आप ने दी भाजपा को पटखनी शैली ओबेरॉय दिल्ली की नई मेयर
150 वोटों के साथ मारी बाजी, भाजपा की रेखा गुप्ता को 116 वोट
गुंडे हार गये, जनता जीत गयी : डिप्टी सीएम
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम यानी एमसीडी को उसका नया मेयर और डिप्टी मेयर मिल गया है। आम आदमी पार्टी की प्रत्याशी शैली ओबरॉय ने मेयर पद का चुनाव जीता है। शैली ओबरॉय को 150 वोट मिले हैं।
शैली ओबेरॉय दिल्ली की पटेल नगर विधानसभा के वार्ड नंबर 86 से पार्षद हैं। 39 साल की शैली ओबेरॉय पेशे से प्रोफेसर हैं, शैली ओबेरॉय ने पीएचडी तक की पढ़ाई की हैं। वहीं पहली बार पार्षद चुनी गई हैं। शैली ओबेरॉय मात्र 269 वोटों से चुनाव जीती थीं। उन्होंने पटेल नगर विधानसभा के वार्ड नंबर 86 से बीजेपी की दीपाली कपूर को हराया था।
बुधवार दोपहर करीब 2 बजे मतगणना शुरू हुई। करीब साढ़े 11 बजे शुरू हुई वोटिंग 2 घंटे से ज़्यादा वक्त तक चली। मेयर चुनाव में दिल्ली के कुल 10 मनोनीत सांसदों, 14 मनोनित विधायकों और 250 में से 241 निर्वाचित पार्षदों ने वोट किया। आम आदमी पार्टी के नेता सदन मुकेश गोयल के आग्रह पर अब मेयर चुनाव में समय बचाने के लिए दो बूथ में वोटिंग शुरु की गई थी। इस जीत के बाद दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने ट्वीट किया। उन्होंने लिखा- गुंडे हार गये, जनता जीत गयी। दिल्ली नगर निगम में आम आदमी पार्टी का मेयर बनने पर सभी कार्यकर्ताओं को बहुत बधाई और दिल्ली की जनता का तहे दिल से एक बार फिर से आभार। आप की पहली मेयर शैली ओबरॉय को भी बहुत बहुत बधाई।
मेयर चुनाव के लिए हैं कुल 274 वोट
मेयर के चुनाव में कुल 274 वोट हैं। इसमें 250 निर्वाचित पार्षद, सात लोकसभा व तीन राज्यसभा सांसद और 14 विधायक शामिल हैं। निगम के सदन में वोटिंग के लिए दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष ने आप के 13 और भाजपा के एक विधायक को मनोनीत किया है। वोटों के खेल में आप भाजपा से आगे दिख रही है। आप के पास 150 वोट हैं, जबकि भाजपा के पास 113 वोट हैं। मेयर चुनाव से पहले मुंडका वार्ड से निर्दलीय चुनाव जीते गजेंद्र दराल भाजपा में आ गए थे। मेयर चुनाव के लिए शैली ओबरॉय आप और रेखा गुप्ता भाजपा की प्रत्याशी हैं।
तीन बार विफल हुई मतदान प्रक्रिया
मेयर चुनाव के लिए अब तक छह जनवरी, 24 जनवरी और छह फरवरी को सदन की बैठक बुलाई गई थी, लेकिन तीनों बार सदन में हंगामे के कारण मेयर का चुनाव नहीं हो पाया। इसके कारण बीते दो महीने में आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच राजनीतिक कलह बहुत ज्यादा बढ़ गई है।