन में देशभर के मुस्लिम संगठनों के प्रतिनिधियों के शामिल होने के साथ-साथ सियासी और सामाजिक क्षेत्र से जुड़े लोग शिरकत करेंगे. दिल्ली में वक्फ कानून के विरोध में मुस्लिमों का सबसे बड़ा जुटाव है, जिसमें मुसलमानों की सबसे बड़ी मिल्ली तंजीम एकजुट हो रही है. सोमवार को जमात-ए-इस्लामी हिंद ने नए वक्फ कानून को तत्काल निरस्त करने का आह्वान किया और लोगों से मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के नेतृत्व में कानून के खिलाफ अभियान को सपोर्ट करने की गुजारिश की है.
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के नेतृत्व में वक्फ कानून को वापस लिए जाने की लड़ाई में जमात-ए-इस्लामी, जमियत उलेमा-ए-हिंद और दूसरे तमाम अहम मुस्लिम संगठनों का समर्थन हासिल है. जमात -ए-इस्लामी हिंद ने वक्फ कानून को मोदी सरकार से तत्काल निरस्त करने का आह्वान किया और लोगों से ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के नेतृत्व में अभियान का समर्थन करने का आग्रह किया. इसके अलावा जमात ए अहलेहदीस और जमियत उलेमा-ए हिंद ने भी अपने-अपने प्रतिनिधियों से तालकटोरा स्टेडियम में पहुंचने की अपील कर रखी है.
मोदी सरकार ने भले ही वक्फ संशोधन कानून को पास कर दिया हो, लेकिन ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड विरोध में सुप्रीम कोर्ट से लेकर सडक़ तक लड़ाई छेड़ रखी है. वक्फ कानून के खिलाफ कोर्ट में कानूनी लड़ाई लड़ रही है तो सडक़ पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर रही. इसी कड़ी में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने तमाम मुस्लिम संगठनों के साथ मिलकर देशभर में ‘वक्फ बचाव अभियान’ चला रही है, जिसके तहत अलग-अलग राज्यों में जाकर कानून के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं.
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड वक्फ बचाव अभियान को पहले फेज में 87 दिन तक चलाने की रूपरेखा बनाई है. इसके तहत देशभर में वक्फ कानून के विरोध में एक करोड़ हस्ताक्षर कराने और उसे पीएम मोदी को भेजने की रणनीति है. मुस्लिम बोर्ड के मुताबिक वक्फ कानून के खिलाफ आंदोलन तब तक चलेगा, जब तक कानून को पूरी तरह निरस्त नहीं कर दिया जाता. वक्फ कानून के खिलाफ ‘वक्फ बचाओ, संविधान बचाओ’ अभियान का नाम दिया गया है, क्योंकि बोर्ड इसे संवैधानिक अधिकारों से जोड़ता है.
वक्फ कानून को लेकर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और दूसरे अन्य मु्स्लिम संगठन ने उसी तरह का तेवर अपना रखा है, जैसे शाहबानो के मामले में किया था. 1985 में शाहबानो मामले को लेकर मुस्लिम संगठनों ने शहर से लेकर गांव तक आंदोलन छेड़ रखा था. उसी तरह से वक्फ कानून को लेकर भी मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड अभियान चला रहा है ताकि जन आंदोलन बना सके.ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की महिला विंग अलग-अलग जगहों पर कार्यक्रम आयोजित कर महिलाओं को जागरूक करेगी.
हैदराबाद के बाद अब दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में ‘तहफ्फुज-ए-औकाफ कारवां’ (वक्फ की हिफाजत) नाम से बड़ा आयोजन किया जा रहा, जिसमें देशभर के मुस्लिम संगठन प्रतिनिधि शिरकत करेंगे. इसके बाद 30 अप्रैल को रात 9 बजे देशभर में लोग अपने घरों, दफ्तरों, और फैक्ट्रियों में आधे घंटे के लिए लाइट बंद कर ‘ब्लैकआउट’ के जरिए प्रतीकात्मक विरोध करेंगे. सात मई को दोबारा से दिल्ली के रामलीला मैदान में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की अगुवाई में एक बड़ा कार्यक्रम करने की योजना बना रखी है.
वक्फ कानून के खिलाफ मुस्लिम समुदाय से हर जुमे की नमाज के बाद मानव श्रृंखला (ह्यूमन चेन) बनाकर प्रदर्शन करने की प्लान बना है. ऐसे ही सभी राज्यों की राजधानियों और जिला मुख्यालयों पर धरना, प्रतीकात्मक गिरफ्तारियां, राष्ट्रपति और गृह मंत्री को ज्ञापन सौंपने की है. वक्फ कानून के विरोध और पूरी तरह निरस्त करने के लिए दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, रांची, लखनऊ, अहमदाबाद जैसे 50 बड़े शहरों में धरना प्रदर्शन और प्रेस कॉन्फ्रेंस करने की रणनीति है. इन शहरों में इस्लामिक रिसर्च स्कॉलर्स और धर्मगुरुओं के साथ बैठकें होंगी, जहां वक्फ कानून के नुकसान बताए जाएंगे.
मोदी सरकार वक्फ कानून को मुस्लिमों की हित में बता रही है जबकि मुस्लिम संगठन शरियत में दखलअंदाजी करार दे रहे हैं. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड महासचिव मौलाना फजलुर रहीम मुजद्दिदी ने वीडियो मैसेज जारी किया है. वीडियो में मुजद्दिदी ने सरकार पर सांप्रदायिक एजेंडा चलाने और धर्मनिरपेक्षता को कमजोर करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि यह अभियान वक्फ संपत्तियों की रक्षा और विधेयक को निरस्त करने की मांग को लेकर चलाया जा रहा है.
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का मानना है कि यह कानून वक्फ संपत्तियों की प्रकृति और स्वायत्तता को सीधे नुकसान पहुंचाएगा, जिसे वे इस्लामी मूल्यों, शरीयत, धार्मिक स्वतंत्रता और भारतीय संविधान के खिलाफ मानते हैं. बोर्ड का दावा है कि नए कानून से वक्फ संपत्तियों को सरकार या व्यक्तियों के लिए हड़पना आसान बनाएगा. कानून में गैर-मुस्लिम सदस्यों को वक्फ बोर्ड में शामिल करने और जिला अधिकारी को संपत्तियों का मूल्यांकन करने का अधिकार देने का विरोध किया जा रहा है.
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का कहना है कि यह वक्फ कानून संविधान के तहत धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन करता है, क्योंकि यह हिंदू और सिख धार्मिक संस्थानों के साथ समान व्यवहार नहीं करता. बोर्ड का मानना है कि वक्फ बोर्डों की शक्तियों को कम करना और सरकारी नियंत्रण बढ़ाना स्वीकार्य नहीं है. ऐसे में वक्फ कानून को सरकार जब तक वापस नहीं लेगी, तब मुस्लिम संगठनों का विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा.

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