सुप्रीम कोर्ट ने लगाई हाईकोर्ट के फैसले पर रोक, यूपी के दो बड़े अधिकारियों को मिली राहत

नई दिल्ली। यूपी के सचिव वित्त एसएमए रिजवी और विशेष सचिव वित्त सरयू प्रसाद मिश्रा को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें दोनों अधिकारियों को हिरासत में लेने के निर्देश दिए गए थे। सुप्रीम कोर्ट ने शाहिद मंजर और सरयू प्रसाद को तत्काल रिहा करने का निर्देश दिया है। इसके अलावा अदालत मामले को शुक्रवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने पर सहमत हो गई है।
दरअसल, ये मामला हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जजों के लिए घरेलू नौकर से जुड़ा है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जजों के घरेलू नौकर समेत अन्य सुविधाएं बढ़ाने के मामले में चीफ जस्टिस के प्रस्तावित नियम को तत्काल अमल में लाएं। साथ ही इस संबंध में जारी पूर्व शासनादेश तीन जुलाई 2018 को अतिक्रमित कर उचित आदेश जारी किया जाए। हाई कोर्ट द्वारा भेजे गए प्रस्ताव पर अमल करते हुए वित्त विभाग हफ्तेभर में अनुमोदन दे।
हाईकोर्ट की ओर से चार अप्रैल को पारित आदेश को लेकर शासन ने कोर्ट के समक्ष रीकॉल एप्लीकेशन दी थी, जिसमें उक्त आदेश को वापस लेने का अनुरोध किया था। कोर्ट ने इसे अपने आदेश की अवहेलना मानते हुए दोनों अधिकारियों को न्यायिक अभिरक्षा में लेने का आदेश दे दिया। कोर्ट ने इसे अपने आदेश की अवहेलना मानते हुए दोनों अधिकारियों को न्यायिक अभिरक्षा में लेने का आदेश दे दिया।
हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए बुधवार को एसएमए रिजवी व सरयू प्रसाद मिश्र को न्यायिक हिरासत में लेने के निर्देश दिए थे। न्यायमूर्ति सुनीत कुमार व न्यायमूर्ति राजेंद्र प्रसाद की पीठ ने मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा व अपर मुख्य सचिव वित्त प्रशांत त्रिवेदी को सीजेएम लखनऊ के जरिए जमानती वारंट जारी कर गुरुवार को कोर्ट में हाजिर होने का निर्देश दिया था। आदेश के बाद अपर महाधिवक्ता ने अधिकारियों को जमानत पर रिहा करने का अनुरोध किया।

 

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