भाजपा के लिए कठिन है चुनाव की डगर!

डिजिटल माध्यमों से भी लड़ी जाएगी जंग

4पीएम की परिचर्चा में उठे कई सवाल
 4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। विधान सभा चुनाव को लेकर यूपी का सियासी पारा चढ़ गया है। कोरोना को देखते हुए सियासी पार्टियों ने बड़ी-बड़ी रैलियां रद्द कर दी है। ऐसे में सवाल यह कि अब यूपी में भाजपा और सपा वोटरों तक पहुंचने के लिए क्या रणनीति अपनाएगी? ऐसे कई सवाल उठे वरिष्ठï पत्रकार उमाकांत लखेड़ा, शीतल पी सिंह, जयशंकर गुप्ता, हनुमंत राव, चिंतक सीपी राय और 4पीएम के संपादक संजय शर्मा के बीच चली लंबी परिचर्चा में।
उमाकांत लखेड़ा ने कहा, भाजपा सत्ता धारी पार्टी है। पिछला चुनाव पीएम मोदी के नाम पर लड़ा था। इस बार भाजपा के लिए बड़ी कठिन लड़ाई है। आम जनता के मुद्दे केंद्र में है। विज्ञापन बता रहे हैं कि भाजपा को हार को डर सता रहा है। हिंदुत्व का मुद्दा अब अप्रासंगिक हो चुका है। हनुमंत राव ने कहा, अगर पाबंदियां लगीं तो दोनों दलों के पास डिजिटल माध्यम से प्रचार करने का रास्ता खुलेगा। इसमें भाजपा सबसे आगे रहेगी। हालांकि कोरोना ने विपक्ष को मजबूत किया है। भाजपा के पास गांव, ब्लॉक और पंचायत स्तर पर व्हाट्स एप ग्रुप है और वे अपने टारगेट तक पहुंचते हैं। वहीं अखिलेश ने ग्राउंड लेवल पर छोटे दलों को मिलाकर बेहतर काम किया है। इसका फायदा मिलेगा।
सीपी राय ने कहा, भाजपा की आईटी सेल नफरत बांट रही है। यह लड़ाई फासीवाद बनाम लोकतंत्र है लेकिन अब आईटी सेल की नहीं चल रही है। शीतल पी सिंह ने कहा, विभाजन की राजनीति प्रदेश में चल रही है। भाजपा यही काम कर रही है। पीएम से लेकर सीएम तक विभाजनकारी बातें कर रहे हैं। जो मोदी से नाराज है वे सपा में जा रहे हैं। जयशंकर गुप्ता ने कहा, भाजपा अपनी कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों से घर-घर जाकर मिल रही है। वह जाति और धर्म के नाम पर निगटिव प्रचार कर रही है। पिछड़े भाजपा नाराज है। वहीं सपा की सोशल इंजीनियरिंग प्रदेश में काफी बेहतर दिख रही है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button