गहराता जा रहा है जोशीमठ पर खतरा
देहरादून। उत्तराखंड के जोशीमठ में हालात लगातार चिंताजनक बने हुए हैं। प्रभावित घरों की संख्या भी बढक़र 760 हो गई है। अभी तक कुल 169 परिवारों को राहत शिविरों में विस्थापित किया जा चुका है। वहीं 43 प्रभावित परिवारों को डेढ़-डेढ़ लाख रुपये की मदद राशि भी आवंटित कर दी गई है। इस बीच इसरो की एक रिपोर्ट ने जोशीमठ के लोगों की टेंशन बढ़ा दी है। सैटेलाइट तस्वीरों के आधार पर इस रिपोर्ट में कहा गया है कि नरसिंह मंदिर समेत जोशीमठ का पूरा इलाका डूब सकता है। वहीं, नैनीताल हाई कोर्ट में जोशीमठ के भू-धंसाव मामले को लेकर सुनवाई हुई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में जोशीमठ संकट को लेकर कैबिनेट की मीटिंग आज दोपहर को होगी।
भू-धंसाव को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आपदा प्रबंधन विशेषज्ञ डॉ. पीयूष रौतेला और डॉ. एमपीएस बिष्ट को सरकार की गठित विशेषज्ञ समिति में शामिल करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कमिटी को निर्देश दिया है कि वह दो महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में कोर्ट के सामने पेश करे। कोर्ट ने सरकार को उत्तराखंड के जोशीमठ में निर्माण पर लगी रोक को सख्ती से लागू करने का भी आदेश दिया है।
इस बीच चमोली जिले में जोशीमठ के बाद अभी कर्णप्रयाग पर भी खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। यहां भी घरों में दरारें आने के बाद प्रशासन ने बहुगुणा नगर को तुरंत खाली कराने का आदेश दिया है। दरअसल, चमोली जिले में हालात लगातार खराब होते जा रहे हैं। जोशीमठ के बाद कर्णप्रयाग में कई घरों में दरारें पड़ गईं हैं। ऐसे में प्रशासन ने कर्णप्रयाग के बहुगुणानगर को तुंरत खाली कराने का आदेश दिया है। प्रशासन ने बहुगुणा नगर के लोगों को तुंरत पास के रेन बसेरों में शिफ्ट होने का नोटिस जारी किया है ताकि यहां भी किसी तरह की जनहानि न हो।
बता दें कि जोशीमठ से शुरू हुआ जमीन में दरार पडऩे का दायरा बढ़ता ही जा रहा है। हालात ये हो गए हैं कि जोशीमठ के आसपास के इलाकों में भी इसी तरह की स्थिति बनी हुई है। कर्णप्रयाग में भी कई घरों में दरारें आ चुकी है। इन घरों में रहना खतरे से कम नहीं है। 11 जनवरी को प्रशासन ने कर्णप्रयाग में उन घरों का मुआयना किया था, जहां पर दरारें आई थी। इसके बाद ही प्रशासन ने बहुगुणा नगर में रह रहे लोगों को अस्थाई तौर पर सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने का आदेश दिया।
इतना नहीं जोशीमठ में आर्मी कैंप इलाके में कुछ भवनों में दरारें आई है, जिसे बाद वहां रह रहे सेना के जवानों को भी सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है। इसकी जानकारी खुद सेना की तरफ से दी गई है। वहीं, जोशीमठ में इस समय सबसे ज्यादा मुश्किल हालात मौसम ने बना रखा है। क्योंकि गुरुवार शाम से जोशीमठ और आसपास के इलाको में बारिश हो रही है। वहीं आज 12 जनवरी को जोशीमठ में दरारे आने के बाद जो भवन रहने लायक नहीं बचे हैं, उन्हें गिराने का काम शुरू हो गया है। पहले चरण में जोशीमठ के दो बड़े होटलों को तोड़ा जा रहा है। इसके बाद अन्य घरों को तोड़ा जाएगा।