कानून व्यवस्था को लेकर सख्त योगी सरकार: गाजियाबाद, प्रयागराज और आगरा में भी अब कमिश्नरेट सिस्टम
- नया सिस्टम लागू होने से जिलों में होगी आईजी रैंक के अधिकारी की नियुक्ति
- कमिश्नर के पास होगा लाठी चार्ज और गोली चलाने का आदेश देने के अधिकार
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति में सुधार के लिए योगी सरकार लगातार काम कर रही है। अपराध पर लगाम लगाने के लिए योगी सरकार की ओर से कई अहम निर्णय पिछले दिनों लिए गए हैं। इसी क्रम में अब तीन नए कमिश्नरेट सिस्टम को लागू करने पर मंजूरी प्रदान की गई है। योगी सरकार की ओर से गाजियाबाद के अलावा प्रयागराज और आगरा में नया कमिश्नरेट सिस्टम लागू करने का निर्णय लिया गया है।
सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में आज इस प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी गई। योगी सरकार के इस फैसले से शहरों में कानून व्यवस्था और विधि व्यवस्था की स्थिति को बनाए रखने में कामयाबी मिलेगी। योगी सरकार की ओर से तेजी से विकसित हो रहे शहरों में कमिश्नरेट सिस्टम लागू किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश में अभी चार पुलिस कमिश्नरेट कार्य कर रहे हैं। इसमें लखनऊ, वाराणसी, गौतमबुद्धनगर और कानपुर शामिल हैं। तीन नए कमिश्नरेट गाजियाबाद, प्रयागराज और आगरा बनने के बाद इसकी संख्या सात हो जाएगी। मेरठ व गोरखपुर में भी कमिश्नरेट सिस्टम लागू किए जाने की चर्चा चल रही है। हालांकि अभी इस संबंध में निर्णय नहीं हुआ है। आज की कैबिनेट बैठक में 17 प्रस्तावों को हरी झंडी दी गई।
सबसे पहले नोएडा और लखनऊ में लागू हुई थी कमिश्नर प्रणाली
13 जनवरी 2020 को यूपी में सबसे पहले लखनऊ और नोएडा में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू हुई थी। लखनऊ में सुजीत पांडे और नोएडा में आलोक सिंह को पहला पुलिस कमिश्नर बनाया गया था। इसके बाद 26 मार्च 2021 को दूसरे चरण में कानपुर और वाराणसी में यह सिस्टम लागू किया गया। कानपुर में विजय सिंह मीणा और वाराणसी में ए सतीश गणेश पुलिस कमिश्नर बनाए गए थे। अब योगी सरकार ने तीसरे चरण में तीन और शहरों में यह प्रणाली लागू करने का फैसला किया।
कमिश्नरेट सिस्टम से क्या बदलेगी व्यवस्था
कमिश्नरेट सिस्टम लागू होने के बाद तीनों कमिश्नरेट में एडीजी रैंक के पुलिस अधिकारियों की तैनाती की जाएगी। आईजी रैंक के अधिकारी जॉइंट कमिश्नर बन पाएंगे। इससे जिले के कानून व्यवस्था और विधि व्यवस्था की समीक्षा का कार्य तेजी से हो सकेगा। कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए जिलों को कई जोन में बांटा जाएगा। कमिश्नरेट सिस्टम लागू होने के बाद पुलिसिंग के रैंक में भी बदलाव हो जाएगा। थानों को लेकर सीओ की तैनाती के स्थान पर एसीपी की तैनाती की जाएगी। उनके अधिकार अधिक होंगे। इससे किसी भी केस के अनुसंधान में वे अपने स्तर पर निर्णय ले पाएंगे।
बिना अनुमति इस्तेमाल नहीं होंगेे अमिताभ के फोटो और आवाज
- दिल्ली हाईकोर्ट ने अमिताभ बच्चन को दी राहत
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। अभिनय की दुनिया के बेताज बादशाह अमिताभ बच्चन को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने बॉलीवुड स्टार अमिताभ बच्चन को बड़ी राहत देते हुए एक अंतरिम निषेधाज्ञा पारित कर दी है। इसके मुताबिक अमिताभ बच्चन की अनुमति के बिना उनकी तस्वीर और आवाज का उपयोग नहीं किया जा सकता है।
अदालत ने अपने आदेश के माध्यम से बड़े पैमाने पर व्यक्तियों को अभिनेता के व्यक्तित्व अधिकारों का उल्लंघन करने से रोक दिया। हाई कोर्ट में दायर याचिका में अपने नाम, छवि, आवाज और व्यक्तित्व विशेषताओं की सुरक्षा की मांग करते हुए महानायक अमिताभ बच्चन ने चिंता भी जताई थी। कोर्ट में एक्टर की ओर से जाने-माने वकील हरीश साल्वे ने पक्ष रखा था। दिल्ली हाई कोर्ट में दायर यायिका पर न्यायमूर्ति नवीन चावला की पीठ सुनवाई करेगी। इसकी तारीख का ऐलान जल्द ही किया जा सकता है। बता दें कि बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन अपनी आवाज के इस्तेमाल को लेकर पहले भी अपनी चिंता जाहिर कर चुके हैं। मामला हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति नवीन चावला के समक्ष चल रहा है।
डेंगू मरीजों को तत्काल इलाज मिले लापरवाही न बरतें डॉक्टर: पाठक
- अस्पतालों में न होने पाए दिल, शुगर व बीपी की दवाओं की कमी
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। राजधानी सहित प्रदेश के कई शहरों में डेंगू के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इसे देखते हुए उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने सख्त लहजे में कहा कि डेंगू मरीजों को तत्काल सुविधा मुहैया कराई जाए। अस्पताल में डेंगू मरीजों के प्रति दोस्ताना व्यवहार किया जाए। इलाज करने में भी लापरवाही न बरते। शिकायत मिलने पर दोषी डॉक्टर के विरूद्घ सख्त कार्रवाई होगी।
पाठक ने आगे कहा कि दिल, शुगर और ब्लड प्रेशर की दवाएं हर अस्पताल में अनिवार्य रूप से रखी जाएं। उन्होंने सभी सीएमओ व सीएमएस को निर्देश दिए कि वे खुद स्टोर की जांच करें और दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करें। दवाओं की कमी पर तत्काल उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन और विभागीय अफसरों को रिपोर्ट भेजें। उन्होंने वायरल, डेंगू, चिकनगुनिया समेत दूसरे बुखारों से निपटने के लिए डॉक्टर की टीमों को 24 घंटे मुस्तैद रहने को कहा। ओपीडी व भर्ती मरीजों को अस्पताल से ही दवाएं उपलब्ध कराएं।
दवाओं को एक्सपायर होने से बचाएं
पाठक ने निर्देश दिए कि दवा खरीदते समय उसकी एक्सपायरी तिथि का भी ध्यान रखें। दवाओं की एक्सपायर डेट एक से दो साल की होनी चाहिए। यदि जिन अस्पतालों में दवाओं की एक्सपायरी डेट नजदीक है तो उसे दूसरे जरूरतमंद अस्पताल को भेज सकते हैं। ताकि दवाओं को खराब होने से बचाया जा सके।