हाथरस हादसे के पीडि़तों के साथ है पूरा विपक्ष : राहुल
- घटना स्थल पहुंचकर नेता प्रतिपक्ष ने लोगों को बंधाया ढांढस
- बोले- मृतकों व घायलों को ज्यादा से ज्यादा मदद दी जाए
- पुलिस ने जांच तेज की, छह लोग गिरफ्तार
- सीजेआई को भेजी गई सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। हाथरस हादसे के बाद जहां पुलिस सक्रिय होकर मामले की जांच में जुटी हैं वहीं सियासत भी तेज हो गई है। उधर पुलिस की एफआईआर में बाबा साकार हरि का नाम न होने से योगी सरकार की कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं। राजनीति गलियारों में 123 लोगों की मौत का जिम्मेदार कौन है इस तरह कि बातें हो रही हैं। इस बीच नेता प्रतिपक्ष व कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी ने हाथरस पहुंचकर पीडि़तों के आंख के आंसू पोंछे। इस पर भाजपा ने पलटवार किया है। मंत्री बेबी रानी मौर्या ने कहा है कि राहुल गांधी खिझे हुए इसलिए ऐसे वैसे बयान दे रहे हैं। वहीं एसआईटी ने जांच रिपोर्ट सीएम योगी को सौंप दी है। उत्तर प्रदेश के हाथरस में सत्संग के दौरान मची भगदड़ का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। शीर्ष अदालत में जनहित याचिका दायर कर मांग की गई है कि सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में घटना की जांच करवाई जाए। सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार (5 जुलाई) को इस याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग को लेकर मेंशन किया गया। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को अवगत करवाया जाए। अदालत के निर्देश के बाद याचिकाकर्ता ने मुख्य न्यायाधीश को भी जल्द सुनवाई की मांग को लेकर मेल भेज दिया है। इस मेल में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में पांच सदस्यों वाली कमिटी का गठन किया जाए, जो हाथरस हादसे की जांच करे। भविष्य में इस तरह की सार्वजनिक सभाओं और बड़ी संख्या में लोगों के इकट्ठा होने वाले कार्यक्रमों में ऐसी दुर्घटना से बचने के लिए गाइडलाइंस बनाने के लिए मुख्य न्यायाधीश से निर्देश देने की मांग की गई है। मुख्य न्यायाधीश को भेजे गए मेल में आगे कहा गया है कि प्रदेश सरकार को हाथरस हादसे पर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया जाए। उन सभी व्यक्तियों और अधिकारियों पर कानूनी कार्रवाई की जाए, जिन्होंने लापरवाही बरती है। याचिका में यह भी कहा गया है कि भविष्य में भी इस तरीके के आयोजनों में इस तरह की घटना ना घटे इसको लेकर भी नियम बनाया जाए।
दुखद हादसा है पीडि़तों को जल्द मुआवजा बांटा जाए : राहुल
दुर्घटना के शोक संतप्त परिवारों से मिलने के बाद कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा, यह दुखद हादसा है। बहुत परिवारों को नुकसान हुआ है। काफी लोगों की मृत्यु हुई है। प्रशासन की कमी तो है और भी गलतियां हुई हैं। पीडि़त परिवारों को सही मुआवजा मिलना चाहिए। मैं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से विनती करता हूं कि दिल खोलकर मुआवजा दें। मुआवजा जल्दी से जल्दी देना चाहिए। परिवारवालों से मेरी बातचीत हुई है। अलीगढ़ के थाना अकराबाद क्षेत्र के गांव पिलखाना में शुक्रवार प्रात कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पहुंचकर हाथरस सत्संग हादसे के मृतक मंजू उसके छह वर्ष के बेटे पंकज अन्य परिवार की शांति देवी व प्रेमवती के पीडि़त परिजनों को सांत्वना दी। घटना को दुखद बताते हुए पीडि़त परिजनों से घटना के बारे में जानकारी करने के साथ मृतक मंजू की सास को राहुल गांधी ने आश्वस्त किया कि वह अपने स्तर से हर संभव उनकी मदद करेंगे और कहा कि अब वह इस स्तर पर है कि पीडि़त परिवारों की लड़ाई लडऩे के साथ उनकी सरकार द्वारा हर संभव मदद करायेंगे।
हाथरस कांड की जांच करने जल्द जाएगा न्यायिक आयोग
हाथरस कांड की जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग की पहली बैठक बृहस्पतिवार को हुई, जिसमें जल्द हाथरस जाकर जांच शुरू करने का निर्णय लिया गया। डालीबाग स्थित नैमिषारण्य राज्य अतिथि गृह में हुई बैठक में आयोग के अध्यक्ष एवं इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति बृजेश कुमार श्रीवास्तव के अलावा सदस्य के रूप में नामित सेवानिवृत्त आईपीएस भवेश कुमार सिंह, आईजी कानून-व्यवस्था एलआर कुमार और प्रमुख सचिव संसदीय कार्य जेपी सिंह ने हिस्सा लिया। बैठक संपन्न होने के बाद आयोग के अध्यक्ष ने बताया कि इस हादसे की जांच किस तरह शुरू करनी है, इस पर विस्तार से चर्चा की गयी। पहली बैठक में जरूरी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद दो दिन के भीतर हाथरस जाकर जांच शुरू करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि अभी आयोग को घटना से संबंधित दस्तावेज नहीं मिले हैं। आयोग दस्तावेज मिलने के बाद हाथरस जाकर स्थानीय अधिकारियों, मृतकों के परिजनों आदि का बयान दर्ज करेगा। आवश्यकता पडऩे पर मीडिया की मदद भी ली जाएगी। सूत्रों की मानें तो राज्य सरकार द्वारा आयोग को जल्द लखनऊ और हाथरस में कैंप कार्यालय, वाहन और अन्य संसाधन भी मुहैया कराया जाएगा।
पीडि़तों को गले लगाकर राहुल ने पोछे आंसू
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी शुक्रवार को हाथरस की भगदड़ में जान गंवाने वाले पीडि़तों के घर पहुंचे। यहां उन्होंने मृतकों के परिजनों से मुलाकात की और उन्हें सांत्वना दी। दिल्ली से सड़क मार्ग द्वारा राहुल गांधी सुबह-सुबह अलीगढ़ के पिलखना पहुंचे। यहां वह हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों से मिले। इसके बाद वह हाथरस में नवीपुर खुर्द, विभव नगर स्थित ग्रीन पार्क पहुंचेंगे, जहां वह आशा देवी, मुन्नी देवी आ ओमवती के परिवार वालों से मिले।
छह सेवादार गिरफ्तार, मुख्य सेवादार पर एक लाख रुपये का इनाम
हाथरस भगदड़ मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। अब तक इस घटना में आयोजन समिति से जुड़े छह सेवादारों को गिरफ्तार किया गया। वहीं इस घटना के मुख्य आयोजक-मुख्य सेवादार की गिरफ्तारी पर एक लाख रुपये के इनाम की घोषणा की गई है। गिरफ्तार लोगों में उपेंद्र, मंजू यादव, मुकेश कुमार शामिल हैं। घटना पर अलीगढ़ के आईजी शलभ माथुर ने कहा कि जोन स्तर पर सभी जिलों में एसओजी की टीमों को आरोपियों को चिह्नित व गिरफ्तारी के लिए लगाया गया है। साथ ही मौके से मिले साक्ष्यों को विवेचना का हिस्सा बनाया जा रहा है। गिरफ्तार लोगों ने बताया है कि बाबा के चरण रज लेने से काफी कष्ट दूर हो जाते हैं। गिरफ्तार लोगों ने बताया कि सेवादार के रूप में कार्य करते हैं, समिति के अध्यक्ष व सदस्य हैं। विवेचना में अगर बाबा का नाम आता है तो उस बिंदु पर कारवाई होगी। जरूरत पडऩे पर बाबा से पूछताछ की जाएगी। आईजी ने बताया कि सभी शवों की पहचान हो गई है और पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी हो गई है।
सीएम योगी को सौंपी गई 15 पन्नों की एसआईटी रिपोर्ट
हाथरस में भोले बाबा के सत्संग में भगदड़ मामले को लेकर एसआईटी की रिपोर्ट आ गई है। यूपी के डीजीपी प्रशांत कुमार और मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने शुक्रवार सुबह सीएम योगी आदित्यनाथ के सरकारी आवास पहुंचे और मुख्यमंत्री से मिलकर एसआईटी की 15 पेजों की रिपोर्ट सौंप दी हैं। सीएम योगी ने 24 घंटे में इस रिपोर्ट को पेश करने के निर्देश दिए थे। एडीजी आगरा और अलीगढ़ कमिश्नर के नेतृत्व में एसआईटी की ये रिपोर्ट तैयार की गई है, 15 पेजों की इस विस्तृत रिपोर्ट में डीएम और एसपी समेत करीब 100 लोगों के बयान दर्ज किए गए हैं, एसआईटी की टीम ने पूरे हादसे की वजह और इतनी भीड़ को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर आयोजन से जुड़े लोगों और सेवादारों से भी बात की और तमाम जानकारी जुटाई है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने डीजीपी प्रशांत कुमार से हाथरस मामले पर पूरी जानकारी ली, सूत्रों के मुताबिक इस रिपोर्ट में कुछ राजनैतिक लोगों के नामों का भी जिक्र हैं, जिनके चुनाव में बाबा की भूमिका अहम रही है।
एफआईआर में बाबा का नाम न होने पर एडवा नाराज
अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति (एडवा) ने हाथरस हादसे में 121 मौतों पर गहरा दुख जताया। वहीं, हादसे की एफआईआर में बाबा का नाम न होने पर नाराजगी जताई है। एडवा की सीमा कटियार, सुमन सिंह, मधु गर्ग व वंदना राय ने संयुक्त रूप से बयान जारी कर कहा कि हाथरस हादसे में हुई मौतों के लिए प्रशासन की अव्यवस्था जिम्मेदार है। प्रशासन ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए उचित इंतजाम नहीं किए थे। भोले बाबा जैसे स्वयंभू बाबा जो भोले-भाले लोगों की भावनाओं व विश्वास से खेलते हैं, वो भी इन मौतों के लिए जिम्मेदार हैं। बाबा लगातार जनता में अंधविश्वास फैलाता रहा और धर्म की आड़ में भ्रमित करता रहा लेकिन सरकार ने नोटिस नहीं किया। हैरानी की बात है कि एफआईआर में बाबा का नाम नहीं है। उन्होंने सरकार से हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों पर सख्त कार्रवाई की मांग की।