सूखा राहत कोष को लेकर सिद्धारमैया ने वित्तमंत्री पर लगाया आरोप, निर्मला सीतारमण ने बोला झूठ
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
बंगलूरू। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है। सिद्धारमैया के अनुसार केंद्रीय मंत्री ने झूठ बोला कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण सूखा राहत कोष जारी नहीं किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य ने सूखा राहत के लिए दिसंबर में ही अपना ज्ञापन सौंप दिया था। उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा कि कर्नाटक में देश में दूसरा सबसे अधिक टैक्स जमा होने के बावजूद केंद्र सरकार द्वारा राज्य को राहत राशि जारी नहीं की गई।
उन्होंने आगे कहा कि नरेंद्र मोदी 10 साल से प्रधानमंत्री हैं। क्या उन्होंने बेंगलुरु के लिए कुछ किया है? दरअसल सिद्धारमैया कांग्रेस के बेंगलुरु उत्तर लोकसभा उम्मीदवार प्रोफेसर एमवी राजीव गौड़ा के लिए चुनाव प्रचार के दौरान लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि कर्नाटक से 4.30 लाख करोड़ रुपये टैक्स के रूप में केंद्र को जाता है और जब हम सूखा राहत के लिए राशि मांगते हैं, तो केंद्र सरकार द्वारा झूठ बोला जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने दिसंबर में राहत राशि मांगी थी। फिर भी कर्नाटक में सूखा राहत के लिए एक भी रुपया जारी नहीं किया गया। क्या यह कर्नाटक के लोगों के साथ अन्याय नहीं है? गौरतलब है कि सीतारमण ने कहा कि शनिवार को कर्नाटक को सूखा राहत देने में देरी हुई और यह जानबूझकर नहीं किया गया क्योंकि केंद्र को चुनाव आयोग से अनुमति लेनी पड़ी।
केंद्र कर रहा कर्नाटक के साथ अन्याय: शिवकुमार
कर्नाटक सरकार और केंद्र के बीच सूखा राहत राशि को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। इस बीच, कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने एक बार फिर केंद्र की आलोचना की है। साथ ही कहा कि सूखा राहत राशि में देरी को स्वीकार करने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को धन्यवाद दिया। एक कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री शिवकुमार द्वारा संबोधन में कहा गया कि निर्मला सीतारमण ने इस बात को स्वीकार कर लिया है कि उन्होंने राज्य को सूखा राहत राशि देने में देरी की। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री ने कहा है कि आम चुनाव की घोषणा के कारण हम राशि नहीं दे पाएं। मुझे समझ नहीं आता है कि चुनाव और सूखा राहत के बीच क्या संबंध है। केंद्र पर कटाक्ष करते हुए शिवकुमार ने कहा कि लोग जानते हैं कि केंद्र ने कर्नाटक के साथ कितना अन्याय किया है। हमने चार महीने पहले अपनी सूखा राहत राशि के लिए रिपोर्ट प्रस्तुत की थी। अपील के बाद चार महीने तक कोई आदर्श आचार संहिता नहीं थी। अब वह आचार संहिता का बहाना दे रही है। लोग केंद्र के अन्याय से देख रहे हैं। शिवकुमार ने मेकेदातु परियोजना के संबंध में भी जवाब दिया और इस मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री की पिछली निष्क्रियता का उल्लेख किया।