राजस्थान व मध्य प्रदेश में बीजेपी के लिए राह नहीं आसान

  • हार के डर से केंद्रीय नेताओं को राज्य विस चुनाव में उतारने की तैयारी
  • सिटिंग विधायकों की नाराजगी का भुगतना होगा खमियाजा
  • कांगेस ने चारों तरफ से शिवराज सरकार को घेरा
  • राजे व विजयवर्गीय की नाराजगी पड़ेगी भारी

 4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। ऐसा लग रहा राजस्थान व मध्य प्रदेश में बीजेपी की हालत ठीक नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि जहां मध्य प्रदेश में भाजपा अपने केंद्रीय स्तर के नेताओं को विधान सभा चुनाव लड़ाने जा रही है वहीं कुछ इसी तरह का प्रयोग वह राजस्थान में भी करने की सोच रही है। जानकारों की माने तो ऐसा भाजपा का शीर्ष नेतृत्व इसलिए कर रहा है क्योंकि मध्यप्रदेश में उसके सीटिंग विधायकों की छवि अपने क्षेत्र में बहुत खराब हो गई है। बड़े नेताओं को ऐसा लगता है कि अगर इन विधायकों को टिकट देंगे तो हार निश्चित है इसी के मद्देनजर जेपी नड्डा  अमित शाह व पीएम मोदी ने सोच-समझकर निर्णय लिया है कि केंद्रीय स्तर के नेताओं को चुनावों में उतारा जाए ताकि पार्टी को शर्मनाक हार से बचाया जाए। मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार के 18 सालों के शासन से लोग परेशान हैं। लोग अब बदलाव चाहते हैं वहीं कांग्रेस वैसे ही वहां सरकार पर हमले करने को कोई भी अवसर गंवाती नहीं है। कमलनाथ, दिग्विजय, राहुल व प्रियंका गांधी से लेकर हर छोटा बड़ा नेता शिवराज सरकार के कार्यकाल  की आलोचना में लगा रहता है। उधर राजस्थान में वसुंधरा राजे को नज़रअंदाज  करके भी भाजपा ने अपने लिए नड्डा खोद लिया है। अंदर खाने से खबर आ रही है वह शीर्ष नेतृत्व से नाराज हैं। हांलाकि जैसे ही ऐसी खबरें सुर्खियों आई भाजपा कहने लगीं ऐसा कुछ नहीं है । वहीं एमपी में कैलाश विजयवर्गीय को विधान सभा का टिकट दिया गया ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं वह इस फैसले से खुश नहीं हैं।

मैं विधान सभा चुनाव नहीं लड़ रहा : शेखावत

केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने उनके विधानसभा चुनाव लडऩे की चर्चाओं को खारिज कर दिया। शेखावत से पूछा कि आपको मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ चुनाव लड़वाने की चर्चाएं चल रही हैं। इस पर उन्होंने कहा कि पार्टी का निर्णय तो पार्टी जाने, कौन चुनाव लड़ेगा? ये पार्टी संसदीय बोर्ड तय करेगा, लेकिन फिलहाल इस पर कोई चर्चा नहीं हुई। शेखावत ने कहा कि बैठक में राजस्थान में आगामी चुनाव संबंधी विचार हुआ। सारी परिस्थितियों और क्षेत्रों पर चर्चा हुई। चुनाव में क्या समीकरण बनेंगे? उस पर भी चर्चा हुई। चुनाव के हालात पर भी चर्चा हुई। वर्तमान सरकार के हालात पर भी चर्चा हुई। समाज और प्रदेश में व्याप्त मुद्दों पर भी चर्चा हई। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि गहलोत सरकार सबसे भ्रष्टाचारी सरकार है। भ्रष्टाचार के विषय पर भी बहुत विस्तार से चर्चा हुई। आने वाले चुनाव को लेकर भी चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि बैठक में मेरे चुनाव लडऩे संबंधी कोई चर्चा नहीं हुई।

शाह-नड्डा ने नेताओं के साथ की बैठक

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राजस्थान इकाई के नेताओं के साथ आगामी विधानसभा चुनाव पर चर्चा की। इस बीच चर्चा है कि भाजपा दो केंद्रीय मंत्रियों को चुनाव लड़ाने की तैयारी कर रही है। दरअसल, भाजपा ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की दूसरी सूची में तीन केंद्रीय मंत्रियों और चार अन्य सांसदों को जगह दी है। करीब तीन घंटे तक चली बैठक में राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष, वसुंधरा राजे सिंधिया, राजेंद्र राठौड़, सतीश पूनिया, अरुण सिंह, विजया राहटकर, सह प्रभारी नितिन पटेल, गजेंद्र सिंह शेखावत, राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने भाग लिया।

कर्नाटक बंद के दौरान 50 से ज्यादा प्रदर्शनकारी हिरासत में

  • कावेरी नदी का पानी तमिलनाडु को दिए जाने के खिलाफ सडक़ पर उतरे लोग

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
बेंगलुरू। कावेरी नदी का पानी तमिलनाडु को दिए जाने के आदेश के बीच कर्नाटक में आज बंद राज्यव्यापी बुलाया गया है। बंद के आह्वान के बीच कर्नाटक पुलिस ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रदर्शन कर रहे कन्नड़ समर्थक संगठनों के 50 से ज्यादा सदस्यों को हिरासत में ले लिया है। बेंगलुरु ग्रामीण पुलिस मल्ल्किार्जुन बालादंडी ने कहा कि कन्नड़ समर्थक संगठनों ने बंद के मद्देनजर उचित व्यवस्था की है। संगठनों के 50 से ज्यादा लोगों को हिरासत में ले लिया है। उनके पास पर्याप्त पुलिस बल है, वह सुनिश्चित करेंगे कि कुछ भी गलत न हो।

44 फ्लाइट्स कैंसिल, बेंगलुरू एयरपोर्ट में घुसे कार्यकर्ता

शुक्रवार को बेंगलुरू इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान भरने वाली कम से कम 44 फ्लाइट्स कैंसिल कर दी गईं। बंद की वजह से कई शहरों में लोगों का जनजीवन भी प्रभावित हुआ है। एयरपोर्ट के अधिकारियों ने कहा है कि ऑपरेशनल वजहों से फ्लाइट कैंसिल की गई हैं। यात्रियों को इसकी सूचना दे दी गई है। वहीं कर्नाटक के झंडे के साथ पांच कन्नड़ समर्थक कार्यकर्ताओं ने बेंगलुरू एयरपोर्ट के भीतर घुसने की कोशिश की। हिरासत में लिए गए पांचों लोगों से टिकट मिले हैं।

मणिपुर सीएम के पैतृक आवास पर हमला

  • आज सुबह स्थिति काफी हद तक शांत

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
इंफाल। मणिपुर की इंफाल घाटी में गुरुवार रात एक बार फिर हिंसा भडक़ गई। यहां मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के खाली पैतृक आवास पर हमला करने का प्रयास किया गया। साथ ही रात भर हिंसक झड़पें चलीं। हालांकि, शुक्रवार सुबह स्थिति काफी हद तक शांत रही, लेकिन माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है। वहीं, अधिकारियों ने लोगों को आवश्यक वस्तुएं और दवाएं खरीदने के लिए कफ्र्यू में ढील देने का आदेश दिया।
बता दें, इंफाल पूर्व और इंफाल पश्चिम जिलों में सुबह पांच बजे से रात 5 बजे तक कफ्र्यू में ढील दी गई। हालांकि, यह छूट किसी भी सभा या बड़े पैमाने पर लोगों की आवाजाही या धरना प्रदर्शन पर लागू नहीं होगी। इंफाल घाटी में बड़े पैमाने पर सुरक्षा बल मौजूद हैं। इसके बावजूद भीड़ ने गुरुवार रात मुख्यमंत्री के खाली पैतृक आवास पर हमला करने की कोशिश की। हालांकि, सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के गोले छोडक़र उपद्रवियों को वहां से हटा दिया। इंफाल के हेंगांग इलाके में मुख्यमंत्री के पैतृक आवास पर हमला करने का प्रयास किया गया। हालांकि, सुरक्षा बलों ने भीड़ को घर से करीब 100-150 मीटर की दूरी पर रोक दिया।

रात भर हुईं झड़पें

सूत्रों ने बताया कि इंफाल में विभिन्न स्थानों पर गुरुवार रात सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुईं। इसमें कई लोग घायल हो गए। दरअसल, इंफाल पूर्व के हट्टा मिनुथोंग में दो छात्रों की हत्या के लिए न्याय की मांग को लेकर निकाली गई रैली उस समय हिंसक हो गई जब सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें आगे बढऩे से रोक दिया। सूत्रों ने बताया कि घटना में कई लोग घायल हो गए और उन्हें स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।

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