सपा ने मेयर प्रत्याशी किये घोषित
- आठ नगर निगमों के लिए जारी की सूची
- लखनऊ से वंदना मिश्रा मैदान में
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ । सपा ने नगर निकायों के लिए पूरी जोर आजमाइश शुरू कर दी है। इसी के तहत लखनऊ सहित आठ नगर निगमों के महापौर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। लखनऊ से वंदना मिश्रा को उम्मीदवार बनाया गया है।
महापौर, नगर पालिका परिषद और नगर पंचायत अध्यक्षों के नाम को लेकर पार्टी के नेताओं ने बुधवार को दिन भर बैठकें कीं। इस दौरान महापौर को लेकर अलग-अलग नामों पर चर्चा हुई। इसके बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की मौजूदगी में महापौर के उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की गई। इनमें से लखनऊ से उम्मीदवार बनाई गईं वंदना मिश्रा प्रो. रमेश दीक्षित की पत्नी हैं। इसी तरह मेरठ से विधायक अतुल प्रधान की पत्नी सीमा प्रधान, गोरखपुर से काजल निषाद, प्रयागराज से अजय श्रीवास्तव को मैदान में उतारा गया है। झांसी से सतीश जतारिया, शाहजहांपुर से अर्चना वर्मा, फिरोजाबाद से मशरूर फातिमा और अयोध्या से आशीष पांडेय को प्रत्याशी बनाया गया है। वहीं, तिलहर नगर पालिका परिषद अध्यक्ष पद के लिए लाल बाबू और कुंदरकी नगर पंचायत अध्यक्ष पद के लिए शमीना खातून को उम्मीदवार बनाया गया है।
2012 में कांग्रेस से काजल लड़ी थीं चुनाव
2012 में काजल निषाद ने कांग्रेस से गोरखपुर ग्रामीण के सीट से चुनाव लड़ा था। इसमें काजल निषाद चौथे स्थान पर रही थी, तब भाजपा के टिकट पर 31.31 फीसदी वोट पाकर विजय बहादुर यादव चुनाव जीतकर विधायक बने थे। हालांकि काजल 2022 में भी समाजवादी पार्टी के बैनर तले विधानसभा में उत्तरी और गोरखपुर के कैंपियरगंज से चुनाव लड़ीं, जहां एक बार फिर काजल निषाद को हार मिली। इस बार भी हार बीजेपी के प्रत्याशी फतेह बहादुर सिंह पुत्र पूर्व मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह ने 42 हजार वोटों से जीत हासिल कर ली थी। समाजवादी पार्टी ने जिस तरह से गोरखपुर में मेयर पद के लिए अपने प्रत्याशी काजल निषाद को उतारा है, उसके समीकरण फिट बैठे या नहीं यह तो चुनाव के बाद ही पता चलेगा। दूसरी ओर बीजेपी है, जहां अब तक मेयर की कुर्सी बीजेपी के खाते में ही जाती रही है। बस एक बार ट्रांसजेंडर ने बीजेपी से ये सीट 2001 में छीन ली थी। वहीं दूसरी ओर काजल निषाद हैं, जिनको दो बार विधानसभा के चुनाव में शिकस्त मिल चुकी है।