शादी का झांसा देकर पीड़िता से बलात्कार, आरोपी के रसूख के आगे पुलिस लाचार
घरवालों ने भी दिया आरोपी का साथ, पुलिस ने पहले पकड़ा फिर छोड़ा
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
गाजियाबाद। प्रदेश के गाजियाबाद जिला के मधुबन बापूधाम क्षेत्र में लडक़ी के साथ शादी का झांसा देकर जबदस्ती बलात्कार का मामला सामने आया है। पीडि़ता के कई चक्कर लगाने के बाद पुलिस ने एफआईआर किया। सूत्रों के अनुसार मामला जिला गाजियाबाद का बताया जा रहा है, बलात्कार पीडि़ता, निवासी सिग्नेचर होम्स, स्वर्ण जयंती पुरम,थाना मधुबन बापूधाम के साथ आरोपी अभिजीत वीरभान पुत्र अजयवीर सिंह ने शादी का झासा देकर पीडि़ता से बलात्कार किया और अपने अन्य रिश्तेदारों द्वारा जबदस्ती करने का प्रयास किया। पीडि़ता के मना करने और विरोध करने पर मारपीट ,अप्राकृतिक शारीरिक शोषण भी किया। हैरत की बात है कि इसमे आरोपी के घर वालो का भी योगदान रहा। इस तरह के जघन्य अपराध में घर वालो ने भी आरोपी का ही साथ दिया।
पीडि़ता से बात करके पता चला कि वह आईटीएस डेंटल कॉलेज,मुरादनगर से बीपीटी की पढ़ाई कर रही थी, उसी समय सोशल मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से आरोपी अभिजीत वीरभान पुत्र अजयवीर सिंह निवासी 273,मेरठ रोड,ग्राम दुहाई,थाना मधुबन बापूधाम ,जिला गाजियाबाद, से बातचीत शुरू हुयी थी। उक्त आरोपित अभिजीत वीरभान ने शादी का झासा देकर पीडि़ता से कई बार शारीरिक सम्बंध बना लिया। पीडि़ता के दबाव देने पर आरोपित के माता पिता व बहन बहनोई ने दिनांक 21.10.2022 को आर्य समाज मंदिर का फर्जी कागज बनाकर गाजियाबाद सब रजिस्ट्रार कार्यालय में पंजीकरण कराया लेकिन अभिजीत के माता पिता ने शाजिश के तहत अपने निवास दुहाई नहीं ले गए और ना ही समाज के सामने कभी शादी की मानी।
पीड़िता का वीडियो और फोटो बना के रखा
आरोपी यही नहीं पीडि़ता का विडियो और फोटो बनाकर भी रख लेता था। पीडि़ता के विरोध करने पर गाली गलौज मारपीट भी करता था। 25.10.2022 की रात बहनोई अभिषेक(आरोपित का) का छोटा भाई शेखर ने भी पीडि़ता के साथ दुराचार करने का प्रयास किया। इस तरह के अमानवीय हरकतों से तंग आकर पीडि़ता ने आरोपित के माता पिता से कहा की अगर आप लोग मुझे सामाजिक रूप नहीं अपनायेगे तो मैं इसकी शिकायत पुलिस से कर दूंगी, इस पर उन लोगो ने कहा कि तुम (पीडि़ता) बलात्कार का केस न कर पाओ इसलिए हम लोगो ने शादी का झूठा पंजीकरण करा दिया था। यही नहीं उन लोगो ने 07.02.2023 को साजिश के तहत कोरे कागज पर हस्ताक्षर कराकर दिनांक 21.10.2023 को हुए पंजीकरण को भी निरस्त करा दिया था।
पीड़िता की मानसिक हालत बिगड़ी
इस सभी प्रकरण को थाना मधुबन बापूधाम जिला गाजियाबाद में पीडि़ता ने एफआईआर दर्ज कराने का प्रयास किया लेकिन पुलिस द्वारा उसकी सुनवाई नहीं हुयी। पीडि़ता के परिवार वालो ने बताया कि पीडि़ता मानसिक स्थिति बहुत ही खराब है और किसी कार्यवाही ना होने की स्थिति में आत्महत्या करने का भी सोच रही है। कई बार थाने का चक्कर लगाने और मीडिया का दबाव देने के बाद 25.09.2023 को पीडि़ता की एफआईआर सेक्शन 376, 377, 354, 420, 504 व 506 के तहत दर्ज हुयी । इन संगीन धाराओं में एफआईआर दर्ज होने बाद पुलिस ने मुख्य आरोपित अभिजीत को अरेस्ट किया जिसकी पुष्टि खुद थानाध्यक्ष ने पीडि़ता के परिवार को दिया था। कुछ ही समय बाद उसको छोड़ भी दिया।
परास्नातक छात्रों को मानक से कम वजीफा दे रहे निजी मेडिकल कॉलेज
96 हजार दे रहे हैं सरकारी कॉलेज, 14 हजार देकर किनारा कर रहे निजी कॉलेज
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। यूपी के निजी मेडिकल कालेजों के स्नातक ोत्तर छात्रों ने अपने कम पारिश्रमिक को लेकर सरक ार से शिकायत की है। छात्रों ने नेशनल मेडिकल काउंसिल (एनएमसी ) के पीजीएमईआर-2000 के नियम-13 के अनुसार धनराशि देने की मांग की है। छात्रों ने कहा कि एनएमसी ने सारे मेडिकल कालेजों को आदेश देकर कहा है सारे छात्रों को सरकारी कालेजों के बराबर ही भुगतान राशि दी जाए। एनएमसी ने निजी कालेजों को चेतावनी देते हुए कहा था कि ऐसा न करने वाले कालेजों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब हो कि पीजी चिकित्सा शिक्षा विनियम 2000 एनएमसी दिशा निर्देशों 133 अनुबंध51 के अनुसार स्नातकोत्तर छात्रों को राज्य सरकार के चिकित्सा संस्थानों द्वारा दिए जा रहे वजीफा की तरह ही निजी संस्थानों को वजीफा देना चाहिए पर उत्तर प्रदेश में कोई भी निजी कालेज इसका पालन नही कर रहा है। जहां सरकारी मेडिकल कॉलेज के स्नातकोत्तर छात्रों को 96 हजार रुपये मिल रहे हैं जबकि लखनऊ के निजी कालेज मात्र 14 हजार से लेकर 50 हजार तक ही छात्रों भुगतान देकर किनारा कर ले रहे। यूपी के प्रतिष्ठिïत कालेज हिंद 35,000, मेयो सिर्फ 14 हजार, टीएस मिश्रा 35 हजार व एरा मेडिकल 50 हजार का भुगतान कर रहा है।
लाखों में वसूली जा रही है फीस
छात्रों से जो फीस ली जा रही है वह यूपी के पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश से 40 प्रतिशत ज्यादा है। मध्य प्रदेश में 16 से 18 लाख फीस है जबकि स्टाईपेन लगभग 70 हजार दी जा रही हैं। वहीं उत्तर प्रदेश में 25 से 40 लाख के आस-पास फीस वसूली जा रही है जबकि स्टाइपेन के रूप में मात्र 14 से 50 हजार दिए जा रहे हैं। उधर छात्र इस मनमानी के खिलाफ जब बोलेते हैं तो उन्हें धमकाया जाता है कि उनकी शैक्षणिक यात्रा को बाधित कर दिया जाएगा इस डर से बहुत से छात्र कुछ नहीं बोलते हैं।
मद्रास उच्च न्यायालय ने दिया था आदेश
मद्रास उच्च न्यायालय ने स्नातक चिकित्सा शिक्षा विनियम, 2000। के संदर्भ में आदेश देते हुए कहा था कि कॉलेज कर्तव्यब हैं और छात्रों को वजीफा देने का कानूनी दायित्व है और न्यायसंगत सेट-ऑफ के आधार पर इससे इनकार नहीं किया जा सकता है, भले ही वह राशि मांगी गई हो।कोर्ट ने कहा कि कॉलेजों ने इस बात से इनकार नहीं किया है कि छात्र उनके कॉलेजों में पोस्ट-ग्रेजुएट कोर्स के दौरान रेजिडेंट डॉक्टर के रूप में किए गए काम के लिए वजीफा के भुगतान के हकदार हैं। स्नातकोत्तर छात्रों द्वारा किए गए कार्य के लिए वजीफा का भुगतान मेडिकल कॉलेज का वैधानिक दायित्व है। वहीं, वजीफा प्राप्त करना छात्रों का अधिकार है। विनियम 13.3 पर गौर करने के बाद, न्यायालय ने कहा कि यह आदेश देता है कि विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में स्थित संस्थानों के स्नातकोत्तर छात्रों को राज्य सरकार के चिकित्सा संस्थानों के स्नातकोत्तर छात्रों को दिए जाने वाले वजीफे के समान ही वजीफा दिया जाएगा। मद्रास उच्च न्यायालय ने 2017-18 से 2019-20 तक शैक्षणिक वर्षों के लिए वजीफे का भुगतान न करने के लिए महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज और रिसर्च इंस्टीट्यूट और अरूपदाई विदु मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के स्नातकोत्तर छात्रों द्वारा दायर एक रिट याचिका में, संजय वी. गंगापुरवाला और पी. डी. ऑडिकेसवालु, जे.जे. की खंडपीठ ने कॉलेजों को मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के विनियमन 13.3 के संदर्भ में आदेश की तारीख से छह सप्ताह की अवधि के भीतर छात्रों को वजीफे की राशि का भुगतान करने का निर्देश दिया है। राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में केंद्र सरकार के चिकित्सा संस्थान, जिनमें संस्थान स्थित है।
ईडी के सामने पेश नहीं होंगे अभिषेक बनर्जी
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता अभिषेक बनर्जी तीन अकटूबर को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश नहीं होंगे। ईडी ने शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में अभिषेक को समन किया था। इस बीच पार्टी महासचिव और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक ने परोक्ष रूप से ईडी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि दुनिया की कोई भी ताकत उन्हें दिल्ली जाने से नहीं रोक सकती है।
दरअसल, ईडी ने शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में तीन अक्तूबर को एजेंसी के सामने पेश होने के लिए समन जारी किया है। इस पर बनर्जी ने दावा किया है कि दिल्ली में इंडिया गठबंधन की अहम कोऑर्डिनेटिंग मीटिंग के समय उन्हें ईडी ने बुलाया था और अब उस दिन बुलाया जब पश्चिम बंगाल की खातिर दिल्ली में एक प्रदर्शन किया जाना है।उन्होंने कहा, पश्चिम बंगाल के हक के लिए लड़ाई जारी रहेगी। दुनिया में कोई भी ताकत मुझे पश्चिम बंगाल के लोगों और उनके मौलिक अधिकारों के लिए लडऩे से नहीं रोक सकती है। उन्होंने आगे कहा कि वह दो और तीन अक्तूबर को दिल्ली में होने वाले प्रदर्शन में शामिल रहेंगे। बता दें, इससे पहले बनर्जी से 13 सितंबर को साल्टलेक में ईडी कार्यालय में अभिषेक से नौ घंटे तक लंबी पूछताछ की गई थी। ईडी कार्यालय से बाहर आने के बाद, उन्होंने पत्रकारों से कहा था कि उन्हें ईडी ने विपक्षी दलों की बैठक में जाने से रोकने के लिए यह दिन चुना है। अभिषेक ने आरोप लगाया था कि ईडी और सीबीआई पिक एंड चूज के आधार पर मामलों को आगे बढ़ा रही हैं।
आतंकी पन्नू के खिलाफ अहमदाबाद में केस दर्ज
विश्वकप 2023 के मैच में हमले की दी थी धमकी
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
गुजरात। भारत बनाम पाकिस्तान आईसीसी विश्व कप 2023 मैच से पहले धमकी जारी करने के बाद प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के संस्थापक और नामित आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई।
अहमदाबाद के साइबर क्राइम डीसीपी, अजीत रंजन ने कहा, कि विभिन्न सोशल मीडिया हैंडल पर पहले से रिकॉर्ड किए गए धमकी भरे संदेश प्रकाशित किए गए और माहौल खराब करने की कोशिश की गई। इस मामले में पन्नू के खिलाफ 121(ए), 153(ए)(बी), 505 आईपीसी, यूएपीए और आईटी एक्ट 66 एफ के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।
आनंद मोहन के बयान पर नाराज दिखे लालू यादव, बोले-
जितनी अक्ल होगी, उतना ही बोलेगा ना
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
पटना। बिहार में राजद के सांसद मनोज झा की ठाकुर के कुआं वाली कविता पर घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस दौरान, राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने पूर्व सांसद आनंद मोहन के ठाकुरों को बदनाम करने वाले आरोपों पर उन्हें खरी-खोटी सुनाई है। वहीं आनंद मोहन भी अपना स्टैंड क्लियर किया।
दरअसल, शुक्रवार यानी 29 सितंबर को लालू के बड़े बेटे और नीतीश-तेजस्वी सरकार में पर्यावरण मंत्री तेज प्रताप यादव की ओर से स्कूल के बच्चों को जू सफारी के लिए भेजा गया। लालू यादव ने इन बच्चों की बस को झंडा दिखाकर रवाना किया। इस दौरान, जब पत्रकारों ने लालू यादव से मनोज झा की कविता ठाकुर के कुआं को लेकर सवाल पूछा तो जवाब में लालू ने कहा कि जितनी अक्ल होगी, उतना ही बोलेगा ना, वो अपनी शक्ल भी देखे। वहीं जब राजद विधायक चेतन मोहन आनंद के विरोध करने पर कहा कि उसे भी अक्ल नहीं है। इससे पहले पूर्व सांसद आनंद मोहन लालू यादव को इशारों-इशारों में अपना संदेश दिया था। आनंद मोहन ने कहा कि अगर हम किसी के साथ हैं, इसका यह मतलब कतई नहीं है कि हम राजनीतिक तौर भिखमंगा हैं। उन्होंने कहा कि अगर आप हमें एक या दो विधानसभा सीट पर समर्थन करेंगे तो हम 243 विधानसभा सीट पर आपका समर्थन करेंगे। अगर आप हमको एक लोकसभा सीट पर समर्थन करेंगे तो हम आपको 40 लोकसभा सीट पर समर्थन करेंगे।