आंसू बहाना भी सेहत के लिए है फायदेमंद

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
बड़ी से बड़ी तकलीफ होने पर भी आंसू बहाने से बचते हैं तो जान लें खुलकर रोने से सेहत को कई सारे फायदे होते हैं। मेंटल हेल्थ से लेकर फिजिकल हेल्थ पर पॉजिटिव असर पड़ता है। बच्चे जब रोते हैं तो हर कोई उनकी फिक्र करने लगता है। लेकिन जैसे-जैसे बच्चे बड़े होते जाते हैं। उन्हें ना आंसू ना बहाने की नसीहत दी जाती है। खासतौर पर लडक़ों को सिखाया जाता है कि रोना कमजोर होने की निशानी है। लेकिन अगर आप खुलकर आंसू नहीं बहाते तो सेहत को नुकसान पहुंच सकता है। कई सारी रिसर्च में पता चल चुका है कि रोना सेहत के लिए फायदेमंद है। अगर आप खुलकर आंसू बहाते हैं तो इससे मेंटल से लेकर फिजिकल हेल्थ पर पॉजिटिव असर पड़ता है।

मूड सही होता है

अगर आप बुरा लगने पर रोते हैं तो इससे मूड को जल्दी सही होने में मदद मिलती है। साथ ही ऑक्सीटोसिन और एंडोर्फिन हार्मोंस दर्द को कम करते हैं। आप भले ही रोने को कमजोरी समझे लेकिन एक बार रोकर आप ज्यादा कॉन्फिडेंट फील करते हैं। जब कोई इंसान बहुत ज्यादा तनाव में होता है तो उसका दिमाग दबाव में आ जाता है। ऐसे में रोने से दिमाग का दबाव हटता है और शरीर में ऑक्सीटॉसिन और इंडोरफिर कैमिकल्स रिलीज होता है जो मूड को बेहतर करता है और दिमागी दबाव और दर्द को दूर करने में मदद करता है। इससे दिल में छिपा गुबार कम होता है और तनाव कम होता है। इससे भावनात्मक दबाव कम होता है और आपका स्ट्रेस कम होने पर आप बेहतर महसूस कर पाएंगे और सही फैसले कर पाएंगे।

दिमाग को मिलती है शांति

रोने से इमोशन को कंट्रोल करने में मदद मिलती है और मानसिक रूप से शांति मिलती है। ज्यादा स्ट्रेस महसूस होने पर अगर इंसान रोता है तो स्ट्रेस हार्मोंस और दूसरे केमिकल्स कम होते हैं। जिससे स्ट्रेस का लेवल कम होता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक रोने से डायरेक्ट दिमाग शांत होता है। स्टडी के मुताबिक रोने से पैरासिम्पैथेटिक नर्व्स सिस्टम एक्टीविेट होता है। जिससे रिलैक्स होने में मदद मिलती है। रोना आपके दिमाग के साथ साथ आंखों की सेहत को भी दुरुस्त करता है. रोने से जब आंसू निकलते हैं तो आंखों के भीतर छिपे बैठे कई सारे बैक्टीरिया बहकर बाहर निकल जाते हैं। आंसू आंखों में छिपे बैठे कई तरह के रोगाणुओं को बाहर निकाल देते हैं जो आंखों को कई तरह के संक्रमण दे सकते हैं।

बैक्टीरिया मरते हैं

अगर आप आंसू बहाते हैं तो इससे आंखों में मौजूद हार्मफुल बैक्टीरिया को क्लीन होने में मदद मिलती है। आंसूओं में लिसोजाइम नाम का फ्लूएड होता है। 2011 में हुई स्टडी के मुताबिक लिसोजाइम पावरफुल एंटीमाइक्रोबियल प्रॉपर्टी लिए होता है जो आंखों को बैक्टीरिया से बचाता है। अगर आपकी आंखें सूखी लग रही हैं तो लुब्रिकेटिंग आई ड्रॉप्स का इस्तेमाल करें। इसके अलावा घर में जलजमाव वाले क्षेत्र या पोखर बैक्टीरिया का स्थान हो सकते हैं और यदि बच्चे उनमें खेल रहे हैं तो बाद में उनकी आंखों को एंटी-बैक्टीरियल वाइप्स से साफ करना महत्वपूर्ण है नहीं तो आंखें बैक्टीरिया के संपर्क में आ सकती हैं। निकाल देते हैं जो आंखों को कई तरह के संक्रमण दे सकते हैं।

दर्द में राहत

इमोशनल होने पर निकलने वाले आंसू शरीर में ऑक्सीटोसिन और एंडोर्फिन हार्मोंस को रिलीज करते हैं। ये हार्मोंस अच्छा महसूस कराने और इमोशनल दर्द से राहत पहुंचाने में मदद करते हैं। रोने से दर्द कम होता है और बेहतर महसूस होता है। आंसू निकलने से बच्चों में भी बड़ा हसर होता है क्योंकि बच्चे जरा सी चोट लगने पर भी रोने लगते हैं। तभी वो जल्दी ही बेहतर महसूस करते हैं। क्योंकि आंसू निकलने के कारण होता है।

अच्छी नींद के लिए रोना है बेहतर

कुछ लोगों को रात के वक्त नींद नहीं आती, ये दरअसल दिमागी बेचैनी के चलते होता है। ऐसे में रोने से रात को नींद अच्छी आती है। आपने छोटे बच्चों को देखा होगा, रोने के तुरंत बाद उनको गहरी नींद आती है, कई बच्चे तो रोते रोते ही सो जाते हैं क्योंकि रोने से दिमाग शांत होता है।

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