ईडी व सीबीआई को सुप्रीम फटकार

  • शीर्ष अदालत ने जांच के तरीके पर उठाए सवाल
  • शराब नीति घोटाले में के. कविता को मिली जमानत
  • सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट का फैसला पलटा
  • विपक्ष ने एनडीए सरकार को घेरा
  • बीआरएस नेत्री को 10-10 लाख के मुचलके पर रिहा करने का आदेश

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अपने फैसलों से भाजपा की गठबंधन वाली एनडीए सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। शीर्ष अदालत ने दिल्ली शराब नीति घोटाले में बीआरएस नेता के कविता को जमानत दे दी। जमानत का आदेश देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एनडीए व मोदी सरकार की सीबीआई और ईडी को भी लताड़ लगाई और उनकी जांच के तरीके पर सवाल उठाए। तेलंगाना के पूर्व सीएम के. चंद्रशेखर की बेटी और बीआरएस से एमएलसी के कविता 15 मार्च से पुलिस हिरासत में हैं।
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने एक तिहाई जेल की सजा काट चुके अंडरट्रायल्स की रिहाई की अनुमति दे दी है। बीएनएसएस की धारा-479 के तहत यह प्रावधान है। उधर कोर्ट के इस फैसले को विपक्ष ने सच्चाई की जीत बताई है। इंडिया गठबंधन ने एनडीए सरकार पर निशाना साधा है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश को खारिज कर दिया जिसमें हाईकोर्ट ने के. कविता की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने के. कविता को दोनों मामलों में 10-10 लाख रुपये का जमानत बांड भरने, गवाहों से छेड़छाड़ न करने और गवाहों को प्रभावित न करने की शर्त पर जमानत देने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति बीआर गवई, केवी विश्वनाथन की पीठ ने सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने जांच एजेंसियों ईडी और सीबीआई से पूछा कि उनके पास के कविता के कथित घोटाले में शामिल होने के क्या सबूत हैं और जो सबूत हैं वो अदालत को दिखाएं।

अधिकतम सजा का एक तिहाई पूरा कर चुके विचाराधीन कैदी जेल से छोड़े जाएं

सुप्रीम कोर्ट ने एक तिहाई जेल की सजा काट चुके अंडरट्रायल्स की रिहाई की अनुमति दी। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा-479 में इसका प्रावधान है। इसके अनुसार, अगर अंडरट्रायल अधिकतम सजा का एक तिहाई समय काट चुका है, तो उसे जमानत दे दी जाएगी। बीएनएसएस 1 जुलाई से अमल में आया है। सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने कहा कि ये प्रावधान 1 जुलाई से पहले के मामलों में भी लागू होगा। इसके बदले पहले सीआरपीसी में प्रावधान था कि अधिकतम सजा की आधी जेल अवधि काटने के बाद ही जमानत मिलेगी। सुप्रीम कोर्ट ने इसे मंजूर करते हुए देशभर के जेल सुपरिंटेंडेंट्स को इसे अमल में लाने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि एक तिहाई अवधि पूरी होने पर संबंधित अदालतों के माध्यम से अंडरट्रायल कैदियों के आवेदनों पर कार्रवाई की जाए। निर्देश दिया कि अधिकतम तीन महीने में इस काम को पूरा किया जाए। सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस हीमा कोहली की अगुवाई वाली बेंच ने यह अहम फैसला सुनाया। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के सामने सीनियर एडवोकेट गौरव अग्रवाल पेश हुए थे। उन्होंने कहा था कि बीएनएसएस के प्रावधान को एक जुलाई से पहले के मामलों में भी लागू किया जाए। उन्होंने तर्क दिया कि इससे जेल में भीड़ को कम किया जा सकेगा। तब सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की ओर से पेश अडिशनल सॉलिसिटर जनरल एश्वर्या भाटी से पूछा कि क्या यह प्रावधान 1 जुलाई से पहले के मामलों में लागू हो सकता है।]

हाईकोर्ट का आदेश किया खारिज

के कविता ने दिल्ली हाईकोर्ट में भी जमानत की अर्जी लगाई थी, लेकिन हाईकोर्ट ने कविता की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। हाईकोर्ट ने कहा था कि प्रथम दृष्टया के कविता दिल्ली शराब नीति के कथित घोटाले में मुख्य साजिशकर्ता दिख रही हैं। हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ के कविता ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी। ईडी ने कविता को 15 मार्च को उनके हैदराबाद के बंजारा हिल्स इलाके में स्थित घर से गिरफ्तार किया था। कविता पर दिल्ली शराब नीति घोटाले में शामिल होने का आरोप है। हालांकि कविता अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज करती रही हैं।

एसवी राजू व मुकुल रोहतगी में हुई बहस

के. कविता की तरफ से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी सुनवाई में शामिल हुए। मुकुल रोहतगी ने अपने मुवक्किल को जमानत देने की अपील करते हुए कहा कि इस मामले में सह-आरोपी आप नेता मनीष सिसोदिया को पहले ही जमानत मिल चुकी है। साथ ही सीबीआई और ईडी अपनी जांच भी पूरी कर चुकी हैं। जांच एजेंसियों की तरफ से सुनवाई में शामिल हुए एडिश्नल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने दावा किया कि कविता ने अपने मोबाइल फोन से छेड़छाड़ की और उसे फॉर्मेट किया। यह सबूतों से छेड़छाड़ की कोशिश है। हालांकि रोहतगी ने इन आरोपों को बेकार बताकर खारिज कर दिया।

कोलकाता रेप कांड के खिलाफ सड़क पर उतरे छात्र

  • विपक्ष ने सीएम ममता बनर्जी से मांगा इस्तीफा
  • नबन्ना मार्च में बवाल, छात्र संगठनों पर लाठी चार्ज पुलिस ने छोड़े आंसू गैस के गोले

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
कोलकाता। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ दरिंदगी से दुष्कर्म और फिर उसकी निर्मम तरीके से हत्या करने के मामले में छात्र संगठन नबन्ना अभियान मार्च निकाल रहे हैं। इस प्रदर्शन को लेकर कोलकाता में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है।
वहीं इसको लेकर सियासत भी गरमाई है। बीजेपी समेत कई दलों ने सीएम ममता बनर्जी से इस्तीफा मांगा है। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस बैरिकेड्स को खींचकर हटा दिया और नबन्ना अभियान मार्च निकाला। पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे। वहीं, पुलिस ने हावड़ा ब्रिज से प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल किया।

सीबीआई ने कई सामानों को जब्त किया : वाइस प्रिंसिपल

आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट सह वाइस प्रिंसिपल सप्तर्षि चटर्जी ने कहा, सीबीआई की टीम सभी दस्तावेज और कंप्यूटर, हार्ड डिस्क देखने मेरे कार्यालय आई थी। उन्होंने जब्त कर लिया और सभी सामानों को ले गए और हमें एक जब्ती सूची दी। मैं कल सीजीओ कॉम्प्लेक्स में अपने हस्ताक्षर प्रमाणित करने गया था जो पहले से ही सभी दस्तावेजों पर थे। हर दिन हम छात्रों से बात करते हैं और संकाय सदस्य अपना सर्वश्रेष्ठ दे रहे हैं ताकि मरीजों को परेशानी न हो। मुझे लगता है कि आरजी कार धीरे-धीरे सामान्य जीवन में वापस आ रहे हैं क्योंकि मरीज की संख्या जो लगभग 100 थी, अब 1000 को पार कर गई है। ओपीडी और इमरजेंसी सहित सभी विभाग काम कर रहे हैं।

लोकतंत्र में मौन बहुमत हो सकता, खामोश नही : राज्यपाल

नबन्ना अभियान रैली पर बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने कहा, पश्चिम बंगाल के छात्र समुदाय द्वारा घोषित शांतिपूर्ण विरोध और सरकार के कुछ निर्देशों द्वारा विरोध को दबाने की खबरों के संदर्भ में, मैं सरकार से भारत के सर्वोच्च न्यायालय के कड़े फैसले को याद रखने का आग्रह करूंगा। शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर पश्चिम बंगाल राज्य की शक्ति का दुरुपयोग न होने दें। लोकतंत्र में मौन बहुमत हो सकता है, खामोश बहुमत नहीं। इसे याद रखें।

पुलिस और प्रदर्शनकारी भिड़े

आरजी कर मामले में नबन्ना अभियान मार्च निकालते हुए प्रदर्शनकारी हावड़ा के संतरागाछी में पुलिस बैरिकेड पर चढ़ गए। इतना ही नहीं, पुलिसकर्मियों के साथ भिड़ गए और बैरिकेड तोड़ दिए। इस पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। हाबड़ा में स्थित नबन्ना भवन राज्य सचिवालय है। इस प्रदर्शन को लेकर कोलकाता में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है। चप्पे-चप्पे पर निगरानी की जा रही है। हाबडा ब्रिज को सील कर दिया गया है।

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