स्वामी प्रसाद ने सपा का महासचिव का पद छोड़ा

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। स्वामी प्रसाद मौर्या ने सपा के राष्ट्रीय महासचिव के पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने पार्टी नेतृत्व पर दलितों व पिछड़ों को उचित भागीदारी न देने समेत कई गंभीर आरोप लगाए हैं। लेकिन, अंदरखाने माना जा रहा है कि वे राज्यसभा के टिकट वितरण से नाराज चल रहे हैं। उनके इस्तीफे को सपा नेतृत्व पर दबाव की राजनीति के तौर पर भी देखा जा रहा है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को भेजे त्यागपत्र में उन्होंने कहा है कि डॉ. भीमराव आंबेडकर और डॉ. राममनोहर लोहिया समेत सामाजिक न्याय के पक्षधर महापुरुषों ने 85 बनाम 15 का नारा दिया था।
लेकिन, समाजवादी पार्टी इस नारे को लगातार निष्प्रभावी कर रही है। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में भी बड़ी संख्या में प्रत्याशियों का पर्चा व सिंबल दाखिल होने के बाद अचानक प्रत्याशियों को बदला गया। इसके बावजूद वह पार्टी का जनाधार बढ़ाने में सफल रहे। विधानसभा के अंदर पार्टी को 45 से 110 पर पहुंचा दिया। स्वामी प्रसाद मौर्य लंबे समय से सपा में खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। उनके हर बयान को समय-समय पर प्रो. रामगोपाल यादव और शिवपाल यादव निजी राय बताते रहे हैं। वहीं, विधानसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक मनोज पांडे तो उनका मानसिक संतुलन बिगड़ा हुआ बता चुके हैं। इससे ज्यादा पीड़ा उन्हें इस बात की है कि पार्टी के अंदर भी सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव उनके खिलाफ आ रहे बयानों पर कोई लगाम नहीं लगा रहे हैं। पार्टी नेतृत्व पर दलितों और पिछड़ों को उचित भागीदारी न दिए जाने का जो आरोप उन्होंने लगाया है, वो दरअसल राज्यसभा चुनाव से जुड़ा है।

ड्रामा कर रहे हैं स्वामी प्रसाद : राजभर

स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफे पर सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव के इशारे पर स्वामी ड्रामा कर रहे हैं। राजभर का कहना है कि अगर स्वामी प्रसाद वास्तव में अखिलेश के व्यवहार से आहत हैं तो एमएलसी के पद से इस्तीफा क्यों नहीं दिया। सुभासपा अध्यक्ष ने बलिया में मीडिया से बातचीत में कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपा के संगठन का पद तो छोड़ दिया लेकिन सपा में बने रहेंगे। ये कौन सा सिद्धांत हैं। इससे स्पष्ट है कि यह स्वामी ने ये ड्रामा अखिलेश के इशारे पर किया है। उन्होंने कहा कि अखिलेश और स्वामी प्रसाद मिलकर मुसलमानों का वोट लेने के लिए ड्रामा कर रहे हैं। राजभर ने कहा कि स्वामी प्रसाद की संगठन में तो कभी भी वापसी हो सकती है। अगर स्वामी सपा के एमएलसी के पद से इस्तीफा देते तो स्वीकार हो जाता इसलिए उन्होंने संगठन से इस्तीफा दिया। राजभर ने अखिलेश को घेरते हुए कहा आज तक तो मौर्य के किसी बयान पर सपा अध्यक्ष ने कोई एक्शन नहीं लिया। आज शिव पूजन करने के समय ड्रामे के तहत इस्तीफा दिलवा दिया।

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