शरद पवार को मिला केंद्र में मंत्री बनने का ऑफर? संजय राउत भडक़े अजित पर तो सुप्रिया ने दी सफाई

नई दिल्ली। केंद्र में विपक्षी पार्टियां एकजुट होकर मोदी सरकार का सामना करने की रणनीति बना रही हैं, लेकिन महाराष्ट्र में इसका रास्ता साफ होता नहीं दिख रहा है। एनसीपी नेता शरद पवार और उनके भतीजे अजित पवार के बीच हुई मुलाकात के बाद कई तरह के कयास लग रहे हैं और विपक्ष में कन्फ्यूजन पैदा कर रहे हैं। इस बीच शिवसेना सांसद संजय राउत ने अहम बयान दिया है और कहा है कि अजित पवार अभी इतने बड़े नेता नहीं हैं कि वह शरद पवार को कुछ ऑफर कर सकें।
दरअसल, कुछ रिपोट्र्स में ये दावा किया गया था कि अजित पवार की ओर से शरद पवार को एनडीए की तरफ से ऑफर दिया गया है, जिसमें केंद्रीय मंत्री का पद ऑफर किया गया है। संजय राउत ने जब प्रेस कॉन्फ्रेंस की तब उन्होंने इसी पर कहा कि अभी अजित पवार इतने बड़े नहीं हुए हैं।
संजय राउत ने कहा कि शरद पवार ने अजित को बनाया है, ना कि अजित ने पवार साहब को बनाया है और उनका कद काफी बढ़ा है। संजय राउत ने साफ किया कि शरद पवार करीब 60 साल राजनीति में बिता चुके हैं, कई बार केंद्र में मंत्री रहे हैं और उनके सामने अजित पवार, हसन मुश्रीफ जैसे लोग काफी छोटे हैं।
अजित पवार ने बीते दिनों एनसीपी को दो फाड़ किया और एक बड़े हिस्से को लेकर शिंदे-फडणवीस सरकार में शामिल हो गए। इसके बाद उन्हें एनडीए की बैठकों में भी देखा गया, इस सबके बीच वह लगातार शरद पवार से मिलते रहे हैं। इसी के बाद कई तरह के कयास लग रहे थे। हालांकि, संजय राउत ने अब कहा है कि महाविकास अघाड़ी में सबकुछ ठीक चल रहा है, मेरी बीते दिन शरद पवार साहब से बात हुई है। संजय राउत ने कहा कि अजित से मुलाकात उनका पारिवारिक मामला है, अगर हमारे गठबंधन की बात करें चाहे वह राज्य के स्तर पर हो या केंद्र के स्तर पर उसमें शरद पवार का अहम रोल है और वह हमारे मार्गदर्शन है। गठबंधन में नाराजगी की जो बातें आ रही हैं, उसमें कोई सच्चाई नहीं है हम मजबूती से देश में चुनाव लड़ेंगे और जीतेंगे।
अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में संजय राउत ने प्रधानमंत्री के उस बयान पर भी निशाना साधा, जिसमें पीएम ने परिवारवाद, भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग की बात कही थी। संजय राउत ने कहा कि ये सब उनकी पार्टी में ही बढ़ रहा है, अगर आपकी लड़ाई भ्रष्टाचार के खिलाफ है तो पूरी एनसीपी आपके झोले में नहीं होती, जिनपर आप 70 हजार करोड़ का घोटाले का आरोप लगाते हैं। 2024 में एक पारदर्शी सरकार देश को मिलेगी।
सुप्रिया सुले ने दी सफाई
कांग्रेस नेताओं द्वारा हो रही बयानबाजी पर एनसीपी नेता सुप्रिया सुले ने भी बयान दिया है। सुप्रिया ने कहा कि किसी ने भी कोई ऑफर नहीं दिया है, उनसे ही पूछा जाए कि वो ऐसा क्यों बोल रहे हैं। मैं लगातार सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे और गौरव गोगोई के संपर्क में हूं, लेकिन हम महाराष्ट्र कांग्रेस नेताओं के संपर्क में नहीं हैं।
बता दें कि अगले साल लोकसभा चुनाव होना है, उससे पहले एनडीए के खिलाफ विपक्ष एकजुट हो रहा है और इसी कड़ी में गठबंधन बना है। गठबंधन की बैठकों के बीच शरद पवार कई बार अजित पवार से मिले हैं, यहां तक कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ भी मंच साझा किया है यही कारण है कि विपक्षी पार्टियों में कन्फ्यूजन भी पैदा हुआ है।

 

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