फजीहत करा रहे सिद्धू पर अब मेहरबान नहीं कांग्रेस हाईकमान, नहीं माने तो हो सकती हैं पार्टी से विदाई

सुष्मिता मिश्रा 

कांग्रेस पार्टी अब पूर्व क्रिकेटर के नखरे नहीं उठाएगी। सिद्धू इस्तीफा वापस लेने की शर्तो पर अडिग रहे तो कांग्रेस पंजाब में नया अध्यक्ष नियुक्त करेगी। सिद्धू पर सियासी दबाव बनाने के लिए कांग्रेस नेतृत्व ने नए प्रदेश अध्यक्ष के वैकल्पिक नामों पर गौर करना भी शुरू कर दिया है। हाईकमान ने सिद्धू के रवैये को देखते हुए ही ऐसा कड़ा रुख अपनाया है। सिद्धू ने बुधवार को ट्विटर पर एक वीडियो जारी कर अपने इरादे साफ कर दिए। उन्होंने कहा कि मैं अड़ूंगा और लड़ूंगा, सब जाता है तो जाए।’ यानी वह शांत बैठने वाले नहीं हैं। सिद्धू ने कहा कि मेरा इस्तीफा पंजाब के हितों व नैतिकता के सवाल पर है। मैं इनसे समझौता नहीं करूंगा। उनकी मुख्य नाराजगी डीजीपी और एडवोकेट जनरल (एजी) की नियुक्ति पर है।

कांग्रेस हाईकमान सिद्धू के कदम और व्यवहार से बेहद क्षुब्ध है। अपने इस्तीफे से पहले उन्होंने नेतृत्व से कोई चर्चा तक नहीं की। सिद्धू के इस कदम से पंजाब में कांग्रेस की बमुश्किल थमी खींचतान जहां एक बार फिर नाजुक दौर में पहुंच गई है। वहीं सिद्धू के दबाव में अमरिंदर सिंह की बलि लेने के कारण कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व अपने वरिष्ठ नेताओं के निशाने पर आ गया है।

सिद्धू के इस रुख से पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ही नहीं बल्कि उनके समर्थन में जमकर सियासी बैटिंग करने वाली पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी बहुत हैरान व आहत हैं। हाईकमान की नाराजगी का अंदाजा इसी बात से मिलता है कि पंजाब के प्रभारी महासचिव हरीश रावत को इस बार चंडीगढ़ जाकर सिद्धू को मनाने का प्रयास करने से रोक दिया गया है। हाईकमान ने मुख्यमंत्री चन्नी के इस बयान के जरिये सिद्धू को संदेश भी दे दिया कि पार्टी, हमेशा व्यक्ति से बड़ी होती है। कांग्रेस नेतृत्व का संदेश सिद्धू के लिए साफ है कि आपसी संवाद से छोटी-मोटी शिकायतों का हल निकालने के लिए वे तैयार हैं तो इस्तीफा वापस लेने की पहल उन्हें ही करनी होगी।

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