बच्चे की परवरिश में सिंगल पैरेंट महसूस करते हैं अकेलापन
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
इस बात को तो आप भी अच्छी तरह से समझते होंगे कि बच्चों की परवरिश करना आसान काम नहीं है और अगर आपको अकेले ही ये काम करना पड़े, तो परेशानी और ज्यादा बढ़ जाती है। सिंगल पैरेंट की जिन्हें बच्चे की परवरिश में कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। पार्टनर के साथ काफी चीजें और काम आसान हो जाते हैं लेकिन जब आपको अकेले ही सब काम करने पड़ते हैं, तो आपको अकेलापन घेरना शुरू कर सकता है। सिंगल पैरेंटिंग में सबसे ज्यादा मुश्किल यही एहसास होता है कि आपके पास ऐसा कोई नहीं है जिसका आप सहारा ले सकें। इमोशनल सपोर्ट के लिए आपके पास कोई नहीं होता है। अगर आप भी सिंगल पैरेंटिंग में ऐसा ही महसूस करते हैं तो अपने नेगेटिव विचारों को पॉजिटिव सोच से बदलने की कोशिश करें क्योंकि इससे आपको ही नहीं बल्कि आपके बच्चे को भी फायदा होगा।
बच्चों को डिसिप्लिन सिखाना
पिता के रहते हुए बच्चे आसानी से अनुशासन सीख लेते हैं लेकिन एक सिंगल मदर के लिए यह काम करना थोड़ा मुश्किल होता है। इमोशनल स्ट्रेस की वजह से कुछ बच्चे गलत रास्ते पर चले जाते हैं और उन्हें सुधारना या डिसिप्लिन सिखाना सिंगल पैरेंट के लिए काफी मुश्किल होता है। अगर आप बच्चे की को-पैरेंटिंग कर सकते हैं, तो इस बारे में जरूर सोचें। इससे आपका भी बोझ कम होगा और बच्चे को डिसिप्लिन में रखना भी आसान हो जाएगा।
आत्मविश्वास में कमी
सिंगल पैरेंट को सोसायटी के काफी ताने सुनने पड़ते हैं। सिंगल पैरेंट को सपोर्ट करने के बजाय सोसायटी उन्हें अलग ही नजरों से देखती है, ऐसे में आत्मविश्वास कम होना लाजिमी है। अगर आप पर भी ये चीज हावी हो रही है, तो आप खुद को ऐसी एक्टिविटीज में व्यस्त रखें जो आपका आत्मविश्वास मजबूत करने में मदद कर सकें। अपने आसपास ऐसे लोगों को रखे जो आप पर विश्वास रखते हों और आपको जज किए बिना आपको समझते हों।
आर्थिक बोझ होता है
जब एक ही पैरेंट को अपने बच्चे की जिम्मेदारी संभालनी होती है, तब उन पर आर्थिक बोझ भी बढ़ जाता है। घर के खर्चों के साथ बच्चे की पढ़ाई और उसकी जरूरतों का खर्चा मानसिक तनाव देने लगता है। वहीं बढ़ती आर्थिक जिम्मेदारियों से फ्रस्ट्रेशन होनी शुरू हो जाती है। अगर आप भी इस तरह की प्रॉब्लम से गुजर रहे हैं, तो बच्चे के साथ बैठकर बजट बनाएं और उससे बात करें कि आप किन लग्जरी वाली चीजों को हटा सकते हैं ताकि आपके ऊपर पैसों की तंगी का बोझ ना पड़े।