बिहार एमएलसी चुनाव में महागठबंधन को झटका

टना। बिहार में विधान परिषद की पांच सीटों पर हुए चुनाव का परिणाम आ गया है। बीजेपी ने गया स्नातक और शिक्षक निर्वाचन दोनों सीटों पर जीत दर्ज की है। इसका अधिकारिक ऐलान होना बांकी है। जेडीयू ने कोशी शिक्षक और सारण स्नातक निर्वाचन क्षेत्र का चुनाव जीता है तो वहीं प्रशांत किशोर की जनसुराज समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी अफाक अहमद ने सारण शिक्षक निर्वाचन में जीत दर्ज की है। इस चुनाव से पहले जेडीयू के खाते में पांच में से चार सीटें थी। अब उसके पास दो ही रह गई है। बीजेपी जहां एक सीट अपने खाते में जोडऩे में कामयाब रही वहीं प्रशांत किशोर समर्थित उम्मीदवार ने भी जीत दर्ज की है। बीजेपी ने गया शिक्षक और स्नातक निर्वाचन दोनों में जीत दर्ज की है। स्नातक निर्वाचन में बीजेपी के चार वार से एमएलसी रहे अवधेश नारायण सिंह ने कांटे की टक्कर में पुनीत कुमार को शिकस्त दी है।
पुनीत कुमार आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे और आरजेडी के चर्चित विधायक सुधाकर सिंह के भाई हैं। पुनीत सिंह पहली बार कोई चुनाव लड़ रहे थे। इसके बाद भी उन्होंने चार बार एमएलसी रहे अवधेश नारायण सिंह को कड़ी टक्कर दी। बीजेपी ने गया शिक्षक निर्वाचन चुनाव भी जीत लिया है। बीजेपी के जीवन कुमार ने यहां से जीत दर्ज की है। पहले यह सीट जेडीयू के खाते में थी। जेडीयू ने अपने सीटिंग एमएलसी संजीव श्याम सिंह को मैदान में उतारा था लेकिन वह अपनी सीट नहीं बचा पाए।
जेडीयू ने कोसी सी शिक्षक एमएलसी सीट पर जीत दर्ज की है। यहां जेडीयू के संजीव कुमार सिंह ने जीत हासिल की है। इसके साथ ही सारण स्नातक निर्वाचन से महागठबंधन के उम्मीदवार वीरेंद्र नारायण यादव ने जीत दर्ज की है। जीत का अधिकारिक ऐलान होना अभी बांकी है। सारण शिक्षक निर्वाचन से प्रशांत किशोर समर्थित अफाक अहमद ने जीत दर्ज की है। अफाक अहमद ने यहां सीपीआई के आनंद पुष्कर को शिकस्त दी। आनंद पुष्कर केदारनाथ पांडेय के बेटे हैं। केदारनाथ पांडेय के निधन के बाद ही यहां उपचुनाव कराया गया था।
लोकसभा चुनाव से पहले पांच सीटों पर हुए एमएलसी चुनाव के हारजीत का परिणाम बड़ा सियासी संदेश देगा। बीजेपी ने जहां दो सीट जीतकर अपनी मजबूत मौजूदगी दर्ज कराई है। वहीं प्रशांत किशोर समर्थक का जीता जाना भी यह बताता है कि उनकी राजनीति सही दिशा में जा रही है। यह चुनाव परिणाम मगागठबंधन के लिए जरुर उत्साहजनकर नहीं है। महागठबंधन इस चुनाव में चार में से दो सीट ही बचा सकी है।

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