कश्यप-निषाद को अपने पाले में करेगी सपा
- हर जिले में सम्मेलन करने की तैयारी
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। समाजवादी पार्टी ने कश्यप-निषाद समाज पर अधिक ध्यान केंद्रित करने की रणनीति बनाई है। इसके तहत हर जिले में सजातीय समाज के बीच सम्मेलन करने की तैयारी की जा रही है। पार्टी पदाधिकारियों के बीच क्षेत्रवार जिम्मेदारियां भी बांटी जा रही हैं। अखिलेश यादव ने कश्यप, निषाद, धीमर, कहार, मझवार, रैकवार व तुरहा समेत रोटी-बेटी के रिश्ते रखने वाली जातियों के प्रमुख प्रतिनिधियों के साथ 13 अक्टूबर को लंबी बातचीत की थी। जातीय जनगणना समेत तमाम मुद्दों पर उनकी राय जानी। साथ ही यह भी भरोसा दिया कि केंद्र की सत्ता में प्रभावी भूमिका में आने पर आरक्षण संबंधी उनकी मांगों को पूरा करने के लिए पूरी ईमानदारी से प्रयास किए जाएंगे।
लेकिन, उस स्थिति में सपा को लाने के लिए कश्यप-निषाद समाज के प्रमुख प्रतिनिधियों को अभी से जनाधार बढ़ाने में मदद करनी होगी। सपा की ओबीसी विंग को जिम्मेदारी दी गई है कि कश्यप-निषाद समाज के साथ बस्ती, बरेली और एटा में जो घटनाएं हुई हैं, उन्हें लेकर हर जिले व मंडल में जाना है। सजातीय सम्मेलन करके यह बताना है कि फूलन देवी को सांसद बनाने का काम सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने ही किया था। जबकि, भाजपा जातीय जनगणना तक के समर्थन में नहीं है और जातीय जनगणना से ही हर जाति की आबादी के अनुपात में भागीदारी सुनिश्चित होगी। सपा के पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के अध्यक्ष राजपाल कश्यप कहते हैं कि हम इन मुद्दों को लेकर योजनाबद्ध ढंग से कश्यप-निषाद समाज के बीच जा रहे हैं।
समाजवाद के प्रथम प्रणेता थे महाराजा अग्रसेन: सपा प्रमुख
प्रदेश सपा मुख्यालय पर महाराजा अग्रसेन की जंयती मनाई गई। सपा अध्यक्ष और पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि महाराजा अग्रसेन अग्रोहा राज्य के राजा थे। वे महादानी और समाजवाद के प्रथम प्रणेता थे। उन्होंने जिन जीवन मूल्यों को ग्रहण किया, उन्हें अपने शासन काल में स्थापित किया और समाज के सभी वर्गों के कल्याण के लिए कार्य किया। महाराजा अग्रसेन ने ही यज्ञों में पशुबलि बंद कराई थी। सपा मुखिया ने कहा इस समाज से मानव कल्याण के सराहनीय काम किए। इस अवसर पर पूर्व कैबिनेट मंत्री श्री राजेंद्र चौधरी, अपर्णा बंसल जैन, सुनील जैन, रिंकु गुप्ता आदि उपस्थित रहे।
प्रत्याशी सपा का सिंबल लेने को तैयार नहीं : कमलनाथ
लखनऊ। कांग्रेस के मध्य प्रदेश के अध्यक्ष कमलनाथ का कहना है कि वह सपा का साथ लेने के इच्छुक हैं, पर हमारे प्रत्याशी उसके सिंबल पर लडऩे के लिए तैयार नहीं है। इससे दिक्कतें आ रही हैं। कांग्रेस ने रविवार को उन सीटों पर भी प्रत्याशी घोषित कर दिए, जो सपा गठबंधन के तहत मांग रही थी। इस पर सपा ने भी नौ प्रत्याशियों की अपनी सूची जारी कर दी। इस तरह से कई सीटों पर कांग्रेस और सपा आमने-सामने आ गए। सपा सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस से गठबंधन की कई राउंड बात हुई। उसका रुख भी सकारात्मक था, पर अचानक उन सीटों पर भी कांग्रेस ने उम्मीदवार दे दिए, जिन पर सपा दावा कर रही थी। अगर गठबंधन नहीं करना था तो पहले ही स्थिति स्पष्ट कर देनी चाहिए थी। अब सपा यादव बहुल कुछ अन्य सीटों पर भी उम्मीदवार उतारेगी। मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में सपा शीघ्र ही कुछ और प्रत्याशी उतारेगी। कांग्रेस के साथ गठबंधन की बात न बनने पर पार्टी नेतृत्व इस पर गंभीरता से विचार कर रहा है।