सपा के स्टार प्रचारकों की सूची में शिवपाल का नाम गायब
- प्रचार के लिए 40 नेताओं के नाम तय
लखनऊ। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया (प्रसपा) के अध्यक्ष और समाजवादी पार्टी के टिकट पर जसवंतनगर सीट से विधायक निर्वाचित शिवपाल सिंह यादव और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच मतभेद एक बार फिर समाने आ गए हैं। समाजवादी पार्टी ने आजमगढ़ व रामपुर लोकसभा सीट के उपचुनाव के लिए अपने स्टार प्रचारकों की सूची जारी की है, जिसमें शिवपाल सिंह यादव का नाम शामिल नहीं है। समाजवादी पार्टी ने आजमगढ़ व रामपुर लोकसभा सीट के उपचुनाव के लिए 40 नेताओं के नाम भारत निर्वाचन आयोग को भेज दिए हैं। इसमें सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव, राष्टï्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, प्रमुख महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव, राष्टï्रीय महासचिव मो. आजम खां व उनके बेटे अब्दुल्ला आजम प्रमुख हैं। स्टार प्रचारकों की सूची में शिवपाल सिंह यादव का नाम गायब है। पार्टी के प्रमुख महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव की ओर से चुनाव आयोग को भेजी गई सूची में प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल, महाराष्टï्र के प्रदेश अध्यक्ष अबु आसिम आजमी, पूर्व मंत्री दारा सिंह चौहान, स्वामी प्रसाद मौर्य, इन्द्रजीत सरोज, लालजी वर्मा, राम अचल राजभर, रामगोविन्द चौधरी, माता प्रसाद पाण्डेय, भगवत सरन गंगवार, दुर्गा प्रसाद यादव व नफीस अहमद हैं। 40 स्टार प्रचारकों की सूची में 20 विधायक शामिल हैं। दोनों ही जगह उपचुनाव 23 जून को होगा।
26 जून को मतगणना होगी। बता दें कि शिवपाल सिंह यादव वर्तमान में इटावा जिले के जसवंतनगर विधानसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के विधायक हैं। शिवपाल यादव ने अपने भतीजे व सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से अनबन के बाद अलग पार्टी बना ली थी, लेकिन विधानसभा चुनाव 2022 से पहले दोनों नेताओं में समझौता हो गया था। शिवपाल ने सपा के चुनाव चिह्न पर ही विधानसभा चुनाव लड़ा था। चुनाव परिणाम के बाद शिवपाल और अखिलेश के बीच के बीच फिर से मतभेद बढ़ गए थे।
शिवपाल और अखिलेश के बीच बढ़ी दरार
शिवपाल और अखिलेश के बीच दरार तब बढ़ गई थी, जब उन्होंने अपने चाचा को 26 मार्च को हुई सपा के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक में आमंत्रित नहीं किया था। शिवपाल ने विपक्षी गठबंधन की बैठक में भी हिस्सा नहीं लिया था। शिवपाल ने 31 मार्च को शपथ ली और बाद में वह लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास पहुंचे थे, जिससे उनके पाला बदलने की अटकलों को हवा मिली थी। प्रसपा प्रमुख शिवपाल सिंह यादव ने कुछ माह पहले भाजपा के साथ बढ़ती दोस्ती के तब संकेत दिए थे, जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने के बाद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ट्विटर पर फालो करना शुरू कर दिया था।
अन्ना हजारे दिल्ली में फिर भरेंगे हुंकार
नई दिल्ली। भ्रष्टाचार के खिलाफ वर्ष 2011 में राजधानी दिल्ली में जबर्दस्त आंदोलन चला चुके सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे एक बार फिर हुंकार भरने की तैयारी में नजर आ रहे हैं। उन्होंने अपने नए संगठन राष्टï्रीय लोक आंदोलन का गठन किया है। 84 वर्षीय अन्ना हजारे इस संगठन का एलान अपने जन्म दिन 19 जून को करने वाले हैं। अन्ना 19 जून को दिल्ली आ रहे हैं। वे यहां अपने नए संगठन के कार्यकर्ताओं के एक दिनी प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल होंगे। यह संगठन भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन करेगा। लोकायुक्त कानून में विलंब को लेकर चेतावनी दी थी। उन्होंने इस मामले में पूरे महाराष्टï्र में आंदोलन का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि यदि महाराष्टï्र सरकार ने अगस्त तक ये कानून नहीं बनाया तो पूरे राज्य में आंदोलन चलाया जाएगा। 15 मई को अन्ना ने सीएम उद्धव ठाकरे को इसे बारे में पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने कहा था कि देश में कुछ राज्यों ने लोकायुक्त कानूनों को मार्गदर्शक सिद्धांतों के अनुसार अधिसूचित कर दिया है, लेकिन महाराष्टï्र में अब तक नहीं हुआ है।
2019 में पूर्ववर्ती देवेंद्र फडणवीस सरकार के वक्त मैंने आंदोलन किया था, लेकिन फडणवीस द्वारा मुझे लिखित आश्वासन दिए जाने के बाद कि सरकार मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक मसौदा समिति बनाने के लिए तैयार है, मैंने अपना आंदोलन वापस ले लिया था। इसके बाद मौजूदा एमवीए सरकार ने लोकायुक्त कानून बनाने का वादा किया था, लेकिन अब तक कुछ नहीं किया। अन्ना ने पत्र में कहा था कि महाराष्टï्र सरकार या तो लोकायुक्त कानून लागू करे या सत्ता से हट जाए। लोकायुक्त कानून के पक्ष में आंदोलन शुरू करने के लिए राज्य की 200 तहसीलों में समितियों का गठन किया गया था।