दुबई में रात होगी यादगार, आसमान में दिखेगा सुपरमून का नजारा

5 दिसंबर 2025 यानी आज की रात, मेदान रेसकोर्स पर सुपरमून का उदय होगा। यह कोई साधारण चांद नहीं होगा, बल्कि साल का आखिरी सुपरमून, जिसे कोल्ड मून भी कहते हैं। यह चांद इतना बड़ा और चमकीला दिखेगा कि लगेगा मानो आसमान नीचे उतर आया हो।

4पीएम न्यूज नेटवर्क:  5 दिसंबर 2025 यानी आज की रात, मेदान रेसकोर्स पर सुपरमून का उदय होगा। यह कोई साधारण चांद नहीं होगा, बल्कि साल का आखिरी सुपरमून, जिसे कोल्ड मून भी कहते हैं। यह चांद इतना बड़ा और चमकीला दिखेगा कि लगेगा मानो आसमान नीचे उतर आया हो। मेदान रेसकोर्स, जो दुबई का मशहूर घुड़दौड़ का मैदान है, इस बार सिर्फ घोड़ों की तेज रफ्तार के लिए नहीं, बल्कि इस खगोलीय चमत्कार के लिए भी याद किया जाएगा। दुबई रेसिंग क्लब ने इस मौके को खास बनाने के लिए दुबई एस्ट्रोनॉमी ग्रुप के साथ हाथ मिलाया है।

शाम 5 बजकर 48 मिनट पर चांद ग्रैंडस्टैंड के ठीक ऊपर उगेगा, जो शहर की ऊंची इमारतों के बीच एक दुर्लभ नजारा देगा। यह इवेंट यूएई में पहली बार होगा जब घुड़दौड़ और सुपरमून एक ही रात में एक ही जगह पर दिखेंगे। लोग घोड़ों को दौड़ते देखेंगे और साथ ही दूरबीनों से चांद को निहारेंगे। यह शाम सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि प्रकृति और खेल का अनोखा संगम होगी। अगर आप दुबई में हैं, तो यह मौका हाथ से न जाने दें। टिकट पडॉक गार्डन के लिए सिर्फ 75 दिरहम में मिल जाएंगे, जहां खाने-पीने की शानदार व्यवस्था है। लेकिन अगर नहीं जा पा रहे, तो भी यूएई के किसी भी खुले पूर्वी क्षितिज वाले स्थान से यह चांद दिखेगा, जैसे बीच, रेगिस्तान या बालकनी। आइए, इस खास इवेंट की पूरी कहानी जानते हैं, और साथ ही ये भी जानते हैं कि और क्या है खास.

सबसे पहले बात करते हैं सुपरमून की। सुपरमून क्या होता है? आसान अल्फ़ाज़ों में कहें तो जब चांद पृथ्वी के सबसे करीब आता है और साथ ही पूर्णिमा का रूप धारण करता है, तो वह सुपरमून कहलाता है। सामान्य पूर्ण चांद से यह 14 प्रतिशत बड़ा और 30 प्रतिशत ज्यादा चमकीला दिखता है। चांद हमेशा पृथ्वी के चारों ओर गोल घूमता रहता है, लेकिन उसकी कक्षा अंडाकार होती है। कभी वह करीब आता है, जिसे पेरिजी कहते हैं, और कभी दूर, जिसे एपोजी। जब पेरिजी के समय पूर्णिमा हो, तो सुपरमून।

वैज्ञानिकों के मुताबिक, चांद पृथ्वी से लगभग 4 लाख किलोमीटर दूर रहता है, लेकिन सुपरमून के समय यह दूरी घटकर कम हो जाती है। इस वजह से चांद का आकार बढ़ जाता है। 2025 में तीन सुपरमून होंगे। पहला हंटर्स सुपरमून 7 अक्टूबर को, दूसरा बीवर सुपरमून 15 नवंबर को, और तीसरा यही कोल्ड मून 5 दिसंबर को। कोल्ड मून का नाम पुरानी परंपराओं से आया है।

उत्तरी गोलार्ध में दिसंबर का महीना सर्दियों का सबसे ठंडा समय होता है, इसलिए अमेरिकी मूल निवासियों ने इसे कोल्ड मून नाम दिया। भारत में हम इसे मार्गशीर्ष पूर्णिमा कहते हैं, जो भगवान कृष्ण की पूजा से जुड़ी है। लेकिन दुबई जैसे गर्म इलाके में यह चांद ठंडक की याद दिलाएगा, क्योंकि यहां दिसंबर में मौसम सुहावना होता है, नमी कम, आकाश साफ। इस वजह से चांद की सतह के क्रेटर और समुद्र साफ दिखेंगे। खगोलशास्त्री कहते हैं कि सुपरमून के समय समुद्र की लहरें थोड़ी ऊंची हो जाती हैं, क्योंकि चांद गुरुत्वाकर्षण से पानी को खींचता है। लेकिन दुबई में यह ज्यादा असर नहीं दिखेगा, फिर भी रोमांच तो है। आज की शाम में जब चांद उगेगा, तो लगेगा जैसे कोई बड़ा गेंद आसमान में लटक गया हो। बच्चे, बूढ़े, जवान सब इसे देखने को उत्सुक होंगे।

मेदान दुबई का गौरव है, दुनिया का सबसे आधुनिक और बड़ा घुड़दौड़ मैदान। यह 2010 में खुला था, शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम की दृष्टि से। 1.2 किलोमीटर लंबा यह ट्रैक है, जहां हर साल दुबई रेसिंग कार्निवल होता है, नवंबर से मार्च तक। इसमें 16 रेस मीटिंग्स होती हैं, जिनमें दुबई वर्ल्ड कप सबसे बड़ा इवेंट है, जहां 12 मिलियन डॉलर का प्राइज होता है। मेदान सिर्फ रेसिंग के लिए नहीं, बल्कि लाइफस्टाइल डेस्टिनेशन है। यहां होटल, रेस्तरां, स्पा सब है। ग्रैंडस्टैंड इतना ऊंचा है कि पूरा दुबई दिखता है। ये रेसिंग शाम 5:30 बजे शुरू होगी। पहली रेस लिंकन एविएटर नाम की होगी, थोरोब्रेड घोड़ों के लिए, 1200 मीटर डर्ट ट्रैक पर, 2 लाख 10 हजार दिरहम का प्राइज। कुल 8-10 रेस होंगी, जहां दुनिया भर के घोड़े दौड़ेंगे। तेज रफ्तार घोड़े, जो 60 किलोमीटर प्रति घंटा तक चला सकते हैं, मैदान पर उड़ान भरेंगे। जॉकीज रंग-बिरंगे कपड़ों में, दर्शक चीयर करेंगे।

लेकिन खास बात यह कि रेस के बीच में सुपरमून का उदय होगा। आयोजक कहते हैं कि दर्शकों को बिना रुकावट दोनों का मजा मिलेगा। ग्रैंडस्टैंड से सीधा पूर्वी क्षितिज दिखेगा, जहां चांद उगेगा। दुबई एस्ट्रोनॉमी ग्रुप के एक्सपर्ट टेलीस्कोप लगाएंगे, चांद की सतह बताएंगे। सोफी रायन, दुबई रेसिंग क्लब की हेड, के मुताबिक ‘यह साल के सुपरमून का समापन है, रेसिंग और खगोल विज्ञान का अनोखा मेल। सामने आई जानकारी के मुताबिक लोग रेस देखते हुए चांद पर नजर रख सकेंगे। पडॉक गार्डन में लिटिल फॉक्स, सॉल्ट, मैकगेटिगन्स जैसे रेस्तरां होंगे, जहां खाना और ड्रिंक्स का मजा लें। टिकट dubairacingclub.com से बुक कर सकते हैं अगर फैमिली के साथ जा रहे हैं, तो बच्चे घोड़ों को देखकर खुश हो जाएंगे।

अब आपके भी जहन में होगा कि आखिर यह इवेंट क्यों इतना खास है? तो आपको बता दें कि क्योंकि दुबई हमेशा नया करने में सबसे आगे रहता है। यहां ऊंची इमारतें, लग्जरी कारें, शॉपिंग मॉल्स हैं, लेकिन प्रकृति का यह स्पर्श दुर्लभ है। शहर की लाइट्स के बीच चांद का उदय ग्रैंडस्टैंड के ऊपर, जैसे कोई फिल्म सीन। फोटोग्राफर्स के लिए स्वर्ग है। इंस्टाग्राम पर #SupermoonAtMeydan ट्रेंड करेगा। यूएई में पहली बार ऐसा होगा, इसलिए इतिहास रचेगा। सोचिए, घोड़ों की दौड़ की धड़कन और चांद की चांदनी, दोनों एक साथ।

यह सिर्फ देखना नहीं, महसूस करना है। मौसम भी साथ देगा, दिसंबर में दुबई 20-25 डिग्री का तापमान, हल्की ठंडक। रात में साफ आसमान, प्रदूषण कम। अगर आप एस्ट्रोनॉमी के शौकीन हैं, तो चांद के क्रेटर्स देखें, जैसे टायको, कोपरनिकस। ये पुराने ज्वालामुखी के निशान हैं। या फिर रेसिंग फैंस के लिए, घोड़ों की नस्लें जानें, जैसे थोरोब्रेड, अरेबियन। अरेबियन घोड़े रेगिस्तान के योद्धा हैं, तेज और सहनशील। इस रेस में शायद कुछ अंतरराष्ट्रीय घोड़े हों, ब्रिटेन, आयरलैंड से। जॉकीज जैसे विलियम बक्स, क्रिस्टीना डेविस।

वहीं दर्शक 20 हजार तक हो सकते हैं। पार्किंग फ्री, मेट्रो से भी पहुंच।सुपरमून की वैज्ञानिक बातें थोड़ी और। चांद पृथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह है, जो 4.5 अरब साल पुराना है। यह चट्टानों से बना है, कोई हवा या पानी नहीं। लेकिन इसकी चांदनी रोमांटिक है। सुपरमून के समय रोशनी इतनी तेज कि रात दिन जैसी लगे। कुछ लोग कहते हैं कि यह नींद प्रभावित करता है, लेकिन वैज्ञानिक कहते हैं कि असर कम है। इतिहास में सुपरमून कई घटनाओं से जुड़े। 2011 का सुपरमून जापान भूकंप के समय था।

लेकिन ज्यादातर समय यह खुशी का प्रतीक है। भारत में चांद को चंद्रमा कहते हैं, महाभारत में उल्लेख है। दुबई में अरबी संस्कृति में चांद रमजान का सूचक है। कल यह चांद सभी संस्कृतियों को जोड़ेगा। बच्चे स्कूल में इसकी स्टोरी सुनाएंगे। अगर आप घर पर देख रहे हैं, तो पूर्व दिशा में नजर रखें, शाम 6 बजे तक चमक बढ़ेगी। ऐप्स जैसे स्टेला या स्काईव्यू से ट्रैक करें।

सुपरमून की परंपराएं दुनिया भर में हैं। जापान में त्सुकी मियारी, चांद पूजा। चीन में मिड-ऑटम फेस्टिवल। यूएई में अरबी कविताओं में चांद प्रेम का प्रतीक। यह चांद प्रेमियों को रोमांटिक बनाएगा। कपल्स डेट पर आएंगे। फैमिलीज बॉन्डिंग करेंगी। स्पोर्ट्स लवर्स इंस्पायर होंगे। वैज्ञानिक दृष्टि से, चांद पृथ्वी के अक्ष को स्थिर रखता है, मौसम चक्र बनाता है। बिना चांद के जीवन मुश्किल। नासा के मुताबिक, 2025 में सुपरमून तीन ही, अगला 2026 में। तो यह चांस मिस न करें।मेदान का इतिहास छोटा लेकिन शानदार। 2010 में ओपन, पहले नाद अल शेबा था। अब कार्निवल का हब। 2025-26 सीजन 7 नवंबर से शुरू, 13 मार्च तक। फीचर नाइट्स जैसे फैशन फ्राइडे 23 जनवरी, सुपर सैटरडे 28 फरवरी। लेकिन आज की नाइट यूनिक। रेस कार्ड में गारहौड़ स्प्रिंट लिस्टेड रेस। तेज घोड़े, 1200 मीटर। दांव लगाएं, जीतें। बेटिंग लीगल, रूल्स फॉलो।

इस इवेंट से दुबई की इमेज मजबूत होगी। टूरिज्म बढ़ेगा, 16 मिलियन विजिटर्स सालाना। स्पोर्ट्स, कल्चर, नेचर का मिक्स। आयोजक थैंकफुल हैं, पार्टनर्स को। दुबई एस्ट्रोनॉमी ग्रुप बच्चों को साइंस सिखाएगा। फ्री वर्कशॉप्स। कुल मिलाकर, यह शाम जीवन का सबक देगी। आज की रात दुबई आसमान को छू लेगा। सुपरमून मेदान पर चमकेगा, घोड़े दौड़ेंगे, दिल धड़केंगे। सरल शब्दों में, यह खुशी का पल है। जाइए, देखिए, महसूस कीजिए।

Related Articles

Back to top button