जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देने की समयसीमा तय करने की मांग, सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए हामी भरी
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को जम्मू कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल किए जाने की समयसीमा तय करने का अनुरोध करने वाली याचिका पर तत्काल सुनवाई की मांग की गई। इस पर सर्वोच्च न्यायालय ने आश्वासन दिया कि वह दो महीने के अंदर इस मामले को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करेगा। एडवोकेट गोपाल शंकरनारायण की तरफ से इस आवेदन के तत्काल सूचीबद्ध किए जाने की मांग की गई थी।
इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने पीएमएलए कानून पर 2022 के अपने फैसले पर दायर पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई 27 नवंबर तक टाल दी। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 2022 में इस कानून के तहत ईडी की गिरफ्तार करने और आरोपियों की संपत्ति जब्त करने की शक्तियों को बरकरार रखा था। इसी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की गई हैं।
हालांकि, गुरुवार को याचिकाकर्ताओं का नेतृत्व कर रहे वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल मौजूद नहीं थे। सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ को जब इसकी जानकारी दी गई तो कोर्ट ने कहा कि यही होता है जब हम मामले को सूचीबद्ध करते हैं और कोई मौजूद न हो। हालांकि, मामले पर सुनवाई को टालने की अपील का ईडी के वकील ने भी विरोध नहीं किया।