शंकराचार्य को दिल्ली पुलिस ने नरेला में रोका, आज हर दल का खटखटाएंगे दरवाजा

नई दिल्ली। ज्योतिर्मठ पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती आज गोहत्या के मामले को लेकर दिल्ली की सडक़ों पर दिखाई देंगे. उन्होंने अपनी 17 मार्च रणनीति बदलते हुए राजधानी में सभी राजनीतिक पार्टियों के कार्यालय पर जाने का प्लान बनाया है, जहां वे अपनी बात रखेंगे. शंकराचार्य सुबह 11 बजे सबसे पहले सीपीआई पार्टी कार्यालय जाएंगे. इस बीच दिल्ली पुलिस की ओर से शंकराचार्य को नरेला में रोकने का दावा किया गया है.
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने दिल्ली के रामलीला मैदान में धरना देने की इजाजत मांगी थी, लेकिन अधिकारियों ने कानून-व्यवस्था की चिंताओं का हवाला देते हुए इजाजत देने से इनकार कर दिया. इसके बाद शंकराचार्य ने केंद्र सरकार की आलोचना की. साथ ही साथ उन्होंने गोरक्षा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता पर सवाल उठाए.
हरियाणा करनाल के आरएस पब्लिक स्कूल में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान शंकराचार्य ने कहा, ‘लाखों लोग इसमें भाग लेने के लिए तैयार थे, लेकिन सरकार का अंतिम समय में इनकार करना इस मुद्दे पर उसकी ईमानदारी पर संदेह पैदा करता है.’ इसके बाद शंकराचार्य ने गोरक्षा पर सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं से व्यक्तिगत रूप से संपर्क करने और उनका रुख जानने का फैसला किया.
उन्होंने कहा, ‘मैं घर-घर जाकर उनसे सार्वजनिक रूप से अपना रुख बताने के लिए कहूंगा. अभी तक केवल समाजवादी पार्टी के एक नेता ने समर्थन का आश्वासन दिया है, जबकि अन्य चुप हैं.’ शंकराचार्य ने कहा, ‘नेता गायों की रक्षा करने का दावा करते हैं, डेटा बताता है कि प्रतिदिन 80,000 गायों का वध किया जाता है. यह पाखंड खत्म होना चाहिए. एक सच्चा हिंदू गौहत्या बर्दाश्त नहीं कर सकता. अगर यह जारी रहा तो हिंदू राष्ट्र की अवधारणा का कोई मतलब नहीं रह जाएगा.’
उन्होंने सवाल किया, ‘आजादी के बाद से हर नेता ने गोहत्या रोकने का वादा किया है, लेकिन यह 78 साल बाद भी जारी है. जब तक यह खत्म नहीं होता, मैं किसी नेता का मूल्यांकन कैसे कर सकता हूं?’ शंकराचार्य की टिप्पणियों ने गोरक्षा पर बहस को फिर से हवा दे दी है, सियासी गलियारों में फिर से सरगर्मी बढऩे की बात कही जा रही है.