तो भाजपा को चेतावनी है गडकरी का बयान!
4पीएम की परिचर्चा में प्रबुद्घजनों ने किया मंथन
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4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। बेबाक बयानों के लिए प्रसिद्ध केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का एक बयान सुर्खियों में है। उन्होंने कहा कि मुझे कई बार लगता है कि मैं राजनीति छोड़ दूं। महात्मा गांधी के समय राजनीति देश, समाज, विकास के लिए होती थी। अब राजनीति सिर्फ सत्ता के लिए होती है। ऐसे में सवाल उठता हैं कि क्या नितिन गडकरी ने सच बोला कि अब राजनीति केवल सत्ता के लिए होती है। इस मुद्ïदे पर वरिष्ठï पत्रकार अशोक वानखेड़े, तुलसीदास भोईटे, डॉ. सीपी राय, दिनेश के वोहरा, समीरात्मज मिश्रा और 4पीएम के संपादक संजय शर्मा ने एक लंबी परिचर्चा की।
समीरात्मज मिश्र ने कहा कि गडकरी भी आम आदमी की तरह सोचते हैं। वे मन की बात सार्वजनिक तौर पर बोलते हैं। अक्सर वे ऐसे बयान दे देते हैं कि सबके मन में सवाल उमड़ते रहते हैं। पहले भी उन्होंने ही कहा था कि जनप्रतिनिधि ठीक से काम नहीं करेंगे तो जनता उन्हें जूतों से मारेगी। दिनेश के वोहरा ने कहा कि पहले जिस कैबिनेट के अंदर सरदार पटेल, अंबेडकर, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, सरदार बलदेव थे जो आग में तपकर निकले थे, उस समय सत्ता नाम का शब्द नहीं था, सेवा नाम का शब्द था। अब इनके पहिए सत्ता के हैं। नितिन गडकरी ईमानदारी व्यक्ति है, वह व्यक्ति सत्ता में रहकर भी लगातार चेताता रहता है। अशोक वानखेड़े ने कहा कि समय ऐसा आ गया है कि अब राज कारण नहीं सत्ता कारण है। अब राजनीति में चुनाव जीतना अहम है। आजकल का समाज इस बात को मानने लगा है कि जो जीता वही सिकंदर।
डॉ. सीपी राय ने कहा कि गडकरीजी क्या-क्या खोजते हैं, क्या-क्या सोचते हैं, कह पाना मुश्किल हैं। गडकरी ऐसे है, जिनका संबंध सीधा संघ से है। वो एक अलग तरह के व्यक्ति हैं। तुलसीदास भोईटे ने कहा कि गडकरी के बयान के बाद चर्चा है कि वे सन्यास लेने जा रहे पर ऐसा है नहीं। गडकरी ने कई ऐसे बयान दिए, जिनसे भाजपा को सोचने तक को मजबूर कर दिया।