चीन में हालात बेकाबू! इस शहर में रोज मिल रहे 5 लाख कोरोना केस, ड्रैगन ने पहली बार स्वीकारा
नई दिल्ली। पड़ोसी देश चीन में कोरोना वायरस संक्रमण से हालात बदतर हो रहे हैं. चीनी अधिकारियों ने कहा है कि सिर्फ एक शहर में ही प्रतिदिन लाखों मरीजों की पहचान हो रही है. ऐसा पहली बार है जब चीन ने आधिकारिक रूप से बिगड़ते हालात को स्वीकार किया है. हालात तब खराब हुए जब चीन ने सख्त शून्य कोविड नीति को रद्द करने का फैसला किया. कम्युनिस्ट पार्टी के एक मीडिया आउटलेट ने किंगडाओ के एक स्थानीय अधिकारी के हवाले से बताया कि ईस्टर्न शहर में प्रति दिन 4.9 लाख से 5.3 लाख मरीज सामने आ रहे हैं.
चीन के कई शहरों में हालात इतना खराब है कि यहां अस्पतालों में बेड, मेडिकल इक्वीपमेंट्स तक की कमी देखी जा रही है. इतना ही नहीं क्रिमेटोरियम और फ्यूनेरल होम्स में भी मारा-मारी हो रही है. चीन के किसी भी शहर में एक भी मरीज मिलने के बाद पूरे शहर में टेस्टिंग और सैनिटाइजिंग अनिवार्य था, लेकिन कोविड नीति हटाए जाने के बाद इसमें ढिलाई दे दी गई. अब हालात ये हैं कि लोग टेस्टिंग के लिए तो पहुंच रहे हैं लेकिन अधिकारियों के लिए उसे ट्रैक कर पाना मुश्किल हो रहा है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन फिर कोरोना से होने वाली मौतों की सही जानकारी नहीं दे रहा है.
रिपोर्ट के मुताबिक एक स्थानीय मीडिया आउटलेट ने बताया कि इस सप्ताह के आखिरी तक 10 मिलियन की आबादी वाले शहर में संक्रमण दर 10 फीसदी तक बढ़ सकता है. मीडिया रिपोर्टों में यह भी बताया जा रहा है कि जिस रिपोर्ट में संक्रमण के आंकड़े बताए गए थे, उसे एडिट कर दिया गया है और कथित रूप से आंकड़ों को हटा दिया गया है. चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने शनिवार को बताया कि देशभर में शनिवार को सिर्फ 4,103 मामले ही दर्ज किए गए, जिसमें एक भी मौत नहीं हुई. वहीं शेडोंग प्रांत, जहां किंगडाओ स्थित है – सिर्फ 31 मामले दर्ज किए गए.
चीन में राजनीतिक रूप से संवेदनशील कंटेंट को सेंसर करना आम बात है. सरकार समर्थित मीडिया आउटलेट में बिगड़ते हालात को कमतर आंकने की कोशिश की है, इसके बजाय सरकार समर्थित संस्थानों ने नीतिगत उलटफेर को लॉजिकल और कंट्रोल्ड बताया है. हालांकि इस बीच कुछ मीडिया आउटलेट ने अस्पतालों में बेड और मेडिकल इक्वीपमेंट्स की कमी की बात उजागर की है. स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि 36 मिलियन आबादी वाले पूर्वी जियांग्शी प्रांत में मार्च महीने तक 80 फीसदी आबादी संक्रमित होगी. रिपोर्ट के मुताबिक गुरुवार तक कि दो सप्ताह में अलग-अलग अस्पतालों में 18000 मरीजों को भर्ती कराया गया, लेकिन 500 मरीजों की हालत गंभीर थी.