“शतरंज की कुछ चालें अभी बाकी” प्रियंका गांधी के चुनाव न लड़ने पर बोली कांग्रेस

नई दिल्ली। कांग्रेस ने राहुल गांधी को रायबरेली और अमेठी से किशोरी लाल शर्मा को अपना प्रत्याशी बनाया है। जबकि प्रियंका गांधी एक बार फिर कहीं से नहीं लड़ रही हैं। इसको लेकर लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। इस मामले पर अब कांग्रेस नेता जयराम रमेश की भी प्रतिक्रिया सामने आ गई है।

सोच-समझकर लिया गया फैसला: जयराम

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि राहुल गांधी की रायबरेली से चुनाव लड़ने की खबर पर बहुत सारे लोगों की बहुत सारी राय हैं। लेकिन वह राजनीति और शतरंज के मंजे हुए खिलाड़ी हैं और सोच समझ कर दांव चलते हैं। ऐसा निर्णय पार्टी के नेतृत्व ने बहुत विचार विमर्श करके बड़ी रणनीति के तहत लिया है। इस निर्णय से बीजेपी, उनके समर्थक और चापलूस धराशायी हो गये हैं। बेचारे स्वयंभू चाणक्य जो ‘परंपरागत सीट’ की बात करते थे, उनको समझ नहीं आ रहा अब क्या करें?

“रायबरेली विरासत नहीं कर्तव्य है”

जयराम रमेश ने कहा कि रायबरेली सिर्फ सोनिया जी की नहीं, खुद इंदिरा गांधी जी की सीट रही है। यह विरासत नहीं, जिम्मेदारी है, कर्तव्य है। रही बात गांधी परिवार के गढ़ की तो अमेठी-रायबरेली ही नहीं, उत्तर से दक्षिण तक पूरा देश गांधी परिवार का गढ़ है। राहुल गांधी तो तीन बार उत्तर प्रदेश से और एक बार केरल से सांसद बन गए, लेकिन मोदी जी विंध्याचल से नीचे जाकर चुनाव लड़ने की हिम्मत क्यों नहीं जुटा पाये?

एक बात और साफ है कि कांग्रेस परिवार लाखों कार्यकर्ताओं की अपेक्षाओं उनकी आकांक्षाओं का परिवार है। कांग्रेस का एक साधारण कार्यकर्ता ही बड़े बड़ों पर भारी है। कल एक मूर्धन्य पत्रकार अमेठी के किसी कार्यकर्ता से व्यंग में कह रही थीं कि आप लोगों का नंबर कब आएगा टिकट मिलने का? लीजिए, आ गया। कांग्रेस का एक आम कार्यकर्ता अमेठी में BJP का भ्रम और दंभ दोनों तोड़ेगा।

“प्रियंका तो कोई भी उपचुनाव जीतकर संसद पहुंच जाएंगी”

कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि प्रियंका गांधी धुआंधार प्रचार कर रही हैं और अकेली नरेंद्र मोदी के हर झूठ का जवाब सच से देकर उनकी बोलती बंद कर रही हैं। इसीलिए यह जरूरी था कि उन्हें सिर्फ अपने चुनाव क्षेत्र तक सीमित ना रखा जाए। प्रियंका तो कोई भी उपचुनाव लड़कर सदन पहुंच जायेंगी। आज स्मृति ईरानी की सिर्फ यही पहचान है कि वो राहुल गांधी के खिलाफ अमेठी से चुनाव लड़ती हैं।

अब स्मृति ईरानी से वो शोहरत भी छिन गई। अब बजाय व्यर्थ की बयानबाजी के, स्मृति ईरानी स्थानीय विकास के बारे में जवाब दें, जो बंद किए अस्पताल, स्टील प्लांट और IIIT हैं, उस पर जवाब देना होगा। शतरंज की कुछ चालें बाकी हैं, थोड़ा इंतजार कीजिए।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button