भाजपा को भारी पड़ेगी पिछड़ों की उपेक्षा!
अब नहीं चलेगा हिंदुत्व का जोर, निषादों की रैली में दिखा आक्रोश
4 पीएम की परिचर्चा में उठे कई सवाल
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। विधान सभा चुनाव से पहले प्रदेश का सियासी पारा चढ़ता जा रहा है। भाजपा सभी वर्गों को साधने में जुटी है। इसी कड़ी में केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने लखनऊ में निषादों की रैली को संबोधित किया और पिछड़ों को साधने की कोशिश की। सपा भी पिछड़ों में सेंध लगा रही है। सवाल उठता है कि विधान सभा चुनाव की जंग में पिछड़े किसका साथ देंगे? ऐसे कई सवाल उठे वरिष्ठï पत्रकार मुकेश कुमार, केपी मलिक, अनिल रॉयल, अजय शुक्ला और 4पीएम के संपादक संजय शर्मा के बीच चली लंबी परिचर्चा में।
केपी मलिक ने कहा, पिछड़ी जातियां भाजपा के साथ सहज महसूस नहीं कर रही है। वे उपेक्षा महसूस कर रही है। उत्तर प्रदेश में एक जाति विशेष का वर्चस्व है। इसका नुकसान भाजपा को उठाना पड़ेगा। लिहाजा ये जातियां भाजपा को झटका देंगी।
अनिल रॉयल ने कहा, पिछड़ा समाज में बंटवारा है। यह भाजपा के लिए चिंता का विषय है। अभी तक चुनाव से पहले सब हिंदू होते थे अब निषाद, कुर्मी हो गए हैं। जाति की राजनीति यूपी में प्रमुख रही है। आरक्षण की घोषणा नहीं की गयी। इससे निषाद समाज खुश नहीं है। यह बात रैली में भी दिखायी पड़ी। मुकेश कुमार ने कहा, केवल जातियों का मामला ही नहीं बल्कि उनके आर्थिक-सामाजिक मुद्दे भी हैं। परिस्थितियां बदल चुकी है। ये जातियां भाजपा से असंतुष्टï हैं। जाहिर है भाजपा को इससे बहुत नुकसान होगा। धार्मिक मुद्दा अब काम नहीं करेगा। अब मोदी की छवि भी तार-तार हो चुकी है। लिहाजा इसका फायदा भी इसको नहीं मिलने वाला है। अजय शुक्ला ने कहा, भाजपा केवल विकास और धर्म के ड्रामे में कर रही है। पिछली सरकार पर घोटाले के खूब आरोप लगाए गए लेकिन सीएम हर भ्रष्टï को संरक्षण दे रहे हैं। अब भाजपा को फायदा नहीं मिलने वाला है।