गांजा का असर केवल दिमाग पर नहीं, पूरे शरीर पर पड़ता है- जनिए लक्षण

THC दिमाग के उन हिस्सों से जुड़ता है जो मूड, राहत, सीखने की क्षमता और दर्द महसूस करने की प्रक्रिया को कंट्रोल करते हैं.

4पीएम न्यूज नेटवर्क: गांजा जिसे मारिजुआना या कैनाबिस नाम से जाना जाता है। इसको लेकर अक्सर सामाजिक औैर कानूनी बहस होती रहती है, लेकिन इसको लेकर वैज्ञानिक दृष्टिकोण भी उतना ही जरूरी है। विशेषज्ञों के अनुसार, गांजे में मौजूद मुख्य सक्रिय तत्व यानी THC शरीर और दिमाग दोनों पर गहरा प्रभाव डालता है।

THC दिमाग के उन हिस्सों से जुड़ता है जो मूड, राहत, सीखने की क्षमता और दर्द महसूस करने की प्रक्रिया को कंट्रोल करते हैं. इसके अलावा गांजे में अन्य कैमिकल्स भी होते हैं जो मांसपेशियों की गति, कॉर्डिनेशन और ब्लड प्रेशर पर असर डाल सकते हैं. जब THC ब्लडस्ट्रीम में पहुंचता है, तो यह न्यूरोट्रांसमीटर के कामकाज को बदल देता है, जिससे व्यक्ति को अलग तरह की अनुभूति, मानसिक हलचल या आराम महसूस हो सकता है. इन सब कारणों से गांजे का असर केवल दिमाग तक सीमित नहीं रहता बल्कि पूरे शरीर पर दिखाई देता है.

गांजा के लगातार या ज्यादा इस्तेमाल से कई स्वास्थ्य समस्याएं सामने आ सकती हैं. इसमें सबसे आम मानसिक समस्या पैरोनिया (Paranoia) है, जिसमें व्यक्ति बिना वजह डर, शक या किसी खतरे का अनुभव करने लगता है. इसके अलावा याददाश्त कमजोर होना, फोकस करने में दिक्कत, नींद में गड़बड़ी और मूड में बदलाव भी देखने को मिलते हैं. हार्ट रेट बढ़ना, ब्लड प्रेशर में बदलाव और मांसपेशियों की कमजोरी जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं. पैरोनिया तब और गंभीर हो जाता है जब THC की मात्रा ज्यादा हो या व्यक्ति पहले से मानसिक दबाव या तनाव में हो.

किन लोगों की सेहत पर ज्यादा होता है गांजा का असर?
गांजा का असर हर व्यक्ति पर अलग तरह से होता है, लेकिन कुछ लोगों पर यह विशेष रूप से ज्यादा प्रभाव डालता है. कम उम्र के किशोर और युवा सबसे अधिक सेंसिटिव होते हैं, क्योंकि उनका मस्तिष्क अभी पूरी तरह विकसित नहीं हुआ होता और THC उनकी न्यूरोलॉजिकल प्रक्रिया पर अधिक असर डाल सकता है.

इसके अलावा, मनोवैज्ञानिक समस्याओं वाले लोग, जैसे चिंता, डिप्रेशन या पहले से मानसिक रोग वाले, गांजा के इस्तेमाल से अपने मानसिक संतुलन को खो सकते हैं. विशेष ध्यान देने वाली बात यह है कि जो लोग गांजे का सेवन मनोरंजन के लिए एंजॉय करते हैं, उनके मुकाबले जो लोग इसे तनाव, चिंता या मानसिक दबाव कम करने के लिए लेते हैं, उन पर इसका असर कहीं ज्यादा गहरा और गंभीर होता है.

इसके अलावा, जिन लोगों ने बचपन में मानसिक या शारीरिक प्रताड़ना झेली है, उनके मस्तिष्क में स्ट्रेस के प्रति सेंसिटिविटी अधिक होती है और THC के कारण पैरोनिया या चिंता के लक्षण उभर सकते हैं. लगातार या ज्यादा
मात्रा में इस्तेमाल करने वाले और जिनकी स्वास्थ्य स्थिति कमजोर है, जैसे हार्ट या फेफड़े की बीमारियां, उनके
लिए गांजा और भी खतरनाक हो सकता है. इन सभी कारणों से यह जरूरी है कि गांजा केवल कानूनी और कंट्रोल
वातावरण में और डॉक्टर की सलाह के साथ ही लिया जाए, ताकि शरीर और मानसिक स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान
न पहुंचे.

आपको बता दें,कि गांजे का सेवन कभी भी बिना सलाह के न करें. किशोरों और युवाओं में उपयोग से बचें. मानसिक रोग या तनाव वाले लोग सावधान रहें. लगातार या अधिक मात्रा में इस्तेमाल से बचें. अगर डर, शक या पैरोनिया जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.

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