सुक्खू सरकार का बड़ा फैसला तैनाती वाले स्थानों पर अब अफसर नहीं खरीद सकेंगे भूमि-फ्लैट
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4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
शिमला। हिमाचल प्रदेश में मंडलायुक्त, डीसी, एसपी सहित 50 से अधिक श्रेणी के अफसर अब अपनी पोस्टिंग वाले स्थानों पर भूमि और फ्लैट नहीं खरीद सकेंगे। सरकार ने इस संबंध में 15 फरवरी 2016 को जारी निर्देशों को रद्द करने और 12 जनवरी 1996, 16 अगस्त 1997 और 26 सितंबर 2012 के निर्देशों को बहाल करने का निर्णय लिया है।
नए निर्देशों के अनुसार कोई भी अधिकारी अब अपने नाम या परिवार के किसी सदस्य के नाम पर तैनाती के संबंधित क्षेत्राधिकार में भूमि, भवन-अचल संपत्ति नहीं खरीद सकता है। साथ ही, जिन अधिकारियों का तबादला कर दिया गया है, उन्हें भी हाल ही के अधिकार क्षेत्र के भीतर भूमि, भवन व अचल संपत्ति खरीदने की अनुमति नहीं दी जाएगी। खरीद विलेख को पद का प्रभार छोडऩे की तारीख से दो वर्ष की अवधि तक संबंधित अधिकारी व उसके परिवार के सदस्य के नाम पर पंजीकृत करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। कार्मिक विभाग ने सभी प्रशासनिक सचिवों, सभी विभागाध्यक्षों, मंडलीय आयुक्त व डीसी को इन संशोधित निर्देशों की कड़ाई से अनुपालन के लिए सभी संबंधितों के ध्यान में लाने को कहा है। इन निर्देशों को कार्मिक विभाग की वेबसाइट पर भी देखा जा सकता है।
इसलिए लेना पड़ा फैसला
प्रदेश में फरवरी 2016 से पोस्टिंग वाले स्थानों पर भूमि और फ्लैट की खरीद की अफसरों को छूट दी थी। इस दौरान कई अफसरों ने प्रदेश में जगह-जगह अचल संपत्ति खड़ी कर दी है। उद्योग, श्रम, राजस्व, कृषि, जल शक्ति और कर एवं आबकारी विभाग के कई अधिकारी भूमि और फ्लैट खरीदने वालों में सबसे आगे हैं। इन सब मामलों पर संज्ञान लेते हुए प्रदेश सरकार ने अब सख्ती बरतना शुरू कर दी है। इसी कड़ी में कार्मिक विभाग की ओर से भूमि और फ्लैट की खरीद पर रोक लगाने के आदेश जारी किए गए हैं। 1996, 1997 और 2012 के निर्देशों को बहाल किया गया है जिनमें अधिकारी तैनाती के संबंधित क्षेत्राधिकार में भूमि, भवन, अचल संपत्ति नहीं खरीद सकते।
अधिकारियों की जनता में स्वच्छ छवि और प्रशासनिक सुधार के तहत, यह फैसला लिया गया है। जनता से सीधे संपर्क वाले अधिकारियों पर ये आदेश लागू होंगे। अधिकारियों पर उनके कार्यकाल के दौरान कोई उंगली न उठा सके, इसके लिए पुराने आदेशों को दोबारा लागू किया गया है। – प्रबोध सक्सेना, मुख्य सचिव