कांग्रेस से नेताओं के जाने का सिलसिला जारी

गौरव वल्लभ ने छोड़ी पार्टी, मुक्केबाज विजेंदर भाजपा में शामिल, निष्कासन के बाद निरुपम ने दिया इस्तीफा

कांग्रेस अध्यक्ष खरगे को चिट्ठी लिख दी जानकारी

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है। कांग्रेस के लिए आए दिन कई तरह की परेशानियां खड़ी हो रही है। गुरुवार चार अप्रैल को कांग्रेस को एक और बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस नेता गौरव वल्लभ ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने यह कहते हुए पार्टी से इस्तीफा दिया कि वह सनातन विरोधी नारे नहीं लगा सकते हैं। इस वजह से पार्टी में बने रहना मुश्किल है।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इसकी जानकारी देते हुए एक लिखा कि कांग्रेस पार्टी दिशाहीन होकर आगे बढ़ रही है। इस परिस्थिति में मैं खुद को पार्टी में सहज महसूस नहीं कर पा रहा हूं। मैं सनातन विरोधी नारे नहीं लगा सकता। इसलिए मैं कांग्रेस पार्टी के सभी पदों और सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं। अपने इस्तीफे में उन्होंने लिखा कि मैं काफी दुखी हूं और मन भी व्यथित है। मैं बहुत कुछ कहना और बताना चाहता हूं लेकिन मेरे संस्कार मुझे ऐसा करने से रोक रहे है। मैं अपने बातें आपके समक्ष रख रहा हूं ताकि मैं कोई सच न छिपाऊं। वल्लभ कई महीनों से पार्टी की ओर से टेलीविजन कार्यक्रमों में शामिल नहीं हो रहे थे और लंबे समय से उनकी कोई प्रेस वार्ता भी नहीं हुई थी। उन्होंने त्यागपत्र में कहा, ‘‘जब मैं कांग्रेस में शामिल हुआ था तो मेरा यह मानना था कि कांग्रेस देश की सबसे पुरानी पार्टी है जिसमें युवाओं और बौद्धिक लोगों की तथा उनके विचारों की कद्र होती है। लेकिन पिछले कुछ समय से महसूस हुआ की पार्टी का मौजूदा स्वरूप नए विचार वाले युवाओं के साथ सामंजस्य नहीं बैठ पा रहा है।

कांग्रेस जमीन से पूरी तरह कट चुकी है : वल्लभ

वल्लभ ने दावा किया कि कांग्रेस जमीन से पूरी तरह कट चुकी है और वह नए भारत की आकांक्षा को नहीं समझ पा रही है जिसके कारण पार्टी न तो सत्ता में आ पा रही है और न ही मजबूत विपक्ष की भूमिका निभा पा रही है। वल्लभ का कहना है कि पार्टी ने अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से दूर रहने का जो रुख अपनाया उससे वह क्षुब्ध हुए। उन्होंने इस्तीफे में कहा, ‘‘मैं जन्म से हिंदू और कर्म से शिक्षक हूं। पार्टी के इस रुख ने मुझे हमेशा क्षुब्ध और परेशान किया। पार्टी व (इंडिया) गठबंधन से जुड़े कई लोग सनातन धर्म के खिलाफ बोलते हैं और उस पर पार्टी का चुप रहना, उसे एक तरह से मौन स्वीकृति देने जैसा है।’’ उन्होंने जाति जनगणना के मुद्दे का उल्लेेख करते हुए कहा है कि पार्टी इस संदर्भ में भी गलत दिशा में आगे बढ़ रही है।

मेरे इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस ने निष्कासित किया : संजय निरुपम

कांग्रेस नेता संजय निरुपम को बीते दिन पार्टी ने निष्कासित कर दिया था। अब संजय ने पोस्ट कर नया खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि मैंने कल रात ही पार्टी को त्यागपत्र दे दिया था, जिसके तुरंत बाद उन्होंने मेरा निष्कासन जारी करने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि इतनी तत्परता देखकर मुझे अच्छा लगा। खरगे को लिखे पत्र में निरुपम ने कहा, मैंने आखिरकार आपकी बहुप्रतीक्षित इच्छा को पूरा करने का फैसला किया है और मैं घोषणा करता हूं कि मैंने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने का फैसला किया है। निरुपम की नजर मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा क्षेत्र पर थी और वो आगामी संसदीय चुनावों के लिए शिवसेना (यूबीटी) को सीट देने के पार्टी के फैसले से नाराज थे। निरुपम के खिलाफ कार्रवाई की मांग तब बढ़ गई जब उन्होंने लोकसभा चुनाव के लिए महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन की सीट-बंटवारे की बातचीत के दौरान मुंबई की सीटें उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी को देने के लिए महाराष्ट्र कांग्रेस नेतृत्व की आलोचना की। इससे पहले बुधवार को कांग्रेस ने स्टार प्रचारक के रूप में निरुपम का नाम हटा दिया था, जिससे संकेत मिला था कि पार्टी में सब सही नहीं है।

कांग्रेस की मजबूती के लिए काम करुंगा: पप्पू

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
पटना। पूर्णिया लोकसभा सीट से निर्दलीय उम्मीवार के तौर पर पप्पू यादव नामांकन के लिए समाहरणालय पहुंचे। इससे पहले उन्होंने अपने माता-पिता का आशीर्वाद लिया। इसके बाद समर्थकों से मिलते से पैदल यात्रा कर पूर्णिया समाहरणालय जा रहे थे। लेकिन, समर्थकों की भीड़ बढऩे लगी। इसके बाद पप्पू यादव बुलेट बाइक पर बैठकर समाहरणालय पहुंचे।
नामांकन से पहले पप्पू यादव ने कहा कि आज का दिन मेरी जिंदगी के अध्याय का है क्योंकि मैंने सबका दिल जीता है और मुझे सभी का आशीर्वाद प्राप्त हुआ है। पूर्णिया और बिहार में कांग्रेस की मजबूती के लिए काम करुंगा। कांग्रेस किसी भी कीमत पर स्थापित हो, इस देश की युवाओं की, देश के अर्थव्यवस्था की बात होनी चाहिए।

मणिपुर के लोगों को चुनाव नहीं, शांति चाहिए!

बीजेपी सरकार होने से कोई लाभ नहीं, हिंसा के बीच सबसे मुश्किल चुनाव, भाजपा व एनपीएफ जीत सकते हैं 1-1 सीट

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
इंफाल। हमें चुनाव नहीं चाहिए। चुनाव होने से क्या होगा? हमारे बच्चे आपस में लड़ रहे हैं। ये लड़ाई खत्म करनी चाहिए न। मणिपुर में बीजेपी की सरकार है और केंद्र में भी। फिर भी पीएम नरेंद्र मोदी कुछ नहीं बोल रहे हैं। यहां सरकार होने के बाद भी लग रहा कि हमारा कोई नहीं है। फिर चुनाव का क्या मतलब। मणिपुर की राजधानी इंफाल में रहने वालीं ओइनाम असलता देवी जब ये कह रही होती हैं तो उनके चेहरे पर गुस्सा और दुख साथ नजर आता है।
फिर हिंसा न भडक़ जाए इस डर से ओइनाम हर रात सोने के बजाय महिलाओं के साथ इलाके की पहरेदारी कर रही हैं। ज्ञात हो कि मणिपुर हिंसा की आग में जल रहा है। एक साल से यह तपिश कम होने का नाम नहीं ले रही है। तमाम लोगों ने पीएम मोदी की मणिपुर आने की अपील की है। वहीं विपक्ष ने पीएम के मणिपुर न आने के लेकर कई बार निशाना साधा है। इसी बीच मणिपुर हिंसा को लेकर के मिक्स मार्शल आर्ट फाइटर चैंपियन चुंगरेंग कोरेन का एक वीडियो सामने आया है। इस वीडियो में वह पीएम मोदी से हिंसाग्रस्त मणिपुर का दौरा करने को कहते सुनाई दे रही है।

दर्द भरा वीडियो

वीडियो में चेंगरेंग कोरेन कहते सुनाई दे रहे हैं, मैं एक संदेश देना चाहता हूं। दिस इज माय हंबल रिक्वेस्ट। मोदी जी, मेरी तरफ से मैं यह मैसेज देना चाहता हूं, हिंसा हो रही है मणिपुर में, लगभग ह मेरा विनम्र अनुरोध है मोदी जी। मणिपुर में हिंसा हो रही है। लगभग एक साल हो गया है। हर दिन लोग मर रहे हैं और रिलीफ कैंप में कई लोग रह रहे हैं। खाना-पीना अच्छे से नहीं मिल रहा है और बच्चा लोग अच्छे से पढ़ाई नहीं कर रहा है। हम लोग फ्यूचर के लिए बहुत परेशान हैं। मोदी जी आप एक बार आकर मणिपुर में विजिट कर लीजिए और जल्द से जल्द मणिपुर को शांत करिए।

20 करोड़ के मालिक हैं राहुल गांधी

कांग्रेस सांसद ने आयोग के हलफनामे में दी जानकारी

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी केरल के वायनाड से एक बार फिर लोकसभा चुनाव लडऩे जा रहे हैं। राहुल गांधी ने बुधवार को अपना नामांकन दाखिल किया। पर्चा भरने के दौरान दिए गए हलफनामे के मुताबिक, राहुल गांधी 20 करोड़ रुपए की संपत्ति के मालिक हैं, लेकिन उनके पास कोई वाहन या आवासीय फ्लैट नहीं है। चुनावी हलफनामे में राहुल गांधी ने करीब 9.24 करोड़ रुपये की चल संपत्ति घोषित की है। इसमें 55,000 रुपए नकद, 26.25 लाख रुपए बैंक में जमा, 4.33 करोड़ रुपए के बांड और शेयर, 3.81 करोड़ के म्यूचुअल फंड, 15.21 लाख के सोने के बांड और 4.20 लाख के आभूषण शामिल हैं।
राहुल गांधी के पास 11.15 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति है। इनमें दिली के महरौली में खेती की जमीन भी शामिल है। इस जमीन की मालिक राहुल गांधी के साथ उनकी बहन प्रियंका गांधी भी हैं। राहुल के पास गुरुग्राम में खुद का ऑफिस स्पेस भी है, जिसकी वर्तमान कीमत 9 करोड़ रुपए से ज्यादा है। राहुल गांधी ने चुनावी हलफनामे में बताया है कि खेती की जमीन उनको विरासत में मिली संपत्ति है, जब कि ऑफिस स्पेस उन्होंने खरीदा है।

राहुल गांधी ने पुलिस केसों की दी जानकारी

अपने हलफनामे में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने उन पुलिस मामलों की भी जानकारी दी है, जिनमें उनका नाम शामिल है। इनमें सोशल मीडिया पोस्ट में कथित तौर पर रेप पीडि़ता के परिवार के सदस्यों की पहचान का खुलासा करने के लिए यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम के तहत एक मामला शामिल है। राहुल ने बताया कि दिल्ली हाई कोर्ट के निर्देशानुसार एफआईआर सीलबंद लिफाफे में है। इसीलिए एफआई के विवरण के बारे में उनको जानकारी नहीं है कि उनको इसमें आरोपी के रूप में पेश किया गया है या नहीं। हालांकि, वह अत्यधिक सावधानी बरतते हुए इसका खुलासा कर रहे हैं।

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