जहर प्लान करने वाला आतंकी धुना गया, रिसिन केस में हुआ था गिरफ्तार

साबरमती जेल में कैदियों ने आतंकी को खूब कूटा... रिसिन आतंकी साजिश में गिरफ्तार हुआ था आतंकी... लोगों को जहर से मारने की थी प्लानिंग...  

4पीएम न्यूज नेटवर्कः दोस्तों गुजरात की साबरमती सेंट्रल जेल के हाई सिक्योरिटी बैरक में उस वक्त हड़कंप मच गया.. जब तीन विचाराधीन कैदियों ने एक नए आए कैदी पर अचानक हमला बोल दिया.. वह नया कैदी कोई साधारण अपराधी नहीं था.. वह डॉ. सैयद अहमद मोहियुद्दीन अब्दुल कादिर जिलानी उर्फ डॉ. अहमद मोहियुद्दीन सैयद था.. वह शख्स जो इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत के लिए भारत में रिसिन नाम का इतना खतरनाक जहर तैयार कर रहा था.. कि एक चुटकी में सैकड़ों लोग मारे जा सकते थे..

बता दें कि जब वह आतंकी जेल में पहुंचा तो कैदियों ने उसे घेर लिया.. मुक्कों और लातों की जमकर बारिश की.. जिसकी वजह से उसकी आंख और नाक पर गंभीर चोटें आईं… लेकिन दूसरे कैदियों ने चिल्लाना शुरू किया.. और जेल स्टाफ ने तुरंत दखल देकर उसे बचा लिया.. जेल अधीक्षक गौरव अग्रवाल ने बताया कि घटना छोटी थी.. लेकिन हमने तुरंत कार्रवाई की.. और अहमद का जेल डिस्पेंसरी में इलाज कराया गया.. अब वह खतरे से बाहर है.. वहीं रानीप पुलिस ने तीन हमलावरों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है.. एक हमलावर की पहचान नीलेश शर्मा के रूप में हुई है.. जो चोरी के मामले में जेल में बंद है.. जेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हमलावरों ने कहा कि वे देशभक्ति दिखाना चाहते थे..

जानकारी के अनुसार यह घटना सिर्फ जेल की मारपीट नहीं थी.. यह उस खतरनाक आतंकी साजिश की गूंज थी.. जिसे गुजरात एटीएस ने कुछ दिन पहले ही नाकाम किया था.. बता दें कि रिसिन एक प्राकृतिक जहर है जो अरंडी (कैस्टर) के बीजों से निकलता है.. इसे दुनिया के सबसे खतरनाक जैविक हथियारों में गिना जाता है.. अमेरिका की CDC के अनुसार सिर्फ 500 माइक्रोग्राम (नमक के एक दाने जितना) रिसिन इंसान को मार सकता है.. जानकारी के मुताबिक आदमी को सांस के जरिए, पानी में मिलाकर या इंजेक्शन से दिया जाए तो कुछ ही घंटों में मौत हो जाती है.. और इसका कोई इलाज नहीं है.. 1978 में बुल्गारियन लेखक जॉर्जी मार्कोव को लंदन में छाते की नोक से रिसिन दिया गया था.. और वह मर गया था..

डॉक्टर अहमद इसी रिसिन को बड़े पैमाने पर तैयार कर रहा था.. और अहमदाबाद, लखनऊ या अन्य शहरों की भीड़-भाड़ वाली जगहों पर यह जहर छिड़कना या पानी में मिलाना उसका प्लान था.. जिससे एक बार में हजारों लोग मर सकते थे… आपको बता दें डॉ. अहमद मोहियुद्दीन सैयद हैदराबाद का रहने वाला है… उसने चीन से MBBS की डिग्री ली थी.. भारत लौटकर वह प्राइवेट प्रैक्टिस करता था.. बाहर से देखने में पढ़ा-लिखा, शरीफ डॉक्टर दिखता था.. लेकिन अंदर से कट्टरपंथी विचारधारा का था.. गुजरात एटीएस के डीआईजी सुनील जोशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया था कि अहमद बहुत पढ़ा-लिखा.. और खतरनाक दिमाग का मालिक है.. उसने ऑनलाइन ही रिसिन निकालने की विधि सीखी थी.. वह ISKP का एक्टिव मेंबर था.. और पाकिस्तान बेस्ड हैंडलर के सीधे संपर्क में था…

जानकारी के मुताबिक अहमद ने दो अन्य लोगों को भी अपने साथ जोड़ा था.. एक आजाद सुलेमान शेख.. और दूसरा मोहम्मद सुहेल मोहम्मद सलीम.. जिसको लेकर कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया कि उसके साथ दो अन्य डॉक्टर भी डॉक्टर थे.. तीनों ने मिलकर अहमदाबाद और लखनऊ की रेकी की थी.. और गुजरात एटीएस को कई महीनों से खुफिया इनपुट मिल रहे थे कि.. ISKP भारत में कोई बड़ा जैविक हमला करने की फिराक में है.. नवंबर 2025 के पहले हफ्ते में सूचना मिली कि हैदराबाद का एक डॉक्टर रिसिन बना रहा है.. जिसको लेकर गुजरात एटीएस की टीम ने 7-8 नवंबर की रात अडालज टोल प्लाजा पर घेराबंदी की.. उस दौरान अहमद अपनी कार से आ रहा था.. जिसकी तलाशी ली गई तो उसके पास से दो ग्लॉक पिस्टल, एक बेरेटा पिस्टल और 30 जिंदा कारतूस मिले..

उसके फोन और लैपटॉप की जांच में पूरा नेटवर्क खुल गया.. उसने कबूल किया कि पाकिस्तान में बैठा उसका हैंडलर ड्रोन से हथियार भेज चुका है.. एटीएस ने हैदराबाद में उसके घर पर छापा मारा.. वहां से कैस्टर बीज, केमिकल और रिसिन बनाने का सामान बरामद हुआ.. कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया कि तैयार रिसिन लिक्विड भी मिला है.. इसके बाद दिल्ली, लखनऊ और अहमदाबाद में भी छापे पड़े.. आजाद सुलेमान शेख और मोहम्मद सुहेल को भी पकड़ा गया.. तीनों को 14 दिन की पुलिस रिमांड मिली.. और फिर न्यायिक हिरासत में साबरमती जेल भेज दिया गया..

वहीं अहमद को हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया था.. लेकिन जेल में खबर फैल गई कि रिसिन वाला आतंकी आया है.. जिसके बाद तीन कैदी ने मिलकर.. उस पर हमला कर दिया.. टाइम्स ऑफ इंडिया से जेल सूत्रों ने बताया कि हमलावरों ने कहा कि हम देशभक्ति दिखा रहे हैं… कुछ देर में ही दूसरे कैदियों ने शोर मचाया और स्टाफ आ गया.. अहमद को तुरंत अलग कर दिया गया.. अब उसकी सुरक्षा और बढ़ा दी गई है.. बता दें कि जेल अधिकारियों को शक है कि किसी ने बाहर से सूचना दी होगी या अंदर किसी ने पहचान लिया.. क्राइम ब्रांच इसकी जांच कर रही है कि हमला पहले से प्लान था.. या अचानक गुस्सा भड़क गया..

एटीएस के मुताबिक यह भारत में अब तक की सबसे खतरनाक जैविक आतंकी साजिशों में से एक थी… अहमद ने सिर्फ रिसिन ही नहीं.. बल्कि बड़े हमलों के लिए पैसा जुटाने.. और नए लड़के भर्ती करने का काम भी कर रहा था.. उसका हैंडलर पाकिस्तान में बैठा था.. और ड्रोन से हथियार भेज चुका था.. अगर यह साजिश सफल हो जाती तो एक शहर में हजारों नहीं, लाखों लोग मर सकते थे.. क्योंकि रिसिन हवा में भी फैल सकता है.. खास बात यह है कि अहमद पढ़ा-लिखा होने के बावजूद कट्टरपंथ की राह पर चला गया.. उसने इंटरनेट पर ही रिसिन बनाने की पूरी प्रोसेस सीखी थी.. वह सोशल मीडिया पर भी एक्टिव था.. और ISKP के प्रोपगैंडा शेयर करता था..

 

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