आजम की जमानत पर फैसला सुरक्षित रखने पर हाईकोर्ट को ‘सुप्रीम’ फटकार

यह न्याय का मजाक, फैसला नहीं किया तो देंगे दखल

  • आदेश सुरक्षित रखने का क्या है मतलब, 11 मई को फिर होगी सुनवाई
  • इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आदेश को रखा है सुरक्षित
  • शीर्ष अदालत ने पूछा, 137 दिन बाद भी क्यों नहीं आया निर्णय

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। सीतापुर जेल में बंद सपा नेता आजम खां की जमानत पर फैसला न आने पर सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के रवैये को लेकर नाराजगी जताई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आजम खां 87 में से 86 मामलों में जमानत पा चुके हैं, फैसला रिजर्व हुए 137 दिन बीत गए लेकिन इस मामले में फैसला नहीं आया, यह तो न्याय का मजाक उड़ाना है।
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस बीआर गवई की पीठ ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर हाईकोर्ट फैसला नहीं करता तो हम इस मामले में दखल देंगे। बेंच ने कहा कि हम हाईकोर्ट के आदेश की प्रतीक्षा करना चाहते हैं। जरूरी हुआ तो आदेश देंगे। इसके बाद शीर्ष अदालत ने इस मामले में 11 मई को अगली सुनवाई की तारीख दी। दरअसल, एक मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले साल चार दिसंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था। अभी तक इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला नहीं दिया है। इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की गई है। इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में कल यानी गुरुवार को भी सुनवाई हुई थी। हाईकोर्ट में आजम खां की जमानत अर्जी पर सुनवाई पूरी हो चुकी है। करीब ढाई घंटे तक चली बहस के बाद हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।

जताई नाराजगी

यूपी सरकार के वकील ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में मामले में एक अर्जी दी थी, गुरुवार को हाईकोर्ट ने उस पर आदेश सुरक्षित रखा है। इस पर कड़ी टिप्पणी करते हुए जस्टिस नागेश्वर राव ने कहा, आदेश सुरक्षित रखने का क्या मतलब है? यह न्यायिक प्रक्रिया का मजाक है। आरोपी को 86 मामलों में जमानत मिल चुकी है। एक मामला रुका है। हम इससे ज्यादा अभी कुछ कहना नहीं चाहते।

क्या है मामला

आजम खां को एक मामले को छोडक़र सभी मामलों में पहले ही जमानत दी जा चुकी है। ऐसे में इस आखिरी मामले में जमानत मिलने पर वे जेल से बाहर आ सकते हैं। जिस मामले में आजम को बेल नहीं मिल रही है वह वक्फ बोर्ड की संपत्ति गलत तरीके से कब्जा करने को लेकर है। इस मामले में चार दिसंबर 2021 को सुनवाई हुई थी। तब भी फैसले को सुरक्षित रख लिया गया था।

 

रामलला के दरबार पहुंचे सीएम, विकास कार्यों का लिया जायजा

  • राममंदिर निर्माण स्थल का किया निरीक्षण, स्कूल में बच्चों से पूछे सवाल
  • विभिन्न परियोजनाओं को लेकर अधिकारियों को दिए दिशा-निर्देश

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
अयोध्या। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने दूसरे कार्यकाल में दूसरी बार आज अयोध्या पहुंचे। यहां उन्होंने रामलला के दरबार में हाजिरी लगायी और दर्शन पूजन किया। सीएम ने राममंदिर निर्माण स्थल का निरीक्षण किया और विभिन्न विकास कार्यों का जायजा भी लिया।
मुख्यमंत्री सबसे पहले हनुमंत लला के दरबार में पहुंचे। हनुमानगढ़ी में दर्शन-पूजन के बाद उन्होंने रामलला के दर्शन किए और आरती उतारी। दर्शन पूजन के बाद उन्होंने समीक्षा बैठक की और यहां चल रहे विकास कार्यों समीक्षा की। उन्होंने विभिन्न परियोजनाओं की जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश भी जारी किए। निरीक्षण के दौरान सीएम एक स्कूल पहुंचे और बच्चों से सवाल पूछे। यहां से वे बेगमपुरा स्थित दलित बस्ती पहुंचे। इसके पहले मुख्यमंत्री ने महंत संत रामदास से आशीर्वाद लिया और संतों से चर्चा भी की।

दलित के घर किया भोजन

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेगमपुरा स्थित दलित बसंती के घर भोजन किया। बसंती का परिवार मुख्यमंत्री के स्वागत को लेकर काफी उत्सुक था। बसंती ने कहा कि यह बहुत ही सौभाग्य का विषय है। उनके स्वागत में अपनी क्षमता अनुसार पूरी तैयारियां की हैं। सीएम के लिए रोटी, लौकी की सब्जी, दाल, चावल, खीर और रायता बनाया था। बसंती के पति मनीराम भी भाव विभोर नजर आए। उन्होंने कहा कि सीएम ने जो किया है उसको कभी भुला नहीं सकते हैं। हम टीन के शेड में रहते थे अब हमें पक्की छत मिल गई है।

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