सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन पर पूरे देश में लगाई रोक
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (17 सितम्बर) को पूरे देश में बुलडोजर एक्शन पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने ये रोक अगले आदेश तक लगाई है...
4PM न्यूज नेटवर्क: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (17 सितम्बर) को पूरे देश में बुलडोजर एक्शन पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने ये रोक अगले आदेश तक लगाई है। उत्तर-प्रदेश समेत अन्य राज्यों में बुलडोजर की कार्रवाई के खिलाफ दाखिल जमीयत उलेमा ए हिंद की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई में ये निर्देश दिया गया है। जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस के वी विश्वनाथन की बेंच ने ये निर्देश दिया है। अदालत ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के बिना बुलडोजर एक्शन नहीं होगा. कोर्ट का ये आदेश निजी सपंत्ति पर होने वाले एक्शन को लेकर है।
जस्टिस के वी विश्वनाथन की बेंच ने दिया निर्देश
सूत्रों के मुताबिक कोर्ट ने ये रोक अगले आदेश (1 अक्टूबर) तक लगाई है। इस मामले में अदालत ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के बिना बुलडोजर एक्शन नहीं होगा। कोर्ट का ये आदेश निजी सपंत्ति पर होने वाले एक्शन को लेकर है।
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा, अगली तारीख तक इस अदालत की अनुमति के बिना कोई विध्वंस नहीं होगा। हालांकि ऐसा आदेश सार्वजनिक सड़कों, फुटपाथों, रेलवे लाइनों से सटे या सार्वजनिक स्थानों पर अनधिकृत निर्माण पर लागू नहीं होगा। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि हम अवैध निर्माणों के नाम पर बुलडोजरों के महिमामंडन और भव्यता तथा औचित्य पर आपकी सहायता मांगेंगे।
सुनवाई के दौरान SG तुषार मेहता ने कहा कि डिमोलिशन की कार्रवाई जहां हुई है, वो क़ानूनी प्रकिया का पालन करके हुई है। एक समुदाय विशेष को टारगेट करने का आरोप गलत है और गलत नरेटिव फैलाया जा रहा है। इस पर जस्टिस विश्वनाथन ने कहा कि कोर्ट के बाहर जो बातें हो रही है, वो हमें प्रभावित नहीं करती। हम इस बहस में नहीं जाएंगे कि किसी खास समुदाय को टारगेट किया जा रहा है या नहीं। अगर गैरकानूनी डिमोलिशन का एक भी मसला है तो वो संविधान की भावना के खिलाफ है।
महत्वपूर्ण बिंदु
- कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन के महिमामंडन पर सवाल खड़ा किया. कोर्ट ने कहा कि यह रूकना चाहिए।
- अदालत ने अगले आदेश तक देश में कहीं भी मनमाने ढंग से बुलडोजर की कार्रवाई पर रोक लगाई।
- कोर्ट इस संबंध में दिशा निर्देश जारी करेगा. अगली सुनवाई 1 अक्टूबर को होगी।