सीएए पर सड़क से अदालत तक संग्राम

  • दिल्ली समेम कई राज्यों में अलर्ट, चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात, असम में आज बंद
  • कानून के खिलाफ मुस्लिम लीग ने दायर की याचिका

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। देशभर में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम यानी कि सीएए कानून लागू होते सडक़ से शीर्ष अदालत तक विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गयें हंै। विरोध को दखते हुए कई राज्यों में अलर्ट जारी किया गया है। उत्तर प्रदेश असम और दिल्ली उन संवेदनशील राज्यों में शामिल हैं, यहां पुलिस अलर्ट मोड पर है। मंगलवार को कई जगह बाजार बंद रहे है। वंही प्रदशर्न के बीच सीएए पर रोक लगाने के लिए एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में भी दाखिल की गई है।दिल्ली पुलिस की साइबर बिंग भी अलर्ट पर है। सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर देश भर की सुरक्षा एजेंसियों और पुलिस की पैनी नजर है।
दरअसल सीएए के विरोध में राजधानी में बड़ी संख्या में धरना प्रदर्शन किया गया था। शाहीनबाग इलाके पर खास नजर रखी जा रही है। वहीं असम में सीएए के खिलाफ आज बंद बुलाया गया है। बंगाल में हालांकि सीएए के आने के बाद खुशी नृत्य करते लोग नजर आए। सीएए के नियमों को अधिसूचित करने के बाद गौतमबुद्धनगर पुलिस अलर्ट मोड पर है. तीनों जोन के पुलिस उपायुक्तों (डीसीपी) ने सोमवार शाम को पुलिसबल के साथ अलग-अलग जगहों पर पैदल मार्च किया।अधिकारियों ने बताया कि संवेदनशील जगहों पर अतिरिक्त पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है तथा इन इलाकों में पुलिस ने गश्त बढ़ा दी है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में पुलिस सभी धर्म गुरुओं के साथ पहले ही बैठक कर चुकी है तथा कई जगह पर सादे कपड़ों में भी पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। नोएडा जोन के डीसीपी विद्या सागर मिश्रा ने बताया कि शहर के कई हिस्सों में ड्रोन कैमरे से भी निगरानी की जा रही है तथा शहर को ‘जोन और ‘सुपरजोन में बांटा गया है।

असम में 16 विपक्षी राजनीतिक दलों को कानूनी नोटिस

ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन ने सीएए के विरोध-प्रदर्शन का आह्वान किया है। 16 दलों के संयुक्त विपक्षी फ़ोरम ने आज राज्यव्यापी बंद का एलान किया है। असम में कुछ जगह सीएए की प्रतियां भी जलाई गईं। एएसयू से जुड़े लोग दिल्ली आकर सरकार से सीएए की अधिसूचना वापस लेने की अपील करेंगे।असम पुलिस ने बंद बुलाए जाने पर 16 विपक्षी राजनीतिक दलों को कानूनी नोटिस जारी किया है। पुलिस ने राजनीतिक दलों को चेतावनी देते हुए कहा कि गुवाहाटी हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक, बंद में शामिल लोगों पर केस दर्ज किए जा सकते हैं। पुलिस ने सख्त लहजे में कहा कि विरोध-प्रदर्शन और बंद की वजह से अगर सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचता है तो उनकी वसूली भी प्रदर्शनकारियों से ही की जाएगी।

सोशल मीडिया पर भी नजर

पुलिस अधिकारी ने कहा कि सोशल मीडिया पर नजर रखने के लिए दो दल गठित किए गए हैं और अगर किसी ने माहौल खराब करने वाला वीडियो साझा किया और ऐसी टिप्पणी की तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सभी थाना प्रभारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में गश्त करने का निर्देश दिया गया है।

सुप्रीम कोर्ट से रोक लगाने की मांग

सुप्रीम कोर्ट में सीएए कानून के खिलाफ याचिका दायर की गई है। यह याचिका इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग की तरफ से दायर की गई है, जिसमें कानून पर रोक लगाने की मांग की गई है। सीएए (नागरिकता संशोधन कानून)अधिसूचना का मामला देश की सबसे बड़ी अदालत में पहुंच गया है। सीएए अधिसूचना को लागू करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। ये याचिका आईयूएमएल ने दाखिल की है। आईयूएमएल ने अधिसूचना के कार्यान्वयन पर रोक की मांग की है। आईयूएमएल ने कहा कि सीएए असंवैधानिक, मुसलमानों के खिलाफ भेदभावपूर्ण है। आईयूएमएल के मुताबिक- पहले सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने यह कहते हुए रोक का विरोध किया था कि कोई तत्काल कार्यान्वयन नहीं होगा क्योंकि नियम अधिसूचित नहीं है।उनकी ओर से कहा गया कि सीएए असंवैधानिक है और मुसलमानों के खिलाफ भेदभावपूर्ण है. धार्मिक पहचान के आधार पर वर्गीकरण भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 और धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों का उल्लंघन करता है। वहीं डेमोक्रेटिक यूथ फ्रंट ऑफ इंडिया भी सुप्रीम कोर्ट के समक्ष सीएए की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली अपनी लंबित याचिका पर सुनवाई की मांग कर सकता है।

मौलाना शाहबुद्दीन रिजवी बरेलवी ने किया समर्थन

ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शाहबुद्दीन रिजवी बरेलवी ने सीएए नोटिफिकेशन जारी होने का स्वागत किया और कहा कि यह बहुत पहले लागू हो जाना चाहिए था। इस कानून को लेकर मुस्लिमों में बहुत गलतफहमी है। इस कानून का मुस्लिमों से कोई लेना-देना नहीं है। पहले पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले गैर-मुस्लिमों को भारत की नागरिकता देने का कोई प्रावधान नहीं था। यही वजह है कि ये कानून बनाया गया। देश के करोड़ों मुसलमान इस कानून से प्रभावित नहीं होंगे और इससे किसी की नागरिकता नहीं जाएगी। बीते वर्षों में गलतफहमी की चलते विरोध प्रदर्शन हुए। कुछ राजनेताओं ने मुस्लिमों में गलतफहमी को बढ़ावा दिया और देश के हर मुसलमान को इस कानून का स्वागत करना चाहिए।

कई आईएएस अधिकारी इधर से उधर

  • रमेश रंजन होंगे फिरोजाबाद के डीएम

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर आईएएस अधिकारियों को इधर से उधर किया है। यूपी सरकार ने फिरोजाबाद के डीएम को हटा दिया है। प्रदेश सरकार ने कुछ आईएएस अधिकारियों की जिम्मेदारियों में भी बदलाव किया है। जानकारी के अनुसार, प्रदेश सरकार ने फिरोजाबाद के जिलाधिकारी उज्जवल कुमार को हटा दिया है। उन्हें विशेष सचिव सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यम विभाग बनाया गया है।
कौशल विकास विभाग में विशेष सचिव रमेश रंजन को फिरोजाबाद का डीएम बनाया गया है। सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यम विभाग में विशेष अरुण प्रकाश को नगर विकास विभाग का विशेष सचिव बनाया गया है। अपर निदेशक सहकारिता ईशा प्रिया को विशेष सचिव पर्यटन बनाया गया है। विशेष सचिव गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग शेषनाथ को विशेष सचिव पीडब्ल्यूडी बनाया गया है। विशेष सचिव युवा कल्याण गौरव वर्मा को विशेष सचिव सचिवालय प्रशासन बनाया गया है।

किसान आंदोलन के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का सुनवाई से इनकार

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। किसान आंदोलन के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट जाने को कहा है। अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता को पता होना चाहिए कि हाईकोर्ट इस मामले की सुनवाई कर रहा है। जब हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश भी जारी कर दिए तो आप सुप्रीम कोर्ट में समानांतर कार्रवाई क्यों चाहते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह जैसे ही इस मामले में दखल देगा तो हाईकोर्ट अपने हाथ खड़े कर लेगा तो इससे किसका उद्देश्य पूरा होगा। कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता चंडीगढ़ से कुछ दूरी पर है इसीलिए वह हाईकोर्ट जाकर अपनी बात रख सकते हैं।

गाजीपुर हादसा: 3 अधिकारी निलंबित एक की सेवा समाप्त

  • बस पर गिरा था हाइटेंशन का बिजली तार, 5 की मौत, कई गंभीर

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। यूपी के गाजीपुर जिले में सोमवार को एक बस के हाईटेंशन बिजली के तार के संपर्क में आने से बस में आग लग गई। आग से पांच लोगों की मौत हो गई, जबकि कई लोग झुलस गए हैं, घटना की जानकारी होने पर ऊर्जा एवं नगर विकास मंत्री ए. के. शर्मा ने सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने तीन अधिकारियों को निलंबित और एक की सेवा समाप्त कर दी है।
घटना की जानकारी मिलते ही मंत्री ए.के. शर्मा ने सख्त कार्रवाई करते हुए अधिशासी अभियंता मनीष, एसडीओ संतोष चौधरी और जेई प्रदीप कुमार राय को निलंबित और लाइनमैन नरेंद्र (संविदा कर्मी) की सेवा समाप्ति के निर्देश दिए। उन्होंने पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के एमडी, मंडलायुक्त, जिलाधिकारी एवं अधीक्षण अभियंता से बात की। सभी अधिकारियों को राहत कार्य में तेजी लाते हुए घायलों के बेहतर इलाज की व्यवस्था सहित प्रभावित लोगों की हर संभव मदद करने का निर्देश दिया। साथ ही मंत्री शर्मा पीडि़त परिवारों से स्वयं मिलने के लिए गाजीपुर और मऊ भी पहुंचे। ज्ञात हो कि गाजीपुर के मरदह थाना के 400 मीटर के पास एचटी तार के संपर्क में आने से बस में आ आग लग गई। इस हादसे में कुल पांच लोगों की मौत हो गई, जबकि 10 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. हादसे का शिकार हुई बस बरातियों से भरी थी। बस मऊ से एक वैवाहिक कार्यक्रम में जा रही थी, जिसमें कुल 38 बराती सवार थे।

‘वो सीएए की बात करेंगे, तुम इलेक्टोरल बॉण्ड पर अड़े रहना’

  • नेहा सिंह राठौर ने कविता के माध्यम से किया विरोध

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नोएडा। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के द्वारा लागू किया जा चुका है। सीएए लागू होने के बाद भोजपुरी सिंगर नेहा सिंह राठौर ने प्रतिक्रिया दी है।नेहा सिंह राठौर ने कहा, वो सीएए की बात करेंगे, तुम इलेक्टोरल बॉण्ड पर अड़े रहना। हालांकि बीते लंबे वक्त से भोजपुरी सिंगर बीजेपी सरकार को उसकी नीतियों पर घेरती रही हैं, इससे पहले उन्होंने कहा था, देश को बधाई, सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि एसबीआई को इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी कल तक देनी होगी।
जो पहले विदेशी बैंकों से कालाधन लाने के दावे करते थे, वो आज अपने कालेधन का हिसाब एसबीआई से बाहर नहीं आने दे रहे। उन्होंने कहा था, इनकी प्राथमिकता सूची में आपके मुद्दे कहां होंगे? इनको देशभर में फैली बेरोजग़ारी और मंहगाई जैसी समस्याओं से कितना फर्क पड़ता होगा? आपकी दाल-रोटी या आपके बच्चे की पढ़ाई और स्वास्थ्य के मुद्दे से इनको कितना मतलब होगा? सिंगर ने सोशल मीडिया पर किए गए इस पोस्ट पर पीएम नरेंद्र मोदी की तस्वीर भी शेयर की थी।

दक्षिण फिल्मों के एक्टर विजय ने सीएए कानून को अस्वीकारा

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) लागू करने पर साउथ अभिनेता दलपति विजय ने अपनी नाराजगी जाहिर की और इसे अस्वीकार्य बताया है। तमिल अभिनेता और तमिलागा वेट्री कडग़म (टीवीके) प्रमुख थलपति विजय ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 लागू करने के बाद नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर हमला बोला। अभिनेता ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम को अस्वीकार्य बताया और तमिलनाडु सरकार से इसे राज्य में लागू नहीं करने का अनुरोध किया है। विजय ने अपनी पार्टी तमिलगा वेट्री कजगम (टीवीके) के आधिकारिक एक्स अकाउंट पर एक आधिकारिक बयान साझा किया है। उन्होंने तमिल में लिखा, भारतीय नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 (सीएए) जैसे किसी भी कानून को ऐसे माहौल में लागू करना स्वीकार्य नहीं है, जहां देश के सभी नागरिक सामाजिक सद्भाव के साथ रहते हैं। नेताओं को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यह कानून देश में लागू न हो।

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